इंदौर। फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से आईएएस अधिकारी बने संतोष वर्मा पर एमजी रोड पुलिस ने कोर्ट के फर्जी दस्तावेजों के मामले में कार्रवाई करते हुए उसे 27 जून को गिरफ्तार किया था और उसके बाद से उसे विभिन्न तरह से कोर्ट में पेश करते हुए उसके बयानों के आधार पर उसे 30 जुलाई को जेल भेज दिया गया था, वहीं 30 जुलाई से आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा इंदौर की जिला जेल में बंद हैं, ऐसे में आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने इंदौर की जिला कोर्ट में एक जमानत याचिका पेश की, जिसे इंदौर की जिला कोर्ट ने सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया.
कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
कोर्ट का मानना है कि पूरा मामला काफी गंभीर है, इस पूरे मामले में अभी भी जांच की जा रही है, इसलिए आरोपी को अभी जमानत नहीं दी जा सकती, फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस अभी भी लगातार जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है, वहीं इस पूरे मामले में संतोष वर्मा की वाइस रिकॉर्डिंग के भी सैंपल लिए गए हैं, जिसे जांच पड़ताल के लिए चंडीगढ़ भेजा गया है, तो वहीं इस पूरे मामले में अन्य लोगों के बयान भी पुलिस के द्वारा लिए गए हैं, जिनकी भी जांच पड़ताल की जा रही है.
फर्जी दस्तावेजों पर ली थी नियुक्ति
बता दें आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने आईएएस अवॉर्ड फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से प्राप्त किया था, बता दें कि जिस भी अधिकारी को यह अवॉर्ड मिलता है, उसे अपने विभिन्न तरह के आपराधिक रिकॉर्ड पेश करने होते हैं, लेकिन आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा का अपनी तथाकथित पत्नी से विवाद चल रहा था, वहीं तथाकथित पत्नी ने आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा की शिकायत इंदौर के लसूड़िया थाने पर भी की थी और पूरे मामले की पुलिस द्वारा जांच पड़ताल भी की जा रही थी, लेकिन जब संतोष वर्मा आईएएस अधिकारी के लिए प्रमोट हुए हैं तो उस समय उन्होंने कोर्ट के माध्यम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिया और उन फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से आईएएस अवॉर्ड प्राप्त कर लिया, लेकिन जब पूरे मामले में जांच पड़ताल हुई तो संतोष वर्मा के द्वारा फर्जी दस्तावेजों की पोल खुल गई.
इसके बाद इस पूरे मामले में इंदौर जिला कोर्ट के जज ने हीं पूरे मामले की शिकायत एमजी रोड पुलिस को की थी और एमजी रोड पुलिस ने इस पूरे मामले में काफी बारीकी से जांच पड़ताल करते हुए आरोपी आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया था, वहीं गिरफ्तार होने के बाद इस पूरे मामले में आईएएस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.
बता दें इस पूरे मामले में अभी भी एमजी रोड पुलिस लगातार जांच पड़ताल कर रही है, घटना के वक्त भी पुलिस ने कोर्ट के कई अधिकारियों के बयान भी लिए थे, वहीं अभी भी इस पूरे मामले में पुलिस के द्वारा जांच के बाद कई और लोगों पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है, फिलहाल अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में पुलिस इस पूरे मामले में किस तरह की कार्रवाई कोर्ट से जुड़े हुए अन्य अधिकारियों पर करती है.