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Electric Vehicle Day एमपी की पहली ई सिटी बनने की ओर इंदौर, यहां मिलेगी 3 साल तक फ्री चार्जिंग की सुविधा

देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में सार्वजनिक परिवहन से लेकर निजी परिवहन के साधनों को तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में अपग्रेड किया जा रहा है. इतना ही नहीं एयर क्वालिटी इंडेक्स के सुधार के लिए इंदौर में अगले तीन साल में लोडिंग इलेक्ट्रिक वाहनों को AICTSL के चार्जिंग स्टेशनों से निशुल्क चार्जिंग की सुविधा मिल सकेगी. वहीं भूतल परिवहन मंत्रालय ने इंदौर में करीब 130 चार्जिंग प्वाइंट बनाने की मंजूरी दी है. इसके लिए नगर निगम ने तीन कियोस्क एजेंसियां भी तय कर दी हैं. Electric Vehicle Day, Battery swapping station open in Indore

Battery swapping station open in Indore
बसों को इलेक्ट्रिक बसों में किया जाएगा तब्दील
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Published : Sep 9, 2022, 12:21 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में स्वच्छता के साथ यहां के परिवहन को भी इको फ्रेंडली बनाने के लिए बीते कुछ सालों से युद्ध स्तर पर प्रयास हो रहे हैं. यही वजह है कि शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स तेजी से सुधर रहा है. इंदौर प्रदेश का पहला शहर रहा है जहां सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू किया गया था. अब यहां शहरों में दौड़ने वाली सार्वजनिक परिवहन की डेढ़ सौ बसों को इलेक्ट्रिक बसों में तब्दील कर दिया जाएगा. Indore to become Electric city

बसों को इलेक्ट्रिक बसों में किया जाएगा तब्दील

बैटरी से चलने वाले वाहनों की संख्या बढ़ी: इसके अलावा शहर इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट के विस्तार ई दिशा में लोग अब बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक कारें और दुपहिया वाहन खरीद रहे हैं, जिससे निजी एवं सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति रुझान साफ नजर आ रहा है. फिलहाल इंदौर में करीब 1000 ई रिक्शा समेत 500 से 600 इलेक्ट्रिक कारें और 80 से 100 इलेक्ट्रिक बसों का प्रचलन हो रहा है. बीते 5 सालों में इंदौर में बैटरी से चलने वाले वाहनों की बढ़ती संख्या पर गौर किया जाए तो इनकी संख्या अब हजारों में पहुंच रही है. इसके अलावा इंदौर नगर निगम और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जैसे शासकीय कार्यालयों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग जरूरी किया गया है.

इंदौर में सबसे पहले चार्जिंग नेटवर्क: भूतल परिवहन मंत्रालय ने इंदौर में करीब 130 चार्जिंग प्वाइंट बनाने की मंजूरी दी है. इसके लिए इंदौर नगर निगम ने तीन कियोस्क एजेंसियां भी तय कर दी है जो शहर के सभी महत्वपूर्ण इलाकों में चार्जिंग स्टेशन विकसित कर रही हैं. फिलहाल इंदौर के राजीव गांधी सर्किल समेत नगर निगम के कुछ कार्यालयों में चार्जिंग पॉइंट की व्यवस्था है. जहां से वाहनों को चार्ज करके सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है. बारिश के बाद शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर चार्जिंग प्वाइंट बनाने की गति तेज होगी. Electric vehicle charging stations

Indore Bhopal में अगले साल से दौड़ेगी मेट्रो ट्रेन, सितंबर से शुरू होगा ट्रायल रन

आधा दर्जन से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां: इंदौर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के हब के रूप में भी उभरा है इंदौर में उजास समेत अन्य कंपनियां यहां दुपहिया वाहनों के अलावा चार पहिया वाहनों पर रिसर्च कर रही हैं इसके अलावा इंदौर से देश के विभिन्न शहरों के लिए दुपहिया वाहनों का प्रोडक्शन किया जा रहा है जिसमें राजस्थान महाराष्ट्र पंजाब एवं अन्य इलाके हैं जहां हर साल इंदौर से ही बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन भेजे जा रहे हैं.

करोड़ों की कारों की खरीदी: फिलहाल मर्सिडीज बेंज, टाटा मोटर्स, एमजी मोटर्स, हुंडई और महिंद्रा जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक कार बना रही हैं. जिनकी कीमत करीब 9 लाख से लेकर 24 लाख तक है. हालांकि इंदौर में इलेक्ट्रिक कारों को लेकर जुनून का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां तीन करोड़ रुपए तक की भी इलेक्ट्रिक कार मौजूद है.

लिथियम आयन बैटरी बनाने की तैयारी: फिलहाल लिथियम आयन बैटरी महंगी होने के कारण और विदेशियों से इंपोर्ट होने की मजबूरी के कारण देश में बनने वाले वाहनों की लागत का 50 फीसदी हिस्सा बैटरी का होता है. हालांकि अब कोशिश की जा रही है कि अगले 2 सालों में भारत में ही लिथियम आयन बैटरी तैयार कर ली जाए. जाहिर है ऐसा हो जाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में 30 से 35 फीसदी की गिरावट आ जाएगी.
Electric Vehicle Day, Indore First Electric city of MP, Battery swapping station open in Indore, Indore Free Charging facility for 3 years

इंदौर। मध्य प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में स्वच्छता के साथ यहां के परिवहन को भी इको फ्रेंडली बनाने के लिए बीते कुछ सालों से युद्ध स्तर पर प्रयास हो रहे हैं. यही वजह है कि शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स तेजी से सुधर रहा है. इंदौर प्रदेश का पहला शहर रहा है जहां सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू किया गया था. अब यहां शहरों में दौड़ने वाली सार्वजनिक परिवहन की डेढ़ सौ बसों को इलेक्ट्रिक बसों में तब्दील कर दिया जाएगा. Indore to become Electric city

बसों को इलेक्ट्रिक बसों में किया जाएगा तब्दील

बैटरी से चलने वाले वाहनों की संख्या बढ़ी: इसके अलावा शहर इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट के विस्तार ई दिशा में लोग अब बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक कारें और दुपहिया वाहन खरीद रहे हैं, जिससे निजी एवं सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति रुझान साफ नजर आ रहा है. फिलहाल इंदौर में करीब 1000 ई रिक्शा समेत 500 से 600 इलेक्ट्रिक कारें और 80 से 100 इलेक्ट्रिक बसों का प्रचलन हो रहा है. बीते 5 सालों में इंदौर में बैटरी से चलने वाले वाहनों की बढ़ती संख्या पर गौर किया जाए तो इनकी संख्या अब हजारों में पहुंच रही है. इसके अलावा इंदौर नगर निगम और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जैसे शासकीय कार्यालयों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग जरूरी किया गया है.

इंदौर में सबसे पहले चार्जिंग नेटवर्क: भूतल परिवहन मंत्रालय ने इंदौर में करीब 130 चार्जिंग प्वाइंट बनाने की मंजूरी दी है. इसके लिए इंदौर नगर निगम ने तीन कियोस्क एजेंसियां भी तय कर दी है जो शहर के सभी महत्वपूर्ण इलाकों में चार्जिंग स्टेशन विकसित कर रही हैं. फिलहाल इंदौर के राजीव गांधी सर्किल समेत नगर निगम के कुछ कार्यालयों में चार्जिंग पॉइंट की व्यवस्था है. जहां से वाहनों को चार्ज करके सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है. बारिश के बाद शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर चार्जिंग प्वाइंट बनाने की गति तेज होगी. Electric vehicle charging stations

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आधा दर्जन से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां: इंदौर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के हब के रूप में भी उभरा है इंदौर में उजास समेत अन्य कंपनियां यहां दुपहिया वाहनों के अलावा चार पहिया वाहनों पर रिसर्च कर रही हैं इसके अलावा इंदौर से देश के विभिन्न शहरों के लिए दुपहिया वाहनों का प्रोडक्शन किया जा रहा है जिसमें राजस्थान महाराष्ट्र पंजाब एवं अन्य इलाके हैं जहां हर साल इंदौर से ही बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन भेजे जा रहे हैं.

करोड़ों की कारों की खरीदी: फिलहाल मर्सिडीज बेंज, टाटा मोटर्स, एमजी मोटर्स, हुंडई और महिंद्रा जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक कार बना रही हैं. जिनकी कीमत करीब 9 लाख से लेकर 24 लाख तक है. हालांकि इंदौर में इलेक्ट्रिक कारों को लेकर जुनून का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां तीन करोड़ रुपए तक की भी इलेक्ट्रिक कार मौजूद है.

लिथियम आयन बैटरी बनाने की तैयारी: फिलहाल लिथियम आयन बैटरी महंगी होने के कारण और विदेशियों से इंपोर्ट होने की मजबूरी के कारण देश में बनने वाले वाहनों की लागत का 50 फीसदी हिस्सा बैटरी का होता है. हालांकि अब कोशिश की जा रही है कि अगले 2 सालों में भारत में ही लिथियम आयन बैटरी तैयार कर ली जाए. जाहिर है ऐसा हो जाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में 30 से 35 फीसदी की गिरावट आ जाएगी.
Electric Vehicle Day, Indore First Electric city of MP, Battery swapping station open in Indore, Indore Free Charging facility for 3 years

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