इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर को लगातार विभिन्न क्षेत्रों में शोध में सफलता मिल रही है. आईआईटी इंदौर द्वारा किए जा रहे शोध कार्य की सफलता के बाद पेटेंट भी हासिल किए जा रहे हैं. आईआईटी इंदौर को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा दो नए पेटेंट प्रदान किए गए हैं, दो नए पेटेंट मिलने के साथ अब तक आईआईटी इंदौर को 13 पेटेंट मिल चुके हैं.
फिंगरप्रिंट बायोमैट्रिक सिस्टम को मिला पेटेंट
आईआईटी इंदौर में आविष्कारक डॉक्टर अमित चटर्जी और आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर विमल भाटिया कॉल, डीएवीवी के आई.टी विभाग के प्रोफेसर शशि प्रकाश द्वारा फिंगरप्रिंट बायोमैट्रिक सिस्टम जोकि चोरी रोकने के लिए कारगर साबित होगा. इसपर किए गए शोध कार्य को लेकर पेटेंट प्रदान किया गया है. यह एक ऐसी प्रणाली है, जिसके माध्यम से फिंगरप्रिंट मशीनों को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सकेगा, साथ ही नवीनतम तकनीक के माध्यम से फिंगरप्रिंट के फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा. कई बार व्यक्ति फिंगर प्रिंट कॉपी कर फर्जीवाड़ा करते हैं, परंतु नवीन तकनीक के माध्यम से फिंगरप्रिंट के साथ-साथ लेजर लाइट के माध्यम से हाथों का रिफ्लेक्शन भी पता लग जाएगा. वहीं यह भी पता चलेगा कि जिस व्यक्ति का फिंगरप्रिंट इस्तेमाल किया जा रहा है वह जीवित है या नहीं.
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रिक वाहन और 5G तकनीक में नई क्रांति लाएगा नया शोध
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर द्वारा दूसरा पेटेंट इलेक्ट्रॉनिक वाहनों 5G-6G संचार और अंतरिक्ष उद्योग के लिए उच्च इलेक्ट्रॉन गतिशील ट्रांजिस्टर आधारित बिजली प्रणालियों के क्षेत्र में क्रांति लाने को लेकर हासिल किया है. प्रोफेसर शैबल मुखर्जी के अनुसार यह आविष्कार भारत सरकार की विविध पहल के अनुरूप जैसे मेक इन इंडिया, नीति आयोग, जीरो एमिशन व्हीकल और आत्मनिर्भर भारत के तहत किया गया है. यह तकनीक अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक वाहनों 5जी संचार और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लिए उच्च इलेक्ट्रॉन गतिशीलता ट्रांजिस्टर आधारित बिजली प्रणालियों के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगा. आईआईटी इंदौर को यह पेटेंट ए मेथड ऑफ फैब्रिकेटिंग हाइ 2 डायमेंशनल इलेक्ट्रॉन गैस डेंसिटी बिल्डिंग जिंक ऑक्साइड हेटेरो स्ट्रक्चर को लेकर प्रदान किया गया है.