ग्वालियर। ग्वालियर पहुंचे कांग्रेस नेता अरुण यादव (Arun Yadav)ने बड़ा बयान दिया है. अरुण यादव ने कहा है कि बीजेपी के नेताओं की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है. उन्होंने कहा प्रदेश में दिग्विजय सिंह के 10 साल के कार्यकाल में ना दंगा हुआ, ना ही कोई सांप्रदायिक घटना. अरुण यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसलिए चुनावी माहौल बनाने और ध्रुवीकरण करने के लिए सरकार मध्यप्रदेश में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर रही है. (Congress leader Arun Yadav statement in Gwalior)
सरकार छुपा रही अपनी विफलता : खरगोन में दंगे को लेकर अरुण यादव ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को पूरी तर असफल बताया. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) अपना विभाग नहीं सभांल पा रहे हैं. अगर सरकार एक्टिव होती, तो इस तरह की घटना नहीं होती. सरकार अपनी विफलता को छुपाने के लिए जानबूझ कर सांप्रदायिक तनाव पैदा कर रही है. (Khargone violence caused by Home Minister)
शिवराज सिंह चौहान के 'बुलडोजर एक्ट' को मिला पार्टी का समर्थन
बुलडोजर नहीं, कानून व्यवस्था ठीक करने की जरूरत: यादव के मुताबिक अगर प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक होती तो बुलडोजर की जरूरत ही नही पड़ती. (politics on bulldozer) यादव ने आरोप लगाया कि सरकार बुलडोजर के जरिए मध्यप्रदेश को दूषित करने का काम कर रही है. अरूण यादव ने विधायक रामेश्वर शर्मा ने अजान और हनुमान वाले बयान को लेकर कहा है कि इस मामले में प्रशासन अपना काम करेगा.
दंगाई बता घर पर चलवाया बुलडोजर: बड़वानी जिले के सेंधवा में रामनवमीं के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने जिसे आरोपी मानते हुए घर पर बुलडोजर चलाया है, वह घटना के पहले से ही जेल में बंद है. यह गंभीर आरोप कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने लगाया है. प्रशासन ने जिस आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाया उनमें से एक शहबाज खान का घर था. शहबाज के दो साथियों के साथ एक महीने पहले से जेल में बंद होने की बात कही जा रही है. इन तीनों पर प्रकरण दर्ज किया गया है.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने एक ट्वीट कर कहा है कि एमपी अजब है, सबसे गजब है. मैं सिर्फ इसीलिए ही लगातार शासन एवं प्रशासन से मांग कर रहा हूं कि बिना जांच किए कार्यवाही न करे, अब मामला बड़वानी जिले के सेंधवा का है जिसे आरोपी बनाकर उसके घर पर बुलडोजर चलाया वो पहले से ही जेल में बंद है. शिवराज जी फिर मप्र में न्यायपालिका व्यवस्था को खत्म ही करवा दीजिये. यादव ने अपने ट्वीट के साथ पूर्व में तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज होने और उसके बाद हिंसा में उनका नाम आने की दो अलग-अलग प्राथमिकी को भी साझा किया है.
अधिकारी का बयान: अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मनोहर सिंह बारिया ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, पुलिस इस मामले में विवेचना कर जेल अधीक्षक से जानकारी लेगी कि आरोपी जेल में है या नहीं.
--ब्यूरो रिपोर्ट के साथ IANS इनपुट