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इंजेक्शन संकट: पुलिस के पहरे में हो रही रेमडेसिविर की बिक्री

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Published : Apr 10, 2021, 8:30 AM IST

Updated : Apr 10, 2021, 8:52 AM IST

कोरोना संकट के कारण प्रदेशभर में रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन गैस की किल्लत हो रही है. प्रदेश के मेडिकल हब इंदौर में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए जरूरतमंद मरीजों के परिजनों को कई-कई दिनों तक संघर्ष करना पड़ रहा है. शहर में जिस एक दुकान से रेमडेसिविर की बिक्री हो रही है, वहां सैकड़ों जरूरतमंद ग्राहकों की लाइन लगी हुई है. ऐसे हालात में अब टोकन के हिसाब से पुलिस के पहरे में रेमडेसिविर की बिक्री हो रही है.

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पुलिस के पहरे में हो रही है रेमडेसिविर की बिक्री

इंदौर। प्रदेशभर के अस्पतालों में इस समय कोरोना से मरीजों को बचाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की है. गंभीर मरीजों के लिए जरूरी यह दोनों ही साधन प्रदेश में उपलब्ध नहीं हैं. ऐसी स्थिति में कोरोना के गंभीर मरीजों को इंजेक्शन के लिए कई-कई दिनों का संघर्ष करना पड़ रहा है. इस समय प्रदेश में आलम यह है कि करीब 13 हजार इंजेक्शन प्रतिदिन की जरूरत पड़ रही है. जबकि उपलब्धता सिर्फ 7 हजार डोज की है, इसमें से 35 सौ डोज इंदौर और बचे डोज जिलों में जा रहे हैं. जबकि इंदौर में ही करीब सवा सौ अस्पतालों में 4 हजार से ज्यादा गंभीर मरीज भर्ती हैं. ऐसी स्थिति में जिसे जहां से जो उम्मीद दिख रही है. वह वहां हर कीमत पर इंजेक्शन खरीदने के लिए तैयार हैं.

पुलिस के पहरे में हो रही है रेमडेसिविर की बिक्री
  • रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मारामारी

दरअसल, बीते साल कोरोना काल के बाद संक्रमण में कमी आने पर इस इंजेक्शन की उपलब्धता के बावजूद जरूरत नहीं पड़ रही थी, लेकिन अचानक बड़े संक्रमण के कारण महाराष्ट्र, गुजरात समेत दूसरे तमाम राज्यों में इंजेक्शन को लेकर मारामारी शुरू हो गई है. बीते 15 दिनों में रेमडेसिविर की मांग 4 गुना तक बढ़ गई है. इंजेक्शन की जरूरत 15 दिन में एक से डेढ़ हजार की थी. वह अब बढ़कर 6 हजार से भी ज्यादा हो गई है. जिन स्टॉकिस्ट के पास यह दवा थी, वह अब दवा की कालाबाजारी करते हुए जमकर मुनाफा की वसूली कर रहे हैं. इसका असर मध्य प्रदेश के तमाम जिलों में दिख रहा है.

कोरोना संदिग्ध की मौत के बाद BMC में परिजनों का हंगामा, मौके पर पहुंची पुलिस

  • यह कंपनियां बनाती हैं रेमडेसिविर इंजेक्शन

रेमडेसिविर इंजेक्शन अमेरिकी फार्मा कंपनी गिलएड कंपनी का उत्पाद है. फिलहाल देश में इसे सिपला मायलान डॉ रेड्डी जुवेंटस कैडिला और हिट्रो नामक फार्मा कंपनी हैदराबाद, चंडीगढ़ के प्लांट में बना रही हैं. रेमडेसिविर का औसत उत्पादन 90 लाख से 1 लाख इंजेक्शन प्रति दिन का है. जिसे फार्मा कंपनियां अपने बड़े c&f और स्टॉकिस्ट को यह दवा एयर कार्गो के माध्यम से सप्लाई कर रही है. घर इंदौर जिला प्रशासन ने इन कंपनियों के प्रतिनिधियों से दवा की सप्लाई को लेकर चर्चा की है. इसके अलावा दवा स्टॉकिस्ट भी पैसे लेकर तैयार बैठे हैं लेकिन कंपनियां जरूरत के मुताबिक दवा की आपूर्ति नहीं कर पा रही हैं.

इंदौर। प्रदेशभर के अस्पतालों में इस समय कोरोना से मरीजों को बचाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की है. गंभीर मरीजों के लिए जरूरी यह दोनों ही साधन प्रदेश में उपलब्ध नहीं हैं. ऐसी स्थिति में कोरोना के गंभीर मरीजों को इंजेक्शन के लिए कई-कई दिनों का संघर्ष करना पड़ रहा है. इस समय प्रदेश में आलम यह है कि करीब 13 हजार इंजेक्शन प्रतिदिन की जरूरत पड़ रही है. जबकि उपलब्धता सिर्फ 7 हजार डोज की है, इसमें से 35 सौ डोज इंदौर और बचे डोज जिलों में जा रहे हैं. जबकि इंदौर में ही करीब सवा सौ अस्पतालों में 4 हजार से ज्यादा गंभीर मरीज भर्ती हैं. ऐसी स्थिति में जिसे जहां से जो उम्मीद दिख रही है. वह वहां हर कीमत पर इंजेक्शन खरीदने के लिए तैयार हैं.

पुलिस के पहरे में हो रही है रेमडेसिविर की बिक्री
  • रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मारामारी

दरअसल, बीते साल कोरोना काल के बाद संक्रमण में कमी आने पर इस इंजेक्शन की उपलब्धता के बावजूद जरूरत नहीं पड़ रही थी, लेकिन अचानक बड़े संक्रमण के कारण महाराष्ट्र, गुजरात समेत दूसरे तमाम राज्यों में इंजेक्शन को लेकर मारामारी शुरू हो गई है. बीते 15 दिनों में रेमडेसिविर की मांग 4 गुना तक बढ़ गई है. इंजेक्शन की जरूरत 15 दिन में एक से डेढ़ हजार की थी. वह अब बढ़कर 6 हजार से भी ज्यादा हो गई है. जिन स्टॉकिस्ट के पास यह दवा थी, वह अब दवा की कालाबाजारी करते हुए जमकर मुनाफा की वसूली कर रहे हैं. इसका असर मध्य प्रदेश के तमाम जिलों में दिख रहा है.

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  • यह कंपनियां बनाती हैं रेमडेसिविर इंजेक्शन

रेमडेसिविर इंजेक्शन अमेरिकी फार्मा कंपनी गिलएड कंपनी का उत्पाद है. फिलहाल देश में इसे सिपला मायलान डॉ रेड्डी जुवेंटस कैडिला और हिट्रो नामक फार्मा कंपनी हैदराबाद, चंडीगढ़ के प्लांट में बना रही हैं. रेमडेसिविर का औसत उत्पादन 90 लाख से 1 लाख इंजेक्शन प्रति दिन का है. जिसे फार्मा कंपनियां अपने बड़े c&f और स्टॉकिस्ट को यह दवा एयर कार्गो के माध्यम से सप्लाई कर रही है. घर इंदौर जिला प्रशासन ने इन कंपनियों के प्रतिनिधियों से दवा की सप्लाई को लेकर चर्चा की है. इसके अलावा दवा स्टॉकिस्ट भी पैसे लेकर तैयार बैठे हैं लेकिन कंपनियां जरूरत के मुताबिक दवा की आपूर्ति नहीं कर पा रही हैं.

Last Updated : Apr 10, 2021, 8:52 AM IST
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