इंदौर। देशभर में बढ़ रहे प्याज के दामों से अब सरकारें भी परेशान नजर आ रही हैं. राज्य सरकार प्याज की कालाबाजारी करने के साथ अवैध तरीके से स्टॉक रखने वाले व्यापारियों पर कठोर कार्रवाई करने जा रही है. प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव ने इसके संकेत भी दे दिए हैं.
प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज के थोक एवं फुटकर व्यापारियों के लिए स्टाफ सीमा 50 प्रतिशत से घटाकर 25 टन और 5 टन कर दी है. लिहाजा सभी राज्यों सहित मध्य प्रदेश के प्याज व्यापारी भी अब 25 टन से ज्यादा प्याज का स्टॉक नहीं रख सकेंगे. जबकि खुदरा व्यापारी सिर्फ 5 टन प्याज ही अपने स्टाक में रख सकेंगे. इधर मध्य प्रदेश में भी कृषि विभाग पहले से ही कालाबाजारी यों का खिलाफ कार्यवाई के आदेश दे चुका है.
मंत्री सचिन यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश की जिन मंडियों में व्यापारियों द्वारा प्याज की कालाबाजारी की सूचना मिलती है तो उनके खिलाफ छापे की कार्रवाई होगी. दोषी पाए जाने पर सभी के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे. इसके अलावा प्याज की जब्ती भी की जा सकेगी. मंत्री सचिन यादव ने कहा प्याज की कालाबाजारी रोकने के लिए जितने भी कठोर कदम उठाने पड़े सरकार किसानों के हित में वह सब करने को तैयार है.
ऐसे में अब माना जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के शुद्धता अभियान की तरह ही अब कृषि विभाग में भी कालाबाजारी के खिलाफ जल्द ही अभियान शुरू हो सकता है. गौरतलब है हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने भी इस मुद्दे पर कमलनाथ सरकार को घेरने की कोशिश की है. हालांकि बीजेपी भी मानती है कि इस साल किसानों ने बड़ी मात्रा में खेतों में सिर्फ प्याज ही लगाई थी जिसके कारण यह स्थिति बनी है फिलहाल इंदौर में प्याज 80 से लेकर 120 रुपए किलो के भाव से बिक रही है.