ग्वालियर: स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर ग्वालियर के स्कूलों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. खासकर हाई सेकेंडरी स्कूल में स्कूल प्रबंधन को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ रही है, क्योंकि वहां आए दिन विभिन्न पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं आयोजित होती रही हैं. लेकिन प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में साफ-सफाई फर्नीचर और कोरोना संक्रमण को लेकर निर्धारित मापदंड अपनाना एक चुनौती होगी.
स्कूल लंबे समय से बंद पड़े हैं, जबकि हाई सेकेंडरी स्कूल किसी ना किसी रूप चलते रहे हैं. हाई सेकेंडरी स्कूलों में सितंबर से इच्छुक छात्रों के लिए आउटक्लास भी चल रही हैं, जहां छात्र अपनी पढ़ाई संबंधित समस्या के लिए सीधे शिक्षक से संपर्क कर सकते हैं. चुनाव के कारण कुछ स्कूलों का फर्नीचर मतगणना स्थल पर भेजा गया था जो अब वापस पहुंचना शुरू हो गया है.
स्टूडेंट अटेंडेंस होगी कम
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि सामान्य दिनों में छात्रों की उपस्थिति लगभग 75 फीसदी रहती थी, जो अब घटकर 50 फीसदी रहने की संभावना है, क्योंकि हर अभिभावक अपने बच्चों को ऐसी स्थिति में स्कूल भेजने को तैयार नहीं हुआ है, इसके बारे में अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता है.
बोर्ड की परीक्षाओं को ध्यान में रख लिया निर्णय
शिक्षा विभाग कोरोना महामारी के चलते लंबे समय से बंद पड़े स्कूलों को खोलने के निर्देश जारी कर चुका है . स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार भी कह चुके हैं कि कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल 18 दिसंबर 2020 से नियमित रूप से संचालित होंगे. यह निर्णय बोर्ड की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. वहीं कक्षा 9वीं और 11वीं के लिए विद्यार्थियों के नामांकन और उपलब्ध अध्यापन कक्ष के आधार पर प्राचार्य द्वारा स्थानीय स्तर पर कक्षाओं के संचालन पर निर्णय लिया जा सकेगा.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा कर लिया गया निर्णय
राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने आज मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली थी. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 4 दिसंबर को की गई विभागीय समीक्षा के दौरान दिए गए निर्देशों पर विभागीय तैयारियों सहित कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी ली. वहीं उन्होंने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोड मैप के अंतर्गत विभागीय डैशबोर्ड और कार्ययोजना को समायबद्ध तरीके से संचालित करने के निर्देश दिए. इसके अलावा नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों का पाठ्यक्रम तैयार करने और दूरस्थ क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखकर योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए. साथ ही अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल पर पंजीकरण की सुविधा देने और ऑनलाइन निगरानी कर प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने सहित 1 वर्ष से अधिक समय से लंबित विभागीय जांच प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश दिए गए.
एसोसिएशन की समस्या के लिए प्रपोजल तैयार करने के निर्देश
राज्यमंत्री ने अशासकीय स्कूल संचालकों द्वारा बताई गई समस्याओं और मांगों पर विस्तृत चर्चा की. इस दौरान उन्होंने समस्याओं के शीघ्र निराकरण के लिए विभागीय स्तर पर प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि, मौलाना आजाद केंद्रीय पुस्तकालय का आधुनिकरण किया जाए. साथ ही प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को NIC पोर्टल और जिले स्तर पर किए गए सर्वे के आधार पर पाठ्य पुस्तक या वर्कबुक का वितरण किया जाए. सिर्फ इतना ही नहीं सामाजिक संगठन और जिला प्रशासन के सहयोग से प्रवासी श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई और रहने की व्यवस्था की जाए.