मुंबई: राजनीतिक नेता राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट की रिलीज के खिलाफ चेतावनी दी है. फिल्म में फवाद खान और माहिरा खान मुख्य भूमिका में हैं और भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन हटने के बाद यह देश में रिलीज होने वाली पहली पाकिस्तानी फिल्म है. हालांकि, हाल ही में खबर आई थी कि फिल्म केवल मुंबई में रिलीज होगी. अब राज ठाकरे ने फिल्म की रिलीज को लेकर कहा कि महाराष्ट्र के साथ ही किसी भी अन्य राज्य को फिल्म को रिलीज नहीं करना चाहिए.
राज ठाकरे ने एक्स पर ट्वीट किया, 'पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की फिल्म 'लीजेंड ऑफ मौला जाट' जल्द ही भारत में रिलीज होने वाली है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना किसी भी हालत में फिल्म को महाराष्ट्र में रिलीज नहीं होने देगी. पाकिस्तानी कलाकारों की फिल्मों को भारत में रिलीज करने की इजाजत क्यों है? कला कोई राष्ट्रीय सीमा नहीं जानती, अन्य मामलों में यह ठीक है, लेकिन पाकिस्तान में यह बिल्कुल भी काम नहीं करेगा. भारत से नफरत के मुद्दे पर बंटे देश के कलाकारों को यहां लाकर नाचने और उनकी फिल्में दिखाने के लिए किस तरह की कार्रवाई की जा रही है? सरकारों को इस फिल्म को महाराष्ट्र तो क्या, देश के किसी भी राज्य में प्रदर्शित होने की इजाजत नहीं देनी चाहिए.
फवाद खान नावाच्या पाकिस्तानी अभिनेत्याचा, 'लिजेंड ऑफ मौला जट' नावाचा सिनेमा लवकरच भारतात प्रदर्शित होणार आहे. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना हा सिनेमा कुठल्याही परिस्थितीत महाराष्ट्रात प्रदर्शित होऊ देणार नाही. पाकिस्तानी कलाकारांचे सिनेमे मुळात भारतात प्रदर्शित का होऊ दिले जातात?…
— Raj Thackeray (@RajThackeray) September 22, 2024
बेशक, उनका सवाल यह है कि बाकी राज्यों को क्या करना चाहिए. यह तय है कि इस फिल्म को महाराष्ट्र में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा. पहले भी ऐसी घटनाएं होने पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा दिया गया झटका सभी को याद होगा. इसलिए, अब थिएटर मालिकों से रिक्वेस्ट की जाती है कि वे फिल्मों की स्क्रीनिंग की दुविधा में न पड़ें.
जिस वक्त यह फिल्म रिलीज होगी, उसी वक्त के आसपास नवरात्रि उत्सव शुरू हो जाएगा. मैं नहीं चाहता कि महाराष्ट्र में कोई टकराव हो. इसलिए हमें समय रहते कदम उठाना चाहिए और देखना चाहिए कि यह फिल्म हमारे देश में रिलीज न हो. यह नहीं भूलना चाहिए कि मराठी फिल्मों के लिए थिएटर मुहैया कराने में आनाकानी करने वाले थिएटर मालिक अगर पाकिस्तानी सिनेमा को अपनी धरती पर आने की इजाजत देंगे तो यह उदारता महंगी पड़ेगी. मैं चाहता हूं कि किसी भी पाकिस्तानी सिनेमा के लिए राज्य में कोई संघर्ष न हो और मुझे यकीन है कि सरकार इस पर उचित ध्यान देगी.