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आयुर्वेदिक कॉलेज में शुरु नहीं हुई 'आई ड्रग टेस्टिंग लैब' मशीनें, 12 साल से कमरों में हैं बंद - आई ड्रग टेस्टिंग लैब की मशीनें

ग्वालियर के आयुर्वेदिक कॉलेज में 12 साल पहले लाई गई आई ड्रग टेस्टिंग लैब की मशीनें अब तक शुरु नहीं की गई है. जिस पर अब तक कोई प्रशासनिक कार्रवाई भी नहीं की गई है.

आयुर्वेदिक कॉलेज ग्वालियर
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Published : Oct 7, 2019, 12:24 PM IST

ग्वालियर। शहर के आयुर्वेदिक कॉलेज में एक दशक से भी पहले आई ड्रग टेस्टिंग लैब की मशीनें अभी तक शुरु नहीं हो सकी है. पहले तो स्टाफ की कमी थी लेकिन 6 महीने पहले सरकार ने दो विशेषज्ञों की नियुक्ति यहां करवाई थी. बावजूद इसके मशीन अभी तक काम नहीं शुरू कर पाई है. जिसके पीछे का कारण बिल्डिंग के रिनोवेशन को कारण माना जा रहा है.

आयुर्वेदिक कॉलेज में शुरु नहीं हुई 'आई ड्रग टेस्टिंग लैब' मशीनें

12 साल पहले हर प्रदेश में स्थापित होने के लिए मशीन भेजी गई थी. मध्यप्रदेश में ग्वालियर में आयुर्वेदिक कॉलेज में यह मशीनें स्थापित होनी थी. लेकिन टेक्निकल स्टाफ और विशेषज्ञों की कमी के कारण यह मशीन शुरू नहीं हो सकी, ड्रग टेस्टिंग लैब के लिए जबलपुर और दमोह से दो लोगों की तैनाती की गई है पीआईयू ने ड्रग टेस्टिंग लैब की बिल्डिंग का रिनोवेशन शुरू कर दिया. यह काम इतना धीमी गति से चल रहा है कि अभी तक पूरा नहीं हो सका है.

काम के पूरा नहीं होने के कारण मशीनें अभी तक कमरों में ही बंद है. इस बारे में जब अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि ग्वालियर के लिए ड्रग टेस्टिंग लैब बड़ी उपलब्धि है. लेकिन इसकी शुरुआत कब तक हो सकेगी यह कहना बिल्डिंग के रेनोवेशन के कंप्लीट होने पर ही बताया जा सकता है.

इन दिनों आयुर्वेदिक दवाइयों का बाजार गर्म है और तमाम कंपनियां अपने प्रोडक्ट बनाकर बेच रही हैं. लेकिन इनकी टेस्टिंग के लिए अभी उन्हें प्रदेश के बाहर भेजा जाता है ग्वालियर की जब यह लैब शुरू हो जाएगी तो प्रदेश की सभी इकाइयों से की बनी दवा यहां टेस्ट होगी.

ग्वालियर। शहर के आयुर्वेदिक कॉलेज में एक दशक से भी पहले आई ड्रग टेस्टिंग लैब की मशीनें अभी तक शुरु नहीं हो सकी है. पहले तो स्टाफ की कमी थी लेकिन 6 महीने पहले सरकार ने दो विशेषज्ञों की नियुक्ति यहां करवाई थी. बावजूद इसके मशीन अभी तक काम नहीं शुरू कर पाई है. जिसके पीछे का कारण बिल्डिंग के रिनोवेशन को कारण माना जा रहा है.

आयुर्वेदिक कॉलेज में शुरु नहीं हुई 'आई ड्रग टेस्टिंग लैब' मशीनें

12 साल पहले हर प्रदेश में स्थापित होने के लिए मशीन भेजी गई थी. मध्यप्रदेश में ग्वालियर में आयुर्वेदिक कॉलेज में यह मशीनें स्थापित होनी थी. लेकिन टेक्निकल स्टाफ और विशेषज्ञों की कमी के कारण यह मशीन शुरू नहीं हो सकी, ड्रग टेस्टिंग लैब के लिए जबलपुर और दमोह से दो लोगों की तैनाती की गई है पीआईयू ने ड्रग टेस्टिंग लैब की बिल्डिंग का रिनोवेशन शुरू कर दिया. यह काम इतना धीमी गति से चल रहा है कि अभी तक पूरा नहीं हो सका है.

काम के पूरा नहीं होने के कारण मशीनें अभी तक कमरों में ही बंद है. इस बारे में जब अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि ग्वालियर के लिए ड्रग टेस्टिंग लैब बड़ी उपलब्धि है. लेकिन इसकी शुरुआत कब तक हो सकेगी यह कहना बिल्डिंग के रेनोवेशन के कंप्लीट होने पर ही बताया जा सकता है.

इन दिनों आयुर्वेदिक दवाइयों का बाजार गर्म है और तमाम कंपनियां अपने प्रोडक्ट बनाकर बेच रही हैं. लेकिन इनकी टेस्टिंग के लिए अभी उन्हें प्रदेश के बाहर भेजा जाता है ग्वालियर की जब यह लैब शुरू हो जाएगी तो प्रदेश की सभी इकाइयों से की बनी दवा यहां टेस्ट होगी.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर के आयुर्वेदिक कॉलेज में एक दशक से भी पहले आई ड्रग टेस्टिंग लैब की मशीनें अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। पहले तो स्टाफ की कमी थी लेकिन 6 महीने पहले सरकार ने 2 विशेषज्ञों की नियुक्ति यहां कर दिए इसके अलावा आयुर्वेदिक कालेज का स्टाफ भी लैब के लिए तैनात हो चुका है लेकिन बावजूद इसके मशीन अभी तक काम नहीं शुरू कर पाई है इसके पीछे बिल्डिंग के रिनोवेशन को कारण माना जा रहा है।


Body:गौरतलब है कि 12 साल पहले हर प्रदेश में स्थापित होने के लिए मशीन भेजी गई थी मध्यप्रदेश में ग्वालियर में आयुर्वेदिक कॉलेज में यह मशीनें स्थापित होनी थी लेकिन टेक्निकल स्टाफ और विशेषज्ञों की कमी के कारण यह मशीन शुरू नहीं हो सकी ड्रग टेस्टिंग लैब के लिए जबलपुर और दमोह से 2 लोगों की तैनाती की गई है पीआईयू ने ड्रग टेस्टिंग लैब की बिल्डिंग का रिनोवेशन शुरू कर दिया यह काम इतना धीमी गति से चल रहा है कि अभी तक पूरा नहीं हो सका है।


Conclusion:काम के पूरा नहीं होने के कारण मशीनें अभी तक कमरों में बंद है इस बारे में जब अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि ग्वालियर के लिए ड्रग टेस्टिंग लैब बड़ी उपलब्धि है लेकिन इसकी शुरुआत कब तक हो सकेगी यह कहना बिल्डिंग के रेनोवेशन के कंप्लीट होने पर ही बताया जा सकता है गौरतलब है कि इन दिनों आयुर्वेदिक दबाव का बाजार गर्म है और तमाम कंपनियां अपने प्रोडक्ट बनाकर बेच रही है लेकिन इनकी टेस्टिंग के लिए अभी उन्हें प्रदेश के बाहर भेजा जाता है ग्वालियर की जब यह लैब शुरू हो जाएगी तो प्रदेश की सभी इकाइयों से की बनी दवा यहां टेस्ट होगी।
बाइट डॉ रश्मि प्रधान प्रभारी प्राचार्य आयुर्वेदिक कॉलेज ग्वालियर
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