इन्दौर। नाम में क्या रखा है शेक्सपियर गलत कह गए. अगर ऐसा ना होता तो जुबैन बी आखिर ज्योति क्यों बनती? ज्योति बनीं तभी तो लाखों की कमाई की, धोखाधड़ी का ऐसा खेल रचा जो सालों साल चला. भेद अकाउंट की ऑडिट के बाद खुला. अब ज्योति उर्फ जुबैन बी के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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वॉर्डन बनने के लिए रचा खेल
इंदौर के पलासिया क्षेत्र में सोहम गर्ल्स हॉस्टल है. जिसके मालिक राजेंद्र नगर के हुक्माखेड़ी निवासी शरद जैन हैं. वो पिछले कई सालों से हॉस्टल संचालन का काम करते हैं. 3 साल पहले ज्योति शर्मा नामक महिला ने वहां वार्डन के तौर पर नौकरी ज्वाइन की. 3 साल तक हॉस्टल वार्डन के रिश्तेदारों का भी आना जाना लगा रहा. धीरे धीरे उसका हौसला बुलंद हुआ और उसने बतौर वार्डन तीन साल में लाखों रुपये की हेराफेरी की.
किसी शातिर खिलाड़ी की तरह भविष्य में किसी भी झंझट से बचने के लिए उसने ये रकम अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर करा दी. रिश्तेदारों ने उन घोटालों की रकम से अपना इकबाल बुलंद किया. यानी कार, ज्वेलरी, जमीन जैसी बेशकीमती चीजें खरीद लीं. बतौर हॉस्टल वार्डन जुबैन बी ने अपनी बेटी नंदिनी उर्फ अजीम शेख, अपने पति सनी उर्फ मोइनुद्दीन, दामाद राहुल टोंगर के खातों में अवैध कमाई को जमा कराया और इसी से ये सभी ऐश करते थे।
यूं दिया गोरखधंधे को अंजाम
फ्रॉड महिला हॉस्टलर्स से मोटी फीस वसूल कर उन्हें नकली रसीद थमाती रही. इतना ही नही हॉस्टल में होने वाले खर्चो पर वॉर्डन मोटा कमीशन भी डकारती रही. हैरत की बात ये रही कि 3 साल तक इस बात की भनक तक किसी को नही लगी.
ऑडिट ने खोली कलई
भेद तब खुला जब अकाउंट ऑडिट किया गया. जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वो ज्योति शर्मा नही बल्कि जुबैन बी है. उसके पति का नाम मोइनुद्दीन शेख है जो ग्रीन पार्क कालोनी में रहता है. उसने बताया कि पहचान बदलने के लिए उसने नकली आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज तैयार किए. ताकि उसे नौकरी मिल जाये.
प्लानिंग काम नहीं आई
जुबैन बी ने ये भी बताया कि उसे अंदेशा था कि कभी न कभी उसका राज फाश हो जाएगा. सो उसने उसकी भी प्लानिंग कर ली थी. उसने बताया कि कारगुजारियों के खुलासे के अंदेशे से वो पहले ही रफूचक्कर होने की फिराक में थी, ताकि बाद में लोग उसे ढूंढते रहें और फेक identity के चलते वो कभी पकड़ में न आ पाए.
लंबी जांच के बाद हुई कार्रवाई, आरोपी फरार
इस पूरे मामले की शिकायत हॉस्टल मालिक शरद जैन ने तुकोगंज थाने में कराई है. सबूत के रूप में सीसीटीवी फुटेज और कई तस्वीरे भी पुलिस को उपलब्ध कराई है. पुलिस ने धोखाधड़ी, अमानत में खयानत सहित अन्य धाराओं में वार्डन और उसके रिश्तेदारों पर केस दर्ज कराया है. इधर, पुलिस में शिकायत होने के बाद से सभी आरोपी फरार है जिनकी तलाश में पुलिस जुट गई है.
धर्म बदलकर नौकरी कर लाखों रुपये की हेराफेरी करने के इस अजीब मामले को लेकर तुकोगंज थाना प्रभारी कमलेश शर्मा ने बताया कि मालिक को बताये बगैर वार्डन नकली रसीद बनाकर फीस वसूल कर अपने खाते में जमा कर लेती थी और इस मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्रकरण दर्ज करवाने वाला परिवार हाई प्रोफाइल
बता दें इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता ने एसपी को पूरे मामले की शिकायत की. जिसके बाद काफी बारीकी से जांच पड़ताल हो रही है. आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. बता दें जिस व्यक्ति ने इस पूरे मामले में प्रकरण दर्ज कराया है उनकी पत्नी इंदौर के ही एक निजी कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर हैं. शिकायतकर्ता के पुलिस के आला अधिकारियों से घरेलू सम्बन्ध हैं. इसलिए सवाल ये भी उठ रहा है कि इतने रसूखदार होने के बावजूद जब शिकायतकर्ता की बात पर काफी पड़ताल के बाद जांच प्रक्रिया चली तो फिर एक आम आदमी कैसे सिस्टम से लड़ पाएगा?