ETV Bharat / city

Jiwaji University Fraud: जीवाजी विश्वविद्यालय ने निरीक्षण किए बिना 278 कॉलेजों को दी मान्यता, अब प्रबंधन छिपा रहा है गलती

ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय (Jiwaji university Gwalior) एक बार फिर सुर्खियों में है. विश्वविद्यालय में नए फर्जीवाड़े के कारनामे का खुलासा हुआ है. विश्वविद्यालय ने 278 कॉलेजों को बिना निरीक्षण किए ही मान्यता दे दी है.

Jiwaji university fraud case
जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़ा
author img

By

Published : May 29, 2022, 8:50 AM IST

Updated : May 29, 2022, 9:05 AM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय हमेशा अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहता है. अबकी बार फिर जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़े का एक और कारनामा सामने आया है. जीवाजी विश्वविद्यालय ने 278 कॉलेजों को बिना निरीक्षण किए मान्यता दे दी है. परंपरागत तरीके से संचालित 278 कॉलेजों को देर रात ई प्रवेश पोर्टल पर अपलोड किया गया. खास बात यह है कि इन कॉलेजों का न तो निरीक्षण कराया गया और ना ही स्थाई समिति और कार्यपरिषद में इन्हें संबद्धता देने का प्रस्ताव रखा. जब इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति अविनाश तिवारी से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से स्पष्ट मना कर दिया.

शिकायत के बाद भी नहीं लिया संज्ञान: कार्यपरिषद की बैठक में कॉलेजों को सत्र 2022-23 की संबद्धता के लिए उनका निरीक्षण कराने का फैसला लिया गया था. कॉलेजों में ऑनलाइन प्रवेश शुरू हो चुका है और जिन कॉलेजों को पोर्टल पर प्रदर्शित होना था उन कॉलेजों का पहले जीवाजी विश्वविद्यालय को निरीक्षण करना था. इसके बाद पोर्टल पर प्रदर्शित होने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देना था, लेकिन जीवाजी विश्वविद्यालय ने बिना निरीक्षण के अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया. इसको लेकर कार्यपरिषद सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराई थी. कार्यपरिषद सदस्य डॉ. मुनेंद्र सिंह सोलंकी का कहना है कि, यह नियम ठीक नहीं है. इस मामले में कुलपति से चर्चा कर आपत्ति दर्ज करा दी गई, लेकिन अभी तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया.

जीवाजी विश्वविद्यालय का अनसूलझा फर्जी मार्कशीट कांड! 3 जांचों के बाद भी नतीजा सिफर, आखिर किसने बनाए 209 फेक मार्कशीट्स?

विश्वविद्यालय प्रबंधन छिपा रहा गलती: नियमानुसार कॉलेजों का निरीक्षण किए जाने के बाद निरीक्षण रिपोर्ट को स्थाई समिति और कार्य परिषद में रखा जाता है. इसके बाद ही इन कॉलेजों को प्रवेश प्रक्रिया में शामिल किया जाता है. इसके उलट जीवाजी विश्वविद्यालय में 278 कॉलेजों को बिना निरीक्षण के ई प्रवेश पोर्टल पर अपलोड कर दिया. इस मामले को लेकर अब विश्वविद्यालय प्रबंधन अपने आप को छिपाते हुए नजर आ रहा है. ईटीवी भारत की टीम जब जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात करने पहुंची और इस बारे में उनसे बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि - "मैं इस मामले में कुछ भी नहीं बोल पाऊंगा. आप चाहे तो उच्च शिक्षा मंत्री से शिकायत कर सकते हैं ".

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय हमेशा अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहता है. अबकी बार फिर जीवाजी विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़े का एक और कारनामा सामने आया है. जीवाजी विश्वविद्यालय ने 278 कॉलेजों को बिना निरीक्षण किए मान्यता दे दी है. परंपरागत तरीके से संचालित 278 कॉलेजों को देर रात ई प्रवेश पोर्टल पर अपलोड किया गया. खास बात यह है कि इन कॉलेजों का न तो निरीक्षण कराया गया और ना ही स्थाई समिति और कार्यपरिषद में इन्हें संबद्धता देने का प्रस्ताव रखा. जब इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति अविनाश तिवारी से बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से स्पष्ट मना कर दिया.

शिकायत के बाद भी नहीं लिया संज्ञान: कार्यपरिषद की बैठक में कॉलेजों को सत्र 2022-23 की संबद्धता के लिए उनका निरीक्षण कराने का फैसला लिया गया था. कॉलेजों में ऑनलाइन प्रवेश शुरू हो चुका है और जिन कॉलेजों को पोर्टल पर प्रदर्शित होना था उन कॉलेजों का पहले जीवाजी विश्वविद्यालय को निरीक्षण करना था. इसके बाद पोर्टल पर प्रदर्शित होने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देना था, लेकिन जीवाजी विश्वविद्यालय ने बिना निरीक्षण के अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया. इसको लेकर कार्यपरिषद सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराई थी. कार्यपरिषद सदस्य डॉ. मुनेंद्र सिंह सोलंकी का कहना है कि, यह नियम ठीक नहीं है. इस मामले में कुलपति से चर्चा कर आपत्ति दर्ज करा दी गई, लेकिन अभी तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया.

जीवाजी विश्वविद्यालय का अनसूलझा फर्जी मार्कशीट कांड! 3 जांचों के बाद भी नतीजा सिफर, आखिर किसने बनाए 209 फेक मार्कशीट्स?

विश्वविद्यालय प्रबंधन छिपा रहा गलती: नियमानुसार कॉलेजों का निरीक्षण किए जाने के बाद निरीक्षण रिपोर्ट को स्थाई समिति और कार्य परिषद में रखा जाता है. इसके बाद ही इन कॉलेजों को प्रवेश प्रक्रिया में शामिल किया जाता है. इसके उलट जीवाजी विश्वविद्यालय में 278 कॉलेजों को बिना निरीक्षण के ई प्रवेश पोर्टल पर अपलोड कर दिया. इस मामले को लेकर अब विश्वविद्यालय प्रबंधन अपने आप को छिपाते हुए नजर आ रहा है. ईटीवी भारत की टीम जब जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात करने पहुंची और इस बारे में उनसे बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे पर बोलने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि - "मैं इस मामले में कुछ भी नहीं बोल पाऊंगा. आप चाहे तो उच्च शिक्षा मंत्री से शिकायत कर सकते हैं ".

Last Updated : May 29, 2022, 9:05 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.