इंदौर। विभिन्न मुद्दों को लेकर बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इंदौर कलेक्ट्रेट का घेराव किया. जिसमें पूर्व मंत्रियों सहित पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. इस दौरान यहां जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ. स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी कर दिया. इतना ही नहीं सैकड़ों कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन और शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला भी दर्ज किया गया. पुलिस ने मामले की आगे की जांच भी शुरू कर दी है.
कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर हित को ध्यान में रखते हुए कई आयोजनों की अनुमति को लेकर एक मोन मार्च का आयोजन किया था. इसमें कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विजयलक्ष्मी साधो, कांग्रेस के कई विधायक सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए थे. वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता और नेताओं की बड़ी तादाद को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल भी कलेक्टर ऑफिस के बाहर पहुंच गया. पुलिस को देख कांग्रेस का आंदोलन उग्र हो गया, इस दौरान पुलिस से बदसलूकी भी की कई.
जिसके बाद पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ता और नेताओं पर लाठीचार्ज कर दिया. भीड़ को काबू में करने के लिए वॉटर कैनन का भी उपयोग किया गया. मामले में पुलिस ने 500 से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया. वहीं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विजयलक्ष्मी साधो और विधायक संजय शुक्ला के खिलाफ धारा-188 के तहत कार्रवाई की गई है. वहीं करीब 200 कार्यकर्ताओं के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का भी प्रकरण दर्ज किया गया है.
हिंदूवादी संगठनों के 2,500 कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने दर्ज किया केस, बिना अनुमति के किया था प्रदर्शन
प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
पिछले दिनों इंदौर में ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा जनआशीर्वाद रैली का आयोजन किया गया था. इस दौरान प्रशासन ने किसी तरह की कोई कार्रवाई बीजेपी नेताओं पर नहीं की. कांग्रेस ने आरोप लगाए है कि बिना अनुमति इंदौर में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जनआशीर्वाद रैली की, लेकिन तब प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. कांग्रेस ने इंदौर कलेक्टर पर दोहरी कार्यप्रणाली के आरोप लगाए है. इसी पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने मौन प्रदर्शन किया था. लेकिन थोड़ी ही देर में यह उग्र आंदोलन में परिवर्तित हो गया.