ग्वालियर। ताजा आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में क्राइम का ग्राफ (Crime In MP) सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ा है. क्राइम बढ़ने का अर्थ है इस पर कंट्रोल कम हुआ है. मतलब ये है कि क्राइम को कंट्रोल करने वाले ढीले पड़ रह हैं. ग्वालियर की बात करें, तो यहां भी अपराध लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है.
एमपी में बढ़ते अपराधों से क्राइम कंट्रोल (Crime Out Of Control ) के तरीकों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ये पुलिस का काम है. यानि सवाल घूमफिर कर खाकी पर ही उठने हैं. ग्वालियर जिले की तस्वीर भी जुदा नहीं है. हम आपको बताते हैं कि कहां पुलिस से लापरवाही हो रही है. अपराधियों में पुलिस का खौफ क्यों कम होता जा रहा है.
देशभक्ति जनसेवा का नारा देने वाली मध्य प्रदेश पुलिस ने आम लोगों की सुरक्षा के लिए शहर में पुलिस चौकी तो खोली, लेकिन वहां पुलिसवाले नहीं हैं. कई जगहों पर पुलिस चौकी नशे का अड्डा बन गई है. ईटीवी भारत ने इसी की पड़ताल की.
अगर आपसे कोई कहे कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय से सिर्फ 200 मीटर दूर शराबियों का अड्डा लगता है, तो आप यकीन करेंगे ? अगर आप ग्वालियर (Crime In Gwalior ) में हैं तो आपको इसके साक्षात दर्शन हो सकते हैं.
SP ऑफिस से 200 मीटर दूरी नशेड़ियों का अड्डा
सिटी सेंटर शहर का सबसे बड़े इलाकों में से एक है. यहां खाकी के मुखिया पुलिस अधीक्षक का दफ्तर है. एसपी साहब के ऑफिस से ठीक 200 मीटर की दूरी पर पुलिस सहायता केंद्र है . शुक्र है यहां ताला नहीं लगा. लेकिन सहायता केन्द्र के अंदर जाते ही आप हैरान हो जाएंगे. पुलिस सहायता केंद्र (Crime Out Of Control ) में शराब की बोतलें पड़ी हैं. टेबल और कुर्सियों पर धूल जमी हुई है. ऐसा लग रहा है कि मानो इस पुलिस सहायता केंद्र में बरसों से कोई भी पुलिसकर्मी तैनात नहीं है. यह सिर्फ शहर के बदमाशों के हवाले छोड़ दी गई है.
लोगों का कहना है कि शहर में क्राइम आउट ऑफ कंट्रोल है. क्योंकि चौकियों में पुलिस की बजाय नशेड़ी रहते हैं. इस पर ग्वालियर के एसपी अमित सांघी ने सफाई दी है. सांधी ने बताया कि सभी पुलिस चौकियों में चौकी प्रभारी तैनात (Crime In Gwalior )रहता है. कुछ सहायता केन्द्र हैं जिन्हें अस्थायी रूप से बनाया गया था. लेकिन सरकार की ओर से इसकी प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली. सिर्फ घोषणा करने पर ही इन्हें फौरी तौर पर बनाया गया था. कुछ समय बाद उस इलाके में अपराध की गंभीरता कम होने पर उन्हें बंद कर दिया गया है. अगर इन जगहों पर शराबियों ने अड्डा जमा लिया है, तो हम समीक्षा करेंगे. जहां जरूरत होगी वहां और पुलिसवाले तैनात किए जाएंगे.