ग्वालियर। शहर के आयुर्वेदिक कॉलेज में एक दशक से भी पहले आई ड्रग टेस्टिंग लैब की मशीनें अभी तक शुरु नहीं हो सकी है. पहले तो स्टाफ की कमी थी लेकिन 6 महीने पहले सरकार ने दो विशेषज्ञों की नियुक्ति यहां करवाई थी. बावजूद इसके मशीन अभी तक काम नहीं शुरू कर पाई है. जिसके पीछे का कारण बिल्डिंग के रिनोवेशन को कारण माना जा रहा है.
12 साल पहले हर प्रदेश में स्थापित होने के लिए मशीन भेजी गई थी. मध्यप्रदेश में ग्वालियर में आयुर्वेदिक कॉलेज में यह मशीनें स्थापित होनी थी. लेकिन टेक्निकल स्टाफ और विशेषज्ञों की कमी के कारण यह मशीन शुरू नहीं हो सकी, ड्रग टेस्टिंग लैब के लिए जबलपुर और दमोह से दो लोगों की तैनाती की गई है पीआईयू ने ड्रग टेस्टिंग लैब की बिल्डिंग का रिनोवेशन शुरू कर दिया. यह काम इतना धीमी गति से चल रहा है कि अभी तक पूरा नहीं हो सका है.
काम के पूरा नहीं होने के कारण मशीनें अभी तक कमरों में ही बंद है. इस बारे में जब अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि ग्वालियर के लिए ड्रग टेस्टिंग लैब बड़ी उपलब्धि है. लेकिन इसकी शुरुआत कब तक हो सकेगी यह कहना बिल्डिंग के रेनोवेशन के कंप्लीट होने पर ही बताया जा सकता है.
इन दिनों आयुर्वेदिक दवाइयों का बाजार गर्म है और तमाम कंपनियां अपने प्रोडक्ट बनाकर बेच रही हैं. लेकिन इनकी टेस्टिंग के लिए अभी उन्हें प्रदेश के बाहर भेजा जाता है ग्वालियर की जब यह लैब शुरू हो जाएगी तो प्रदेश की सभी इकाइयों से की बनी दवा यहां टेस्ट होगी.