इंदौर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसलिंग की साल के अंतिम दिन हुई बैठक में टेक्सटाइल पर बढ़े टैक्स (GST on Textile) को वापस लेने का फैसला लिया गया. इस फैसले से आम जनता को बड़ी राहत मिल सकती है. वहीं कपड़ा व्यापारियों के लिए भी बड़ी राहत है. हालांकि जूते-चप्पल पर बढ़े टैक्स को वापस नहीं लिया गया है, और न ही जीएसटी स्लैब में कोई बदलाव हुआ है. GST परिषद की 46वीं बैठक के बाद इंदौर के व्यापारियों में खुशी का माहौल है. (tax on textile proposal rejected)
कपड़ा व्यापारियों में खुशी की लहर
एक जनवरी से 5 फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी जीएसटी टैक्स बढ़ाए जाने के विरोध में देशभर के कपड़ा व्यापारी लगातार विरोध दर्ज करा रहे थे. इंदौर समेत सूरत और नीमच जैसे जिलों के कपड़ा व्यापारी पिछले एक महीने से केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे थे. व्यापारियों द्वारा लगातार मांग की जा रही थी कि साल के अंत में होने वाली जीएसटी की बैठक में कपड़ों पर जीएसटी की दरें को वापस लिया जाए. वहीं कपड़ा व्यापारियों की उम्मीद के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद बढ़ी हुई दरें लागू नहीं करने का फैसला लिया गया. साथ ही इस प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया, इससे देशभर के कपड़ा व्यापारियों ने राहत की सांस ली है.
साल 2022 की पहली भस्म आरती में उमड़ा भक्तों का सैलाब, बाबा महाकाल का लिया आशीर्वाद, LIVE देखें आरती
इंदौर में केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद कपड़ा व्यापारी एसोसिएशन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए जश्न मनाया गया. इस दौरान रिटेल कपड़ा एसोसिएशन अध्यक्ष अक्षय जैन ने बताया कि पिछले एक माह से कपड़ा एसोसिएशन द्वारा लगातार जीएसटी टैक्स का विरोध किया जा रहा था.
नए साल में महंगे होंगे जूते-चप्पल
एक हजार से नीचे के जूते-चप्पल पर एक जनवरी यानी की आज से जीएसटी की दर में पांच से 12 फीसदी टैक्स इंपोस किया गया है. एक हजार रुपये मूल्य वाले जूते की कीमत बढ़कर एक हजार 120 रुपये हो जाएगी.