ग्वालियर। महलगांव की सरकारी सर्वे की जमीन को सिंधिया परिवार कमलाराजा चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम दर्ज करा रहा है. इसके खिलाफ एडवोकेट ऋषभ भदौरिया ने ग्वालियर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका पर हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में याचिका लगाने वाले वकील अपनी शिकायत का आवेदन जिले के सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने की बात कह रहे हैं.
यह है याचिकाकर्ता का तर्क
याचिकाकर्ता ऋषभ भदौरिया ने हाईकोर्ट को बताया था कि 2018 में इस बेशकीमती जमीन को क्षेत्र के तहसीलदार ने ट्रस्ट के नाम दर्ज कर दिया था. सरकारी जमीन सर्वे नंबर 398, 302, 419, 420, 420, 1235, 1201, 1236, 1242, 401, 1245, 402, 403, 415, 416, 418, 397, 417, 411, 412, 413, की यह पूरी जमीन मिसल बंदोबस्त के तहत 2018 तक शासकीय रही है, लेकिन अधिकारियों ने अब इसे निजी कर दिया है. इसी जमीन के संबंध में कमलाराजा ट्रस्ट की एक अपील सुप्रीम कोर्ट से पहले भी खारिज हो चुकी है. अब याचिकाकर्ता सिंधिया ट्रस्ट के इस जमीन की जांच के लिए जिला कलेक्टर के साथ ही सक्षम अधिकारी को अपना शिकायती आवेदन प्रस्तुत करेंगे.
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पहले भी खारिज हो चुकी है याचिका
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सिंधिया ट्रस्ट से संबंधित एक अन्य याचिका को पहले भी खारिज कर चुका है. इस याचिका में शारदा विहार स्थित कुत्तेवाली समाधि की जमीन को विक्रय के लिए निरस्त कर उसे सरकारी घोषित करने की मांग की गई थी. इस याचिका में ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य लोगों को प्रतिवादी बनाया गया था. कोर्ट ने कहा था कि ऐसा प्रतीत हो रहा जैसे याचिका सुनियोजित इरादे से दायर की गई हो, क्याेंकि याचिकाकर्ता खुद जमीन को सरकारी घोषित करने की मांग कर रहा है. यह याचिका सुरेंद्र श्रीवास्तव ने ग्वालियर हाईकोर्ट में दाखिल की थी. याचिका में तर्क दिया गया था कि महलगांव के सर्वे क्रमांक 916 पर सरकारी जमीन पर कुत्तेवाली समाधी बनी हुई है. जिसे 2009 में गलत तरीके से विक्रय किया गया. याचिकाकर्ता की मांग थी कि जमीन को सरकारी घोषित किया जाए,लेकिन कोर्ट ने सभी तथ्यों को सुनने के बाद इस याचिका को खारिज कर दिया था.