Soaked Almonds Benefits : यह बात सभी जानते हैं कि बादाम सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं. फूड एक्सपर्ट्स सभी उम्र के लोगों को हर दिन कुछ बादाम खाने की सलाह देते हैं. लेकिन इसे खाने का तरीका अलग-अलग हो सकता है. कुछ लोग इसे रात भर भिगोकर अगले दिन खाते हैं, जबकि कुछ लोग इसे सूखा-कच्चा खाना पसंद करते हैं. बादाम को भिगोकर खाना चाहिए या सूखा? किस तरीके से सबसे अधिक स्वास्थ्य लाभ होता है? आइए जानते हैं. मुंबई की पोषण व आहार एक्सपर्ट्स रूशेल जॉर्ज बताती हैं कि सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि वयस्कों के लिए भी सबसे पहले आहार के रूप में रात भर या कुछ घंटों तक भीगे हुए बादाम का सेवन फायदेमंद होता है.
पोषक तत्वों से भरपूर: एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बादाम भिगोने से पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ जाती है. इस प्रक्रिया से लाइपेज जैसे एंजाइम भी निकलते हैं जो मेटाबॉलिक दर को बढ़ाते हैं और वजन घटाने में मदद करते हैं. यह पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालने वाली अशुद्धियों को भी दूर करता है.
पोषक तत्वों की बेहतर उपलब्धता: फूड एक्सपर्ट्स का कहना है कि बादाम भिगोने से पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट की उपलब्धता बढ़ जाती है. यह भी सुझाव दिया गया है कि इस प्रक्रिया से लाइपेज जैसे एंजाइम निकलते हैं जो चयापचय दर को बढ़ाते हैं और वजन घटाने में मदद करते हैं. इसके अलावा, ऐसा कहा जाता है कि यह पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालने वाली अशुद्धियों को भी दूर करता है. भिगोने से बादाम के छिलके में टैनिन और फाइटिक एसिड जैसे पोषक-विरोधी प्रभाव कम हो जाता है.अधिक मात्रा में मौजूद होने पर ये आवश्यक खनिजों के अवशोषण में बाधा डालते हैं. तो, एक्सपर्ट्स का कहना है कि बादाम भिगोने का प्रभाव खनिजों के अवशोषण को सुविधाजनक बनाता है.
पाचन के लिए अच्छा : एक्सपर्ट्स का कहना है कि कच्चे बादाम की तुलना में भीगे हुए बादाम, पाचन को सुविधाजनक बनाने वाले एंजाइम जारी करने में मदद करते हैं. इसलिए इन्हें खाना पाचन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है.
फाइटिक एसिड में कमी : बादाम भिगोने से फाइटिक एसिड का स्तर कम हो जाता है. एक्सपर्ट्स सुझाव देते हैं कि यह प्रक्रिया कैल्शियम, लौह, जस्ता और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के अवशोषण में बाधा डालने वाले तत्वों को अवरुद्ध करके इन खनिजों की उपलब्धता बढ़ाती है. 2018 में 'जर्नल ऑफ द साइंस ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार रिसर्चर ने पाया कि बादाम भिगोने से फाइटिक एसिड का स्तर कम हो जाता है, जिससे खनिज अवशोषण में सुधार होता है. इस शोध में ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रसिद्ध पोषण एक्सपर्ट्स डॉ. मोहम्मद अली अनीसी ने भाग लिया. उनका दावा है कि बादाम भिगोने से फाइटिक एसिड का स्तर कम होता है और अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद मिलती है.
अशुद्धियां दूर करना: इसी तरह बादाम को भिगोने से उनकी सतह पर मौजूद अशुद्धियां दूर हो जाती हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन्हें छिलके सहित खाने से शरीर को अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं.
एंटीऑक्सीडेंट सक्रियण : Antioxidant Activation : एक्सपर्ट्स का कहना है कि बादाम भिगोने से छिलके में मौजूद पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट सक्रिय हो जाते हैं. वे मुक्त कणों को निष्क्रिय करने, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और समग्र सेलुलर स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
फॉस्फोरस से भरपूर : फॉस्फोरस बादाम में मौजूद एक महत्वपूर्ण खनिज है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि भिगोने के बाद यह और बढ़ जाता है, जिससे हड्डियों के स्वास्थ्य, दांतों की देखभाल और विभिन्न शारीरिक कार्यों में योगदान होता है.
वजन घटाने वाले एंजाइम रिलीज होते हैं : एक्सपर्ट्स का कहना है कि बादाम भिगोने की प्रक्रिया लाइपेज सहित अन्य एंजाइमों की रिलीज को उत्तेजित करती है. ये वसा को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसलिए, भीगे हुए बादाम न केवल बेहतर मेटाबॉलिज्म में योगदान देते हैं बल्कि वजन घटाने में भी मदद करते हैं.
जैसा कि आपने पढ़ा पोषक तत्वों का भंडार कहे जाने वाले बादाम को कच्चा खाने की बजाय भिगोकर खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं. इसलिए एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि बिना भिगोए कच्चे बादाम की तुलना में भीगे हुए बादाम का सेवन सेहत के लिए अधिक फायदेमंद है.
डिस्कलेमर :- ये सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.
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