इंदौर। शहर में धोखाधड़ी के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. इंदौर क्राइम ब्रांच ने जैविक खेती के नाम पर धोखाधड़ी के मामले में आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. इंदौर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं.
10 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज: जैविक खेती के नाम पर किसानों से अनुबंध कर सरकार से 40 करोड हड़पने वाले 10 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है. लगभग 6 साल में इतनी बड़ी रकम की धोखाधड़ी हुई है. क्राइम ब्रांच के थाना प्रभारी धनेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि, आवेदक प्रकाश आर्य, अध्यक्ष भीम नायक रिसर्च संस्थान समिति निवासी सेंधवा बड़वानी की शिकायत पर आरोपी सर्टिफिकेशन सर्विसेज लिमिटेड के डायरेक्टर हिमांशु पाठक और उसके साथियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है.
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जैविक खेती के नाम पर 40 करोड़ की हेराफेरी: 6 साल पहले शासन ने जैविक खेती की योजना शुरू की थी, जिसमें किसानों को जोड़कर उनकी जमीन पर जैविक खेती करवाने और फिर कपास व अन्य उत्पाद सरकार के मार्फत बेचने थे. आरोपियों ने सरकार से जुड़कर कई किसानों को झांसे में लेकर उनकी जमीन का एग्रीमेंट किया और उनसे जैविक खेती भी करवाई. खेती के माल को विदेश और अन्य जगहों पर बेच दिया और सरकार से भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लगभग 40 करोड़ हड़प लिया. जब पूरे मामले की पोल खुली, तो इंदौर क्राइम ब्रांच ने काफी बारीकी से जांच पड़ताल करते हुए आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.