इंदौर। आपातकाल के 45 साल पूरे हो गए, लेकिन उसकी यादें आज भी उस दौर के लोगों के जेहन में ताजा है. वरिष्ठ पत्रकार एवं चिंतक नवनीत शुक्ला ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि इतिहास खुद को हमेशा दोहराता है. आज के हालात भी आपातकाल जैसे हैं, जिससे कहा जा सकता है कि देश में आपातकाल का इतिहास दोहराया जा रहा है.
नवनीत शुक्ला ने बताया कि 1967 के चुनाव में कांग्रेस की स्थिति कमजोर थी, लेकिन जब पाकिस्तान से बांग्लादेश का विभाजन हुआ तो देश में एक राष्ट्रवाद की भावना उत्पन्न हो गई थी, जिसके फलस्वरूप 1974 के चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने जब रायबरेली के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया तो इंदिरा गांधी ने पद पर बने रहने के लिए आपातकाल लगा दिया था. फिर जयप्रकाश नारायण के उदय होने के बाद कांग्रेस की स्थिति लगातार कमजोर होती गई, यही वजह है कि अगले आम चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई थी.
शुक्ला ने बताया कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद आपातकाल लागू हुआ था, उसी के फल स्वरुप देश में इंदिरा गांधी और कांग्रेस के खिलाफ जनादेश का माहौल बना था, बांग्लादेश विभाजन से उपजे राष्ट्रप्रेम का उबाल शांत हो गया था. परिणाम स्वरूप कांग्रेस को आपातकाल के बाद ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ा था.