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ग्वालियर: प्रोफेसर के रत्नम बने ICHR के सदस्य सचिव

प्रोफेसर रत्नम को मानव संसाधन विकास विभाग के भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है. 1982-1985 तक बरेली कॉलेज से स्नातक और स्नातकोत्तर करने के बाद कानपुर विश्वविद्यालय से 1996 में डी. लिट की उपाधि प्राप्त की थी और सबसे कम उम्र में पीएचडी करने वाले छात्र बने थे.

महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज
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Published : Jun 3, 2019, 7:58 PM IST

ग्वालियर। जिले के प्रतिष्ठित महारानी लक्ष्मी बाई कॉलेज के प्रोफेसर के रत्नम आईसीएचआर के सदस्य सचिव बनाये गए हैं, प्रो रत्नम मध्यप्रदेश के प्रथम सदस्य सचिव के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे. बता दें, प्रो रत्नम ग्वालियर में महारानी लक्ष्मी बाई कॉलेज में प्रोफेसर रहे हैं, उसके बाद इस समय ग्वालियर के केआरजी कॉलेज में इतिहास के प्रोपेसर के रूप कार्यरत हैं. ऐसा पहली बार हुआ जब कोई मध्यप्रदेश से मानव संसाधन विकास मंत्रालय के भारतीय इतिहास अनुशंधान परिषद में सदस्य सचिव के रूप में चयनित हुआ है.

प्रोपेसर रत्नम मूलतः उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं और लम्बे समय से ग्वालियर में कार्यरत हैं. पहले लम्बे समय तक प्रतिष्ठित महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर रहे, उसके बाद केआरजी कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. डॉ प्रोफेसर 1990 में कानपुर यूनिवर्सिटी से सबसे कम उम्र में पीएचडी करने वाले छात्र हैं.

ग्वालियर। जिले के प्रतिष्ठित महारानी लक्ष्मी बाई कॉलेज के प्रोफेसर के रत्नम आईसीएचआर के सदस्य सचिव बनाये गए हैं, प्रो रत्नम मध्यप्रदेश के प्रथम सदस्य सचिव के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे. बता दें, प्रो रत्नम ग्वालियर में महारानी लक्ष्मी बाई कॉलेज में प्रोफेसर रहे हैं, उसके बाद इस समय ग्वालियर के केआरजी कॉलेज में इतिहास के प्रोपेसर के रूप कार्यरत हैं. ऐसा पहली बार हुआ जब कोई मध्यप्रदेश से मानव संसाधन विकास मंत्रालय के भारतीय इतिहास अनुशंधान परिषद में सदस्य सचिव के रूप में चयनित हुआ है.

प्रोपेसर रत्नम मूलतः उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं और लम्बे समय से ग्वालियर में कार्यरत हैं. पहले लम्बे समय तक प्रतिष्ठित महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर रहे, उसके बाद केआरजी कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. डॉ प्रोफेसर 1990 में कानपुर यूनिवर्सिटी से सबसे कम उम्र में पीएचडी करने वाले छात्र हैं.

ग्वालियर - जिले के प्रतिष्ठित महारानी लक्ष्मी बायीं कॉलेज के प्रोपेसर के रत्नम आई सी एच आर के सदस्य सचिव बनाये गए है। प्रो रत्नम मध्यप्रदेश के प्रथम सदस्य सचिव के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। बता दे प्रो रत्नम ग्वालियर में महारानी लक्ष्मी बाई कॉलेज में प्रोपेसर रहे है उसके बाद इस समय ग्वालियर के केआरजी कॉलेज में हिस्ट्री के प्रोपेसर के रूप कार्यरत है। ऐसा पहली बार रूप हुआ जब कोई मध्यप्रदेश से मानव संसाधन विकास ,भारतीय इतिहास अनुशंधान परिषद् में सदस्य सचिव के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। प्रोपेसर रत्नम मूलतः उत्तरप्रदेश के रहने बाले है और लम्बे समय से ग्वालियर में कार्यरत है पहले लम्बे समय से प्रतिष्ठित कॉलेज महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज में इतिहास के प्रोपेसर थे उसके बाद केआरजी कॉलेज में अपनी सेवाये दे रहे है। डॉ प्रोपेसर 1990 में कानपुर यूनिवर्सिटी से सबसे कम उम्र में पीएचडी करने बाले छात्र है। 
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