इंदौर। मेडिकल कॉलेजों के अंडर-ग्रेजुएट कोर्सेस में एडमिशन के लिए जुलाई में कराई गई नीट (NEET 2022) की परीक्षा अब एक नए विवाद में फंसती दिखाई दे रही है. दरअसल नीट की परीक्षा पर उस वक्त विवादों में फंस गई, जब मध्य प्रदेश की रहने वाली एक छात्रा ने प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट में शून्य अंक मिलने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इतना ही नहीं, छात्रा ने परीक्षा में धांधली करके अपनी ओएमआर शीट बदले जाने का शक भी जाहिर किया है. NEET Controversy in MP
हाईकोर्ट ने सरकार से भी मांगा जवाब: छात्रा लिपाक्षी पाटीदार को जीरो अंक दिए जाने के मामले की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने मंगलवार को आदेश देते हुए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) से छात्रा का मूल रिकॉर्ड मांगा है. जिसके बाद सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने छात्रा का मूल रिकॉर्ड मंगाने के लिए एक हफ्ते भर की मोहलत मांगी, इसे अदालत ने मान लिया है. अब हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी, इसके साथ ही न्यायालय ने कहा है कि सरकार की तरफ से 30 तारीख तक छात्रा की याचिका पर संक्षिप्त जवाब पेश किया जाए.
OMR शीट बदले जाने का शक: छात्रा लिपाक्षी पाटीदार के वकील धर्मेंद्र चेलावत के मुताबिक, "लिपाक्षी ने 17 जुलाई को आयोजित नीट परीक्षा में 200 में से 161 ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के जवाब दिए थे और उसे सेलेक्ट हो जाने का भरोसा था, लेकिन 7 सितंबर को रिजल्ट आने पर उसे शून्य अंक दिए गए. जब छात्रा ने मुझे ओएमआर शीट भेजी, तो वह पूरी तरह खाली थी और उसमें एक भी जवाब दर्ज नहीं था." चेलावत ने बताया कि, "10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में 80 फीसदी से ज्यादा अंक पाने वाली छात्रा लिपाक्षी को शक है कि उसके साथ फर्जीवाड़ा करके ओएमआर शीट बदल दी गई है."
NEET मामले में याचिका : कोर्ट का आदेश- ओएमआर शीट दिखाने की व्यवस्था करे परीक्षा एजेंसी
कौन हैं लिपाक्षी पाटीदीर: आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा के पास भेसोदा गांव में रहने वाली लिपाक्षी पाटीदार एक किसान की बेटी हैं, लिपाक्षी ने 10वीं और 12वीं में 80% से ज्यादा अंक हासिल किए, जिसके बाद उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा. सपना पूरा करने के लिए वे राजस्थान के कोटा पहुंची, जहां उन्होंने नीट की तैयारी की. फिलहाल रिजल्ट में जीरो नंबर आने पर अब उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.