इंदौर। रेड चर्च को इंदौर में बने 127 पूरे साल हो चुके हैं, यह चर्च शहर के सबसे लोकप्रिय गिरजाघरों में से एक है. इस चर्च में ईसा मसीह के जीवन का विवरण चित्रों के माध्यम से किया गया है. इस चर्च का निर्माण ब्रिटिश सैनिक और उनके परिवार के सदस्यों की प्रार्थना के लिए सन 1993 में किया गया था, तब से ही यह चर्च शहर के लोगों के बीच में आस्था का केंद्र बना हुआ है. हर साल क्रिसमस पर यहां खास तैयारियां की जाती हैं लेकिन, इस बार कोरोना संक्रमण के चलते क्रिसमस के कई कार्यक्रमों को छोटा रूप दे दिया गया है.
इस साल क्रिसमस पर भी कोरोना का साया रहेगा क्रिसमस के त्यौहार को धूमधाम से मनाने की तैयारी तो इंदौर के लोगों ने की है, लेकिन गिरजाघरों में लोगों की भीड़ पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी. क्रिसमस को लेकर कैथोलिक समाज पूरा त्यौहार सादगी से मनाने की तैयारी कर रहा है. शहर के चर्चों को सजाया तो जा रहा है, लेकिन क्रिसमस के दिन कार्यक्रम सीमित संख्या में ही किए जाएंगे. इंदौर के सबसे पुराने व्हाइट चर्च और रेड चर्च में भी खास तैयारियां की गई हैं. शहर के रेड चर्च में क्रिसमस को लेकर तैयारियां अब अंतिम रूप में हैं.
127 साल पुराना है रेड चर्च, ब्रिटिश सैनिकों के परिवारों के लिए हुआ था निर्माण
इंदौर का रेड चर्च 127 साल पुराना है, इस रेड चर्च को पल्ली घोषित हुए भी 100 वर्ष से अधिक का समय हो गया है इस रेड चर्च को ब्रिटिश सैनिक और उनके परिवार के सदस्यों की प्रार्थना के लिए बनाया गया था, जिसका निर्माण 1893 में किया गया था, इस रेड चर्च के नाम के पीछे भी इतिहास काफी पुराना है उस समय रेड और व्हाइट रंग को काफी पहचाना जाता था इसीलिए इंदौर शहर में दो चर्च बनाए गए जिसमें एक चर्च को व्हाइट चर्च और दूसरे चर्च का नाम रेड चर्च रखा गया तभी से यह नाम शहर के लोगों के बीच में प्रचलित है साथ ही इस चर्च की बिल्डिंग का कलर भी हमेशा से लाल ही रखा जाता है इस बिल्डिंग के भवन निर्माण में ब्रिटिश शासन काल की वास्तुकला झलकती है.
क्रिसमस के कार्यक्रमों पर रहेगा कोरोना का साया
रेड चर्च पर कैथोलिक समाज इस बार धूमधाम से क्रिसमस का त्यौहार मनाएंगे तो सही लेकिन वहां पर आने वाले लोगों की संख्या सीमित होगी क्रिसमस को देखते हुए शहर के चर्च को सजाया तो जा रहा है, साथ ही गौशालाओं का निर्माण भी किया जा रहा है, जहां प्रभु यीशु का जन्म हुआ था, रेड चर्च में 24 दिसंबर की रात को प्रभु के आगमन पर विशेष आराधना नहीं की जाएगी, इसकी जगह शाम 5 से 7 के बीच विशेष आराधना की जाएगी और क्रिसमस के दिन यानी 25 दिसंबर को सुबह पवित्र मिस्सा के बाद चर्च को बंद कर दिया जाएगा. साथ ही एक दूसरे को सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दी जाएगी, चर्च दर्शन के लिए 26, 27 और 28 को खोलें रखे जाएंगे, लेकिन यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बेंच पर बैठा जाएगा, इसके लिए बेंच पर स्टीकर भी लगाए गए हैं साथ ही चर्च परिसर में कई स्थानों पर सैनिटाइजर की मशीन लगाई गई है.
क्रिसमस को देखते हुए इंदौर शहर के सभी गिरजा घरों को सजाया जा रहा है साथ ही गिरजा घरों में विशेष प्रार्थना का तो आयोजन है लेकिन वहां पर बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित नहीं किया जाएगा.