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हड़ताल पर कृषि विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, हंगर स्ट्राइक की दी चेतावनी

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Published : Jan 18, 2021, 4:04 PM IST

राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक तकनीकी और प्राध्यापक संवर्ग ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है और मांगे ने माने जाने पर हंगर स्ट्राइक की दी चेतावनी दी है.

Rajmata Vijayaraje Scindia Agricultural University employees on indefinite strike
हड़ताल पर कृषि विश्वविद्यालय के प्राध्यापक

ग्वालियर। राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक तकनीकी और प्राध्यापक संवर्ग ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. सोमवार को कृषि विश्वविद्यालय के प्राध्यापक वैज्ञानिक और तकनीकी विभाग से जुड़े कर्मचारी मेन गेट पर धरने पर बैठ गए. उनकी मांग है कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को सातवां वेतन लागू हो चुका है, लेकिन ग्वालियर की राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में यह लागू नहीं हो सका है. इसे यहां भी लागू किया जाए. संगठन की शिकायत है कि उन्हें पदोन्नति में भी जगह नहीं दी जा रही है.

हड़ताल पर कृषि विश्वविद्यालय के प्राध्यापक

अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी

प्रदेश के 5 कृषि महाविद्यालय और 13 अनुसंधान केंद्रों पर यह आंदोलन 11 जनवरी से शुरू हुआ था. 5 दिनों तक कृषि प्राध्यापकों और वैज्ञानिकों ने काली पट्टी बांधकर काम किया था, लेकिन अब वे अनिश्चितकालीन धरने पर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भी करेंगे.

पेंशन को लेकर कुलपति से शिकायत

कर्मचारियों की शिकायत है कि पेंशन वितरण व्यवस्था को लेकर 3 साल से कुलपति के संज्ञान में मामला लाया जा रहा है, लेकिन उन्होंने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है. 2005 के बाद से नवीन पेंशन धारकों को ग्रेजुएटी बीमा एवं अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान सरकार के नियम अनुसार प्रमंडल के अनुमोदन के उपरांत जमा नहीं कराई गई.

विश्वविद्यालय काम हो रहा प्रभावित

प्राध्यापकों और वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके सोहलवें चक्र के कैरियर एडवांसमेंट योजना के तहत पदोन्नति के परिणामों को एक साल से विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा रोका गया है. बता दें अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार कृषि अधिकारियों ने सोमवार से काम बंद हड़ताल शुरू कर दी है जिसके कारण विश्वविद्यालय की गतिविधियां ठप हो गई हैं.

ग्वालियर। राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक तकनीकी और प्राध्यापक संवर्ग ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. सोमवार को कृषि विश्वविद्यालय के प्राध्यापक वैज्ञानिक और तकनीकी विभाग से जुड़े कर्मचारी मेन गेट पर धरने पर बैठ गए. उनकी मांग है कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को सातवां वेतन लागू हो चुका है, लेकिन ग्वालियर की राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में यह लागू नहीं हो सका है. इसे यहां भी लागू किया जाए. संगठन की शिकायत है कि उन्हें पदोन्नति में भी जगह नहीं दी जा रही है.

हड़ताल पर कृषि विश्वविद्यालय के प्राध्यापक

अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी

प्रदेश के 5 कृषि महाविद्यालय और 13 अनुसंधान केंद्रों पर यह आंदोलन 11 जनवरी से शुरू हुआ था. 5 दिनों तक कृषि प्राध्यापकों और वैज्ञानिकों ने काली पट्टी बांधकर काम किया था, लेकिन अब वे अनिश्चितकालीन धरने पर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भी करेंगे.

पेंशन को लेकर कुलपति से शिकायत

कर्मचारियों की शिकायत है कि पेंशन वितरण व्यवस्था को लेकर 3 साल से कुलपति के संज्ञान में मामला लाया जा रहा है, लेकिन उन्होंने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है. 2005 के बाद से नवीन पेंशन धारकों को ग्रेजुएटी बीमा एवं अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान सरकार के नियम अनुसार प्रमंडल के अनुमोदन के उपरांत जमा नहीं कराई गई.

विश्वविद्यालय काम हो रहा प्रभावित

प्राध्यापकों और वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके सोहलवें चक्र के कैरियर एडवांसमेंट योजना के तहत पदोन्नति के परिणामों को एक साल से विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा रोका गया है. बता दें अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार कृषि अधिकारियों ने सोमवार से काम बंद हड़ताल शुरू कर दी है जिसके कारण विश्वविद्यालय की गतिविधियां ठप हो गई हैं.

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