इंदौर। महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करके सुर्खियों में आए संत कालीचरण महाराज ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने गांधी के साथ नेहरू के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है.उन्होंने कहा कि गांधी और नेहरू असली राष्ट्रभक्त नहीं थे, जो लोग वास्तविक राष्ट्रभक्त थे उन्हें इन लोगों ने हमेशा ही दरकिनार किया हैं. (Saint Kalicharan Maharaj exclusive interview)
सवाल: खरगोन जैसी सांप्रदायिक हिंसा के जरिए राष्ट्र विरोधी ताकतें अब मध्यप्रदेश में भी सक्रिय हो रही हैं, जिसकी आशंका आपने पहले जताई थी अब क्या कहेंगे?
जवाब: भारत में जगह-जगह पाकिस्तान बन चुके हैं और हिंदू जब तक सड़ा हुआ जातिवाद, वर्णवाद और भाषावाद छोड़कर एक नहीं होगा तब तक उस पर अत्याचार होते रहेंगे. हिंदुओं को राजनीति से घृणा छोड़कर अब वोटर योद्धा बनना पड़ेगा. हर क्षेत्र में 95 से 99 परसेंट वोटिंग होना जरूरी है, इसलिए जहां-जहां हिंदुओं के कट्टर समर्थक प्रतिनिधि चुने जाएंगे वहां अत्याचार अपने आप रुकेंगे. हिंदुओं को राजनीति के प्रति घृणा छोड़कर हिंदू साम्राज्य के प्रति अपना रुख करना चाहिए.
सवाल: कई राज्यों में हिंदू बहुसंख्यक थे जो अब अल्पसंख्यक हो चुके हैं, केंद्र सरकार ने भी धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं. इन हालातों में कई परिवार अपने इलाके और घर बार छोड़कर जाने को मजबूर है खरगोन में भी यही स्थिति है?
जवाब: खरगोन के जनप्रतिनिधि कौन है मुझे इसकी जानकारी नहीं है वहां के लोगों को यह देखना चाहिए, मैंने पहले ही कहा इसका एक ही समाधान है राजनीति का हिंदूकरण और हिंदुओं का सैनिकीकरण.
सवाल: जो सरकारें हिंदुत्व के नाम पर सत्ता में आई अब उनके सत्ता में रहते इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं?
जवाब: फिलहाल शीर्ष नेतृत्व मोदी, अमित शाह और योगी अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर यह लोग हर जगह नहीं पहुंच सकते. इसलिए सत्ता परिवर्तन करके अब बहुसंख्यक वर्ग को नए हिंदू समर्थक जनप्रतिनिधियों को जिता कर लाना होगा जिससे कि ऐसी घटनाएं रुक सकें.
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सवाल: आजादी के बाद गांधी जी ने जो सांप्रदायिक एकता के तहत भारत में दोनों वर्गों के लोगों को रहने की सहमति दी थी क्या वह अवधारणा विफल हो रही है? क्योंकि विभिन्न मुद्दों पर दोनों वर्ग आज भी आमने सामने आ जाते हैं.
जवाब: गुरु गोविंद सिंह छत्रपति शिवाजी और राणा प्रताप को गांधी ने पथभ्रष्ट कहा जिन्होंने इस राष्ट्र को एक किया और यदि गांधी सांप्रदायिक एकता की बात करते हैं तो वह ठीक नहीं है. गांधी ने जबरदस्ती मुसलमानों को यहां रोक लिया और वह बढ़कर अब जगह-जगह पाकिस्तान हो चुके हैं, इसका उदाहरण तब दिखता है जब भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच में भारत हारता है तो मुस्लिम क्षेत्रों में आतिशबाजी और पटाखे चलते हैं. ऐसे में अगर कभी भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ तो यह लोग भारत के लोगों का साथ देंगे या पाकिस्तान के लोगों का? यह बड़ा सवाल है इस पर हिंदुओं को विचार करना चाहिए.
सवाल: ऐसे तो फिल्म इंडस्ट्री में भी कई बड़े कलाकार पाकिस्तान को फंडिंग करते हैं?
जवाब: बॉलीवुड और राजनीति का भी हिंदीकरण होना चाहिए. जैसे टॉलीवुड है जो हिंदुत्व की बात करता है हिंदुओं का सम्मान करता है, वैसे बॉलीवुड नहीं करता. बॉलीवुड में पीके जैसी फिल्में बनती हैं यहां हिंदुत्व को बदनाम किया जा रहा है यह एक षड्यंत्र है.
सवाल: क्या आप अभी भी गांधी पर दिए अपने पुराने स्टेटमेंट पर कायम है?
जवाब: गांधी को लेकर मैंने जो बात पहले कही थी मैं उस पर आज भी अडिग हूं, और अडिग ही रहूंगा चाहे मुझे फांसी दे दी जाए.
सवाल: गांधी के अलावा जवाहरलाल नेहरू जैसे अन्य राजनीतिक लोग भी थे. क्या आप स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को स्वीकारते हैं?
जवाब: मैं सिर्फ बल्लभ भाई पटेल को राष्ट्रभक्त मानता हूं, जिन्होंने सत्ता में आते ही पूरे राष्ट्र को एक किया और सबसे पहले सोमनाथ मंदिर बनाया. वही मेरे लिए सच्चे राष्ट्रभक्त हैं बाकी अन्य किसी कांग्रेसी को मैं राष्ट्रभक्त नहीं मानता. लाल बहादुर शास्त्री को भी मैं राष्ट्रपति मानता हूं, लेकिन ताशकंद में उनका खून कर दिया गया है लेकिन कांग्रेस ने इस मामले में भी कोई इंक्वायरी नहीं की.
सवाल: अयोध्या के बाद काशी मथुरा एवं अन्य स्थानों को लेकर भी साधु संत मांग कर रहे हैं?
जवाब: हमारी इच्छा यही है कि मुगलों ने जो हमारे 5 लाख मंदिर तोड़े वह सभी वापस बने, संपूर्ण गौ हत्या रोकने का केंद्रीय कानून बने, जनसंख्या नियंत्रण बिल लाया जाए, हम दो हमारे दो यदु हिंदुओं के लिए है तो सभी के लिए होना चाहिए. इसके अलावा हमारी इच्छा संपूर्ण हिंदू राष्ट्र की है, अगर मुसलमान यह चाहते हैं कि पूरा भारत मुसलमान बन जाए तो पूरा भारत भी और पूरा विश्व हिंदू होना चाहिए.
सवाल: इसके लिए भी केंद्र सरकार से कोई मांग करने जा रहे हैं क्या?
जवाब: हम सरकार में मोदी, अमित शाह और योगी जैसे प्रतिनिधित्व को सपोर्ट करते रहेंगे क्योंकि ऐसे लोग ही हिंदू राष्ट्र बना सकते हैं. संत इस मामले में सिर्फ मांग कर सकते हैं इसलिए साधु संत ऐसे जनप्रतिनिधियों को सपोर्ट करते रहेंगे.