इंदौर। शहर पुलिस अब रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को ढूंढने के लिए एक मुहिम चला रही है, इस टीम में 100 लोगों को रखा गया है जो रोहिंग्या और बंगलादेशी मुस्लिमों को ढूंढेगी और उनके बारे में जानकारी निकाल कर खुद अपने पास अपडेट रखेगी. यदि किसी मामले में इन लोगों का नाम आएगा तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात भी कही जा रही है. (Rohingya and Bangladeshi Records)
शक के बाद शुरू हुआ सर्वे: इंदौर शहर में समय में रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों का कुछ घटनाओं में नाम सामने आने के बाद इंदौर पुलिस अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की तलाश कर रही है, इसके लिए बकायदा सर्वे करवाया जा रहा है. 100 लोगों की टीम इस पूरे काम को करने में जुटी हुई है, पिछले दिनों इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र में चूड़ी वाला कांड और कोतवाली क्षेत्र में इसका विरोध करने पहुंचे लोगों के पीछे एक संगठन की भूमिका सामने आने के बाद इंदौर पुलिस शहर में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का सर्वे करवा रही है, क्योंकि इस संगठन के पीछे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों होने का शक है.
बांग्लादेशाी 5000 लड़कियों को देश में बेचा: पुलिस के पास पाकिस्तानियों की तरह इनका कोई रिकॉर्ड नहीं है, इसके चलते यह कवायद शुरू हो गई है. इसके अलावा कुछ दिन पहले सेक्स रैकेट में पकड़ा गया मामून ने कबूल किया था कि वह बांग्लादेश से 5000 लड़कियों को खरीद कर लाया था और देश में बेचा इनमें से 9 लड़कियां इंदौर में पकड़ाई थी. हालांकि उनमें से कुछ शेल्टर हाउस में से भाग चुकी है, जिनका आज तक पता नहीं चला. पुलिस ने इंदौर और आसपास के रैकेट में फंसी 2 दर्जन से अधिक लड़कियों को छुड़वाने का दावा किया था. इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी रजत सकलेचा ने बताया कि "इनका सर्वे करवाया जा रहा है इसके लिए हर थाने में एक और दो जवानों को लगाया है. इंदौर पुलिस कमिश्नर में 32 थाने हैं इससे अधिक लोग इस काम में लगे हुए हैं, यदि कोई अवैध रूप से पाया गया तो पुलिस उस पर कार्रवाई करेगी.
जांच में जुटी पुलिस: वहीं पिछले दिनों पुलिस ने डकैती के मामले में भी 2014 में बाहरी कालोनियों में डकैती डालने वाले एक गिरोह को पकड़ा था, उसमें कुछ बांग्लादेशी भी शामिल थे. यह लोग ग्रिल काटकर घर में घुसे थे और फिर परिवार को बंधक बनाकर डकैती डालते थे, एक स्थान पर इस गिरोह ने महिला से रेप तक किया था. जिसके बाद इंदौर पुलिस ने सर्वे करवाया था वहीं इंदौर के सर्राफा बाजार में तकरीबन 9 हजार से अधिक बंगाली कारीगर भी काम कर रहे हैं, फिलहाल उनके बारे में भी इंदौर पुलिस जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है.