इंदौर। गौतमपुरा नगर के ग्राम चितोड़ा के किसान ने अपनी मेहनत और आधुनिक तकनीक के दम पर कमाल कर दिया. किसान ने प्रति बीघा 100 क्विंटल से ज्यादा उत्पादन किया. जिसे देखकर आसपास के किसान सहित कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी भी चकित हैं. पिछले कुछ वर्षो में आलू का जो सामान्य उत्पादन हो रहा है, उसके मुकाबले किसान भारत पटेल का उत्पादन दोगुना और उच्च क्वालिटी वाले आलू का है. अब सरकार के निर्देश पर सरकारी अधिकारी और रिसर्चर्स खेती पर अध्ययन करने आ रहे हैं. इसके जरिए अधिकर उत्पादन लेने के लिए किसानों को जानकारी दी जाएगी.
किसान ने आलू की कई वेरायटियां उगाई: उपसंचालक उद्यानिकी त्रिलोकचन्द्र वास्कले व जिले की उद्यानिकी विभाग की टीम ने देपालपुर क्षेत्र का दौरा किया गया. टीम ने ग्राम चीतोड़ा पहुंचकर किसान भारत पटेल के खेत का मुआयना किया. खेत में आलू अनुसंधान केंद्र मेरठ ओर ग्वालियर से लाये गये ब्रीडर सीड के अलावा आलू की अन्य सात वेरायटियां लगाई थी. किसान के यहां आलू खुदाई का काम चल रहा था और जहां खुदाई हो रही थी उसी खेत में प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत उद्यानिकी विभाग द्वारा किसान को मिनी स्प्रिंकलर के लिये अनुदान दिया गया था.
आलू का बम्पर उत्पादन: किसान भारत पटेल के खेत में आलू का उत्पादन देख कर उद्यानिकी विभाग की टीम के अधिकारी हैरान रह गए. क्योंकि जो सामान्य उत्पाद हो रहा है, उसके मुकाबले किसान के यहां आलू का उत्पादन दोगुना और उसकी क्वालिटी भी बहुत अच्छी देखी गई. आम तौर पर आलू किसान 1 हेक्टयर में 240 से 300 किवंटल का औसत उत्पादन लेते हैं. लेकिन आधुनिक तकनीक और मेहनत के बलबूते भारत पटेल खेत में 400 किवंटल प्रति हेक्टयर उत्पादन कर रहे हैं.
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अधिकारी बोले-वाकई आश्चर्यजनक: उपसंचालक उद्यानिकी त्रिलोकचन्द्र वास्कले ने बताया कि किसान की फसल का उत्पादन वाकई में रिकॉर्ड तोड़ है. एक जिला एक उत्पाद के तहत इंदौर जिले का चयन आलू की फसल के लिये किया गया है. जिसके तहत सरकार द्वारा किसानों को आलू प्रसंस्करण के लिए उद्योग लगाने पर अनुदान भी दिया जा रहा है. आलू के बंपर उत्पादन को लेकर क्षेत्र के किसान रंजन मौर्य, अजय पाटीदार ने बताया कि सामान्य उत्पादन से ज्यादा आलू निकल रहा है, यह बहुत बड़ी बात है.
मालवा की मिट्टी और जलवायु आलू के लिए उपयुक्त: किसान भारत पटेल ने बताया कि मालवा की मिट्टी और जलवायु आलू की फसल के लिये बहुत ही उपयुक्त है. अगर किसान भाई सही तकनीक और वैज्ञानिक विधि से खेती करते हैं तो आने वाले वक्त में हम पंजाब और यूपी से भी अच्छी क्वालिटी और उच्च उत्पादन वाला आलू पैदा कर सकते हैं. परंपरागत तरीके से जहां हमें 250 से 300 क्विटल हेक्टेयर का उत्पादन होता था, वहीं आधुनिक तकनीक और मिनी स्प्रिंकलर से 400 क्विटल हेक्टेयर तक का उत्पादन मिल रहा है.
(Potato farmer got double production) (400 quintals of potato per hectare)