इंदौर। मारपीट के मामले में इंदौर कोर्ट में पेश हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित 6 आरोपियों को लेकर कोर्ट ने सजा का एलान कर दिया है. कोर्ट ने आरोपियों को 1 साल की सजा और 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. मामले में धारा 325 के तहत सजा सुनाते हुए कोर्ट ने 3 आरोपियों को बरी कर दिया है. पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के खिलाफ भी सजा का ऐलान किया गया है. इससे पहले मीडिया से बातचीत करते हुए दिग्विजय सिंह ने इस झूठा मामला बताया था.
2011 का था मामला : 17 जुलाई 2011 में उज्जैन दौरे के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और बीजेपी युवा मोर्चा कार्यकर्ता के बीच कालेझंडे दिखाए जाने को लेकर विवाद और मारपीट हुई थी. इस मामले में बीजेपी युवा मोर्चा ने प्रकरण दर्ज कराया था. बीजेपी युवा मोर्चा की शिकायत पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, तराना विधायक महेश परमार, अनंत नारायण मीणा सहित कई कांग्रेसियों पर प्रकरण दर्ज हुआ था.
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धारा 325 के तहत आया फैसला: मारपीट के मामले में इंदौर जिला कोर्ट आईपीसी की धारा 325 के तहत सजा सुनाई है. जिसमें जुर्माना भरने के बाद दोषियों को कोर्ट से जमानत मिल सकती है. कोर्ट ने 3 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है, जबकि 6 लोगों के खिलाफ सजा का एलान किया गया है.
यह है पूरा मामला : 17 जुलाई वर्ष 2011 को उज्जैन के भाजपा युवा मोर्चा पदाधिकारी के साथ मारपीट हुई थी. मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद प्रेमचन्द्र गुड्डू, कांग्रेस नेता रहे जय सिंह दरबार (अब भाजपा में शामिल) कांग्रेस नेता असलम लाला, अनंत नारायण और दिलीप चौधरी शामिल थे. मामले में कुल 6 आरोपी थे. मामला इंदौर के जिला कोर्ट में विचाराधीन था. आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 1 साल की सजा व 5 हजार का जुर्माना लगाया है. मामले में 3 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है.
युवा मोर्चा पर काले झंडे दिखने का आरोप : दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक निजी कार्यक्रम में उज्जैन जा रहे थे. उस दौरान क्षीप्रा नदी के बड़े ब्रिज के पास काफिले के आगे कुछ लोगों ने काले झंडे दिखा कर विरोध किया था. आरोप था की काले झंडे दिखाने वालों में युवा मोर्चा के पदाधिकारी थे. काले झंडे देख कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह व अन्य साथी भड़क गए. दोनों के बीच में ताकतर हो गई और कार्यक्रम स्थल पर मारपीट होने लगी थी. दोनों पक्ष से कई लोग घायल हुए थे. मामला थाना जीवाजीगंज पहुंचा गया जहां 9 आरोपी बनाए गए थे. आज 10 साल बाद मामले में इंदौर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुना दिया है.
उस बक्त क्या कहा था दिग्विजय सिंह ने : घटना क्रम के बाद दिग्विजय सिंह का एक स्टेटमेंट भी सामने आया था. दिग्विजय सिंह ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि मंगलनाथ मंदिर के पास उमेश नाथजी के आश्रम में हम जा रहे थे. तो काले झंडे दिखाने के लिए कुछ लोग आए तो मुझे समझ नहीं आया कि काले झंडे क्यों दिखा रहे हैं. झंडे दिखाने के बाद थोड़ा विवाद हुआ और उसके बाद जो हुआ वो अपनी जगह है. लेकिन किसी को क्या अधिकार है होटल में जाकर तोड़फोड़ करना अब जैसा करोगे वैसा भरोगे, मेरे खिलाफ जिसको FIR दर्ज करवाना है करवाए मैं कोर्ट में जवाब दूंगा.
शिकायत पर दर्ज हुआ था प्रकरण : तत्कालीन भाजयुमो कार्यकर्ता जयंत राव गरुड़ ने बताया था कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खुद उन्हें दो थप्पड़ मारे और प्रेमचंद गुड्डू ने डंडे से प्रहार किया था. पूर्व पार्षद अनंत नारायण मीणा, जय सिंह दरबार व सभी कार्यकर्ताओं ने घेर कर मारपीट की थी. जिसकी शिकायत दर्ज करवाई गई थी.