इंदौर। मध्य प्रदेश के सबसे समृद्ध मंदिरों में से एक खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेश का करोड़ों रुपए के भव्य आभूषणों (Khajrana Ganesh wear jewelery three crores today) से श्रृंगार किया गया. तिल चतुर्थी के मौके पर भगवान श्री गणेश और रिद्धि-सिद्धि ने भी करोड़ों रुपए के सोने के जेवर पहले. इस मौके पर भगवान श्री गणेश को 51 हजार लड्डुओं का भोग भी लगाया गया. मंदिर में भी विशेष सजावट की गई. कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए भक्तों ने भी भगवान गणेश के दर्शन किए.
हर साल होता है मेले का आयोजन
हर साल तिल चतुर्थी पर खजराना गणेश मंदिर में तीन दिन का मेला लगता है, लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा होने की वजह से तिल चतुर्थी का आयोजन परंपरागत रूप से नहीं किया जा रहा है. सुबह ध्वज पताका पूजन के बाद मंदिर में पंचामृत अभिषेक और पूजन किया गया. इस दौरान भगवान श्री खजराना गणेश का करोड़ों रुपए के स्वर्ण आभूषण से भव्य श्रृंगार किया गया. साथ ही पूरे मंदिर परिसर में फूल बंगला सजाया गया और भगवान को 51 हजार लड्डुओं का भोग भी लगाया गया.
खजराना गणेश को पहनाए गए कीमती आभूषण
भगवान गणेश को ₹62.5 लाख का मुकुट पहनाया गया. इसके अलावा 25-25 लाख के मुकुट रिद्धि-सिद्धि को अर्पित किए गए. इसी प्रकार 12-12 लाख के मुकुट शुभ और लाभ को अर्पित किए गए हैं. इसके अलावा मंदिर परिसर में लकड़ी के सिंहासन के स्थान पर चांदी का सिंहासन भी स्थापित किया गया. सिंहासन को जयपुर के कारीगरों ने तैयार किया है. जिसे बनाने में करीब 3 क्विंटल चांदी का इस्तेमाल किया गया है. सिंहासन को स्थापित करने से पहले मंदिर परिसर को भी चांदी की नक्काशी से सजाया गया है.
प्राचीन गणेश मंदिर का है विशेष महत्व
- खजराना गणेश मंदिर का निर्माण होल्कर रियासत के दौरान 1735 में कराया गया था. मान्यता है कि यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है.
- मन्नत पूरी होने के बाद भक्तजन भगवान गणेश की प्रतिमा की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं और गणेश जी को मोदक और लड्डू का भोग लगाते हैं.
- मान्यता है कि खजराना के स्थानीय पंडित मंगल भट्ट को भगवान गणेश ने सपने में दर्शन देकर उन्हें मंदिर निर्माण का कहा था. खुदाई करवाने पर ठीक वैसी ही भगवान गणेश की मूर्ति प्राप्त हुई, जैसा कि पंडित जी ने बताया था.
- पूरे मंदिर परिसर में 339 छोटे मंदिर हैं, जो अलग-अलग मनोकामना को पूर्ण करने के लिए जाने जाते हैं. यहां मंदिर में किसी भी शुभ कार्य से पहले पहला निमंत्रण भगवान गणेश को दिया जाता है.
- खजराना गणेश मंदिर को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का दान भक्तों की ओर से आता है. इसलिए यहां की चल-अचल संपत्ति बेहिसाब है.
- खजराना गणेश मंदिर, शिरडी साईं बाबा और तिरुपति स्थित भगवान वेंकटेश्वर की तरह ही लोकप्रिय है. जहां देश-विदेशों से श्रद्धालु आते हैं
मास्क के बिना मंदिर में प्रवेश नहीं
कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर में इस साल झूले की व्यवस्था नहीं की गई है, इसके अलावा मंदिर में दर्शन के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है. मंदिर परिसर की सुरक्षा बैरिकेड लगाकर की गई है. जहां से पांच लाइन में ही श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर सकेंगे, बिना मास्क के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा. मंदिर प्रबंधन की ओर से भक्तों को सख्त निर्देश हैं कि कोरोना गाइडलाइन के पालन में बिल्कुल लापरवाही न बरतें.