ग्वालियर। छत्तीसगढ़ सरकार को चेतावनी देने के बाद शुक्रवार को ग्वालियर में हिंदू महासभा कार्यालय में दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे की पुण्यतिथि मनाई गई . महात्मा गांधी की हत्या के आरोप में परिचुरे को उम्रकैद की सजा दी गई थी. हिंदू महासभा ने दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे की 37वीं पुण्यतिथि पर उनकी तस्वीर का अनावरण किया.(murderers of gandhi worshiped in gwalior ) खास बात यह है कि कार्यक्रम की घोषणा पहले से ही कर दी गई थी, इसके बावजूद पुलिस प्रशासन की तरफ से इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं किए गए.
गांधी के हत्यारे की पूजा
शहर के बीचों-बीच स्थित हिंदू महासभा कार्यालय में दोपहर को हिंदू महासभा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकजुट हुए. उसके बाद यहां बापू के हत्यारे गोडसे, नारायण आप्टे और दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे की तस्वीर लगाई गई. उसके बाद पूजा अर्चना कर(slogans in favour of godse apte parchure gwalior ) आरती उतारी. परचुरे की तस्वीर का अनावरण भी किया. अंबाला की जेल से लाई गई मिट्टी से बापू के तीनों हत्यारों की तस्वीर का अभिषेक किया.
शहर के बीचों-बीच लगे बापू के हत्यारे के जयकारे!
हिंदू महासभा कार्यालय में पूजा अर्चना के दौरान बापू के हत्यारों के जयकारे लग रहे थे. हिंदू महासभा के लोग बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे, नारायण आप्टे और परचुरे के अमर रहने के जयकारे लगा रहे थे. हिंदू महासभा के लोगों ने उनकी आरती उतारी. हिंदू महासभा का यह कार्यक्रम पहले से ही घोषित था. कल उन्होंने खुद शहर के बीच चौराहे पर जाकर चुनौती दी थी, कि वह बापू के हत्यारों की पुण्यतिथि मनाएंगे. इसके बावजूद पुलिस प्रशासन बेखबर नजर आया. पुलिस प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी वहां नहीं पहुंचा. नी ही इस कार्यक्रम को रोकने की किसी ने कोशिश की.
कौन है डॉ दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे ?
सदाशिव परचुरे बापू की हत्यारे नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे का साथी था. परचुरे ने ही ग्वालियर में स्थित अपने घर में नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को शरण दी थी. इसके साथ ही परचुरे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को पिस्टल उपलब्ध करवाई थी. इसके लिए डॉ दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे को आजीवन कारावास हुआ था.
देश में हिंदू महासभा का गढ़ रहा है ग्वालियर
देश में हिंदू महासभा का गढ़ ग्वालियर रहा है. ये हिंदू महासभा के पदाधिकारियों की कर्म स्थली रहा है. खुद बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे ने ग्वालियर के हिंदू महासभा कार्यालय में कई दिन गुजारे हैं. नाथूराम गोडसे ने जिस पिस्टल से महात्मा गांधी की हत्या की थी, वह भी यहीं से खरीदी गई थी. साथ ही इसे चलाने की ट्रेनिंग भी गोडसे ने यहीं से ली थी.