कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के ऐतिहासिक ग्रीन पार्क स्टेडियम में 27 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला जाने वाला है. इस मैच से पहले स्टेडियम को सजाया और संवारा जा रहा है. ठीक वैसे ही स्टेडियम के अंदर अब पिच को भी बेहतर बनाने की कोशिश शुरू हो गई है. ग्रीनपार्क स्टेडियम के पिच क्यूरेटर शिव कुमार के साथ ही बीसीसीआई के पिच क्यूरेटर आशीष भौमिक भी कानपुर पहुंच चुके हैं और उन्होंने पिच का मिजाज भी समझा है.
अभी तक की कवायद के बाद क्यूरेटरों का कहना है कि कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में भारत बांग्लादेश टेस्ट मैच से पहले पिच को काली मिट्टी से तैयार किया जाएगा. काली मिट्टी की पिच पर ही इस टेस्ट मैच का नतीजा निकलेगा. हालांकि अभी पिच पर काफी नमी है, इसलिए क्यूरेटर यह भी कह रहे हैं कि मैच से पहले किसी भी समय कोई फैसला बदल भी सकता है.
लाल मिट्टी की पिच जल्दी टूटती है
क्यूरेटर में बताया कि आमतौर पर अधिकतर स्टेडियम के अंदर जो पिच तैयार की जाती है उनमें लाल मिट्टी का प्रयोग किया जाता है. हालांकि लाल मिट्टी से बनी पिच जल्द टूटने लगती है. इस प्रकार की पिच में गेंद भी तेजी से आती है जिससे तेज गेंदबाजों को अधिक मदद भी मिलती है. यही नहीं लाल मिट्टी की पिच पर घास की ग्रोथ कम होती है और इसके विपरीत काली मिट्टी की पिच पर घास की ग्रोथ अधिक होती है.
इस प्रकार की पिच पर मिट्टी बंधी होने से जल्दी टूटती नहीं है और फिर स्पिनरों के लिए मददगार हो जाती है. वहीं काली मिट्टी की पिच पर अगर नमी होती है तो वह तेज गेंदबाजों को मदद करती है. लेकिन टेस्ट मैच में दूसरे व तीसरे दिन तक इस प्रकार की पिच में स्पिनरों को मदद मिलने लगती है. काली मिट्टी की पिच बल्लेबाजों के लिए भी आदर्श मानी जाती है.
ग्रीन पार्क में मॉर्निंग वॉक और खेल गतिविधियां बंद
शहर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में होने वाले भारत बांग्लादेश के टेस्ट मैच को लेकर अब पूरी तरीके से मॉर्निंग वॉक करने वालों की गतिविधियों व अन्य खेल गतिविधियों को बंद कर दिया गया है. डीसीपी पूर्वी के निर्देश पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के मकसद से यह फैसला लिया गया है. ग्रीनपार्क के उपनिदेशक आरएन सिंह ने बताया कि सभी मॉर्निंग वॉकर्स व खिलाड़ियों की इसकी जानकारी भी दे दी गई है. अब सभी गतिविधियां दो अक्टूबर के बाद ही शुरू हो सकेंगी.