इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर में अब पर्यावरण नियंत्रण के लिए ई-ट्रांसपोर्ट सिस्टम लागू होने जा रहा है. जिसकी बदौलत अब शहर की सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएंगी. फिलहाल करीब 5 रूटों पर इन बसों को चलाया जाएगा.
शहर की सड़कों पर अब इलेक्ट्रिक बसें दौड़ने को तैयार है. यह बसें शहर के उन मार्गों पर चलाई जाएंगी जहां ट्रैफिक अधिक होने से प्रदूषण का घनत्व अधिक रहता है. करीब 5 रूटों पर इन बसों को चलाने के लिए ऑपरेटरों के टेंडर भी दिया जा चुका हैं. फिलहाल राजीव गांधी चौराहे पर इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा.
इसके अलावा बसों के दोनों एंड पॉइंट पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. जिसके लिए विद्युत कंपनी से अनुमति मिलते ही ट्रांसफार्मर व अन्य मशीन लगाने में करीब 15 से 20 दिन का समय लगेगा. वहीं, चार्जिंग स्टेशन बनते ही इन रूटों पर बसे चलने लगेंगी. बता दें कि 40 बसों में से 6 बसें मार्च के पहले सप्ताह में ही मिल जाएंगी. जिसमें से एक बस ने इंदौर में दस्तक दे दी है.
बिजली से होगी बस चार्ज
गौरतलब है कि टाटा कंपनी की यह बसें एक बार चार्ज होने पर 150 किमी का सफर तय करेंगी. इलेक्ट्रिक बस को चार्ज होने में करीब 550 रुपये की बिजली लगेगी. वहीं, तुलना की जाए तो डीजल की एक बस को 150 किमी चलाने में 75 लीटर डीजल लगता है. जिस पर करीब 5 हजार रुपये का खर्च आता है. इस तरह एक इलेक्ट्रिक बस से करीब 10 गुना इंधन की बचत होगी. साथ ही प्रदूषण में भी कमी आएगी.
शहर के इन रूटों पर चलेगी इलेक्ट्रिक बसें
सिटी ट्रांसपोर्ट कार्यालय प्रबंधन के अनुसार इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए जिन रूटों का चयन किया गया है उनमें रेलवे स्टेशन से एयरपोर्ट, मालवा मिल से चंदननगर, गंगवाल बस स्टैंड से खजराना मंदिर, तीन इमली चौराहे से चाणक्यपुरी और हवा बंगला से बाणेश्वरी कुंड हैं.