शहडोल : धरती पर मोक्षदायिनी मां गंगा के अवतरण का दिन गंगा दशहरा हिन्दू धर्म में विशेष माना गया है. गंगा दशहरा बहुत ही श्रद्धा, विश्वास और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस बार 9 जून गुरुवार को गंगा दशहरा है और इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. साथ ही ज्योतिषियों की मानें तो गंगा दशहरा के दिन जो गंगा स्नान करता है उसे 100 गाय के दान के बराबर पुण्य मिल जाता है.
गंगा दशहरा का विशेष महत्व : ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक गंगा दशहरा जेष्ठ शुक्ल पक्ष दसवीं के दिन मनाया जाता है और इस दिन गंगा जी का अवतरण हुआ था. इस दिन गंगा जी में जाकर जो लोग डुबकी लगाते हैं स्नान करते हैं, वहां स्नान करने से उनको पुण्य फल मिलता है. ज्योतिषाचार्य सुशील शुक्ला शास्त्री आगे कहते हैं कि जो लोग गंगा जी नहीं जा सकते हैं किसी वजह से असमर्थ हैं तो मायूस न हों, ऐसे लोग अपने घर नाद में या किसी टब में या बाल्टी में जल भर लेंऔर उसमें गंगाजल डाल लें, अगर गंगाजल नहीं है तो प्रातः काल घर में स्नान करें तो गंगा जी में जाकर स्नान करने के बराबर ही फल मिलता है।
शास्त्रों में तो यहां तक लिखा है कि जो गंगा दशहरा के दिन अपने घर, तालाब, नदी या पोखर में जाकर स्नान करते हैं, उनको गंगा जी में स्नान करने के बराबर ही पुण्य मिलता है. इतना ही नहीं इस तरह से स्नान करने से 100 गाय के दान देने के बराबर पुण्य लाभ मिलता है, जो गंगा दशहरा के दिन प्रातः कालीन स्नान कर लेता है उसके घर में शांति रहती है. जाने-अनजाने में जो पाप हो जाता है उस पाप से छुटकारा मिलता है, घर में बरक्कत होती है और शांति मिलती है इसलिए गंगा दशहरा के दिन प्रातः कालीन घर में स्नान करें या गंगा जी में स्नान करें तो उसे पूर्ण पुण्य लाभ मिलेगा.
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गंगा स्नान का शुभ समय : गुरुवार दशमी तिथि 9 जून को सुबह 8 बजकर 23 मिनट से 10 जून को सुबह 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. 9 जून को सुबह 8 बजकर 23 मिनट से दोपहर 2 बजकर 5 मिनट तक शुभ योग है. सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त है. गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करना पुण्यदायक माना जाता है. यदि गंगा घाट पर जाना संभव न हो तो आस-पास के तालाब या नदी में भी मां गंगा का नाम लेकर स्नान करें. डुबकी लगाते समय 'ऊं नमः शिवायेै, नारायण्यै, दशहरायै गंगायै नमः' मंत्र का उच्चारण अवश्य करें. गंगा स्नान के बाद ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा’ मंत्र का जाप करते हुए हवन करें. पूजा के बाद फल, दीपक और तिल का दान करें. दान देते समय 'गंगायै नमः' कह कर मां गंगा का स्मरण करें. गरीब और जरूरतमंद को पंखा, कपड़े, जल युक्त घड़ा भी दान करने से भी पुण्य मिलता है.
राशि के हिसाब से दान करें : मेष राशि के जातक के लिए तिल और लाल तथा सफेद रंग के कपड़े दान करें. वृष राशि के जातकों को अन्न दान करना चाहिए. मिथुन राशि के लोग घड़े में पानी दान करें . लोगों के लिए प्याऊ लगाना भी फलदायक है. कर्क राशि के जातक कई तरह के फलों या मिठाइयों आदि दान करें. सिंह राशि वालों के लिए अनाज, फल और तांबे से बने बर्तनों का दान करना आपके लिए शुभ होगा. कन्या राशि के जातक फल, वस्त्र आदि का दान करें. तुला और कुंभ राशि के जातक मंदिरों में दान करें. वृश्चिक राशि वालों के लिए शरबत, अन्न और चावल का दान करना शुभ है. धनु राशि के जातक गरीबों और जरूरतमंदों फल व मिष्ठान्न का दान करें. मकर राशि वालों के लिए काला तिल और सरसों तेल का दान करना शुभ रहेगा. मीन राशि के जातक जरूरतमंदों को कपड़े बांटें.
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