इंदौर। पीएमटी फर्जीवाड़े से जुड़े आरोपियों को कोर्ट ने सजा के साथ ही अर्थदंड की सजा से दंडित किया है. (PMT Fraud Case) मामला 2009 का है. पीएमटी एग्जाम में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ था. पूरे प्रदेश में पुलिस के द्वारा बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए फर्जी तरीके से एग्जाम देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था. (Indore Special CBI Court ) मामले में लगातार इंदौर की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में केस की सुनवाई की गई. इंदौर की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने पीएमटी फर्जीवाड़े में हुए घोटाले में दोषी आरोपियों को सजा से दंडित किया है.
प्रावधानों के तहत सुनाई सजा: पीएमटी फर्जीवाड़े के मामले में इंदौर की विशेष अदालत ने पांच लोगों को शनिवार को सात-सात साल के कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. विशेष लोक अभियोजक रंजन शर्मा ने बताया कि व्यापमं घोटाले के मामलों के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश संजय कुमार गुप्ता ने सत्यपाल कुस्तवार, शैलेंद्र कुमार, रवींद्र दुलावत, आशीष उत्तम और संजय दुलावत को मुजरिम करार देते हुए सजा सुनाई गई है. शर्मा के मुताबिक अभियोजन की ओर से 70 लोगों की गवाही के आधार पर यह सजा भारतीय दंड विधान और मध्यप्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत सुनाई गई है. उन्होंने बताया कि तत्कालीन व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के वर्ष 2009 में आयोजित प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में सत्यपाल कुस्तवार के स्थान पर शैलेंद्र कुमार और रवींद्र दुलावत के स्थान पर आशीष उत्तम शामिल हुआ था.
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बिचौलिये की भूमिका: बताया गया कि कुमार और उत्तम, दोनों उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं. मामले के मुजरिमों में शामिल संजय दुलावत 13 साल पुराने पीएमटी फर्जीवाड़े में असली और फर्जी उम्मीदवारों के मध्य बिचौलिये की भूमिका निभा रहा था. वर्ष 2013 में सामने आया व्यापमं घोटाला गिरोहबाजों, अधिकारियों और सियासी नेताओं की कथित सांठ-गांठ से राज्य सरकार की सेवाओं और पेशेवर पाठ्यक्रमों में सैकड़ों उम्मीदवारों के गैरकानूनी प्रवेश से जुड़ा है. व्यापमं की आयोजित प्रवेश और भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आने के बाद राज्य सरकार ने इसका आधिकारिक नाम बदलकर "प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड"कर दिया था. उच्चतम न्यायालय के वर्ष 2015 में दिए गए आदेश के तहत व्यापमं घोटाले से जुड़े मामलों की जांच मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा सीबीआई को सौंप दी गई थी.