ETV Bharat / city

Gwalior SP Office के बाहर दारू Party, पुलिस सहायता केन्द्र में नशेड़ियों का कब्जा, ETV BHARAT की पड़ताल

ग्वालियर शहर में आम लोगों की सुरक्षा के लिए बनाई गई पुलिस चौकियों को खुद मदद की दरकार है. यहां पुलिस सहायता केन्द्र नशेड़ियों का अड्डा बन गए हैं. देखिए ईटीवी भारत की खास पड़ताल.

crime out of control
ETV BHARAT की पड़ताल
author img

By

Published : Sep 24, 2021, 10:05 PM IST

ग्वालियर। ताजा आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में क्राइम का ग्राफ (Crime In MP) सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ा है. क्राइम बढ़ने का अर्थ है इस पर कंट्रोल कम हुआ है. मतलब ये है कि क्राइम को कंट्रोल करने वाले ढीले पड़ रह हैं. ग्वालियर की बात करें, तो यहां भी अपराध लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है.

Gwalior SP Office के बाहर दारू Party, पुलिस सहायता केन्द्र में नशेड़ियों का कब्जा, ETV BHARAT की पड़ताल

एमपी में बढ़ते अपराधों से क्राइम कंट्रोल (Crime Out Of Control ) के तरीकों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ये पुलिस का काम है. यानि सवाल घूमफिर कर खाकी पर ही उठने हैं. ग्वालियर जिले की तस्वीर भी जुदा नहीं है. हम आपको बताते हैं कि कहां पुलिस से लापरवाही हो रही है. अपराधियों में पुलिस का खौफ क्यों कम होता जा रहा है.

देशभक्ति जनसेवा का नारा देने वाली मध्य प्रदेश पुलिस ने आम लोगों की सुरक्षा के लिए शहर में पुलिस चौकी तो खोली, लेकिन वहां पुलिसवाले नहीं हैं. कई जगहों पर पुलिस चौकी नशे का अड्डा बन गई है. ईटीवी भारत ने इसी की पड़ताल की.

crime out of control
इस पुलिस सहायता केन्द्र में होती है दारू पार्टी
शहर में आपराधिक घटनाओं पर कंट्रोल (Crime In Gwalior )करने के लिए पुलिस सहायता केंद्र और पुलिस चौकियां खोली गईं. लेकिन पुलिस चौकी दूसरों की मदद करने के बजाय खुद मदद का इंतजार कर रही है. कई चौकियां या सहायता केन्द्र ऐसे हैं जहां दिन में ही कोई पुलिसवाला नहीं रहता, फिर रात की तो बात ही क्या करें. कुछ चौकियों में दिन में ताले लगे हुए हैं. ऐसे में शहर के लोग कैसे खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे.
crime out of control
पुलिस सहायता केन्द्र में ताला, तभी अपराध का बोलबाला

अगर आपसे कोई कहे कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय से सिर्फ 200 मीटर दूर शराबियों का अड्डा लगता है, तो आप यकीन करेंगे ? अगर आप ग्वालियर (Crime In Gwalior ) में हैं तो आपको इसके साक्षात दर्शन हो सकते हैं.

SP ऑफिस से 200 मीटर दूरी नशेड़ियों का अड्डा

सिटी सेंटर शहर का सबसे बड़े इलाकों में से एक है. यहां खाकी के मुखिया पुलिस अधीक्षक का दफ्तर है. एसपी साहब के ऑफिस से ठीक 200 मीटर की दूरी पर पुलिस सहायता केंद्र है . शुक्र है यहां ताला नहीं लगा. लेकिन सहायता केन्द्र के अंदर जाते ही आप हैरान हो जाएंगे. पुलिस सहायता केंद्र (Crime Out Of Control ) में शराब की बोतलें पड़ी हैं. टेबल और कुर्सियों पर धूल जमी हुई है. ऐसा लग रहा है कि मानो इस पुलिस सहायता केंद्र में बरसों से कोई भी पुलिसकर्मी तैनात नहीं है. यह सिर्फ शहर के बदमाशों के हवाले छोड़ दी गई है.

crime out of control
बदहाल पुलिस सहायता केन्द्र, सिर्फ नाम की चौकी
शहर में अपराधों पर लगाम कसने के लिए पुलिस चौकी बनाई गई है. इसमें चौकी का प्रभारी (Crime Out Of Control ) रहता है .यहां से शहर में छात्राओं और महिलाओं के साथ हो रही आपराधिक घटनाओं पर नजर रखी जाती है. (Crime In Gwalior ) शहर में 10 अनुभाग, 42 थाने और 11 स्वीकृत पुलिस चौकियां हैं. इसके अलावा शहर भर में पुलिस सहायता केंद्र भी खोले गए हैं. लेकिन पुलिस सहायता केंद्रों पर पुलिसकर्मी उपलब्ध ना होने के कारण शहर में आए दिन छात्राओं और महिलाओं के साथ लूट और छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं.
SP अमित सांघी ने बताया, क्यों ग्वालियर में क्राइम आउट ऑफ कंट्रोल
एसपी ने बताया, क्राइम आउट ऑफ कंट्रोल क्यों

लोगों का कहना है कि शहर में क्राइम आउट ऑफ कंट्रोल है. क्योंकि चौकियों में पुलिस की बजाय नशेड़ी रहते हैं. इस पर ग्वालियर के एसपी अमित सांघी ने सफाई दी है. सांधी ने बताया कि सभी पुलिस चौकियों में चौकी प्रभारी तैनात (Crime In Gwalior )रहता है. कुछ सहायता केन्द्र हैं जिन्हें अस्थायी रूप से बनाया गया था. लेकिन सरकार की ओर से इसकी प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली. सिर्फ घोषणा करने पर ही इन्हें फौरी तौर पर बनाया गया था. कुछ समय बाद उस इलाके में अपराध की गंभीरता कम होने पर उन्हें बंद कर दिया गया है. अगर इन जगहों पर शराबियों ने अड्डा जमा लिया है, तो हम समीक्षा करेंगे. जहां जरूरत होगी वहां और पुलिसवाले तैनात किए जाएंगे.

ग्वालियर। ताजा आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में क्राइम का ग्राफ (Crime In MP) सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ा है. क्राइम बढ़ने का अर्थ है इस पर कंट्रोल कम हुआ है. मतलब ये है कि क्राइम को कंट्रोल करने वाले ढीले पड़ रह हैं. ग्वालियर की बात करें, तो यहां भी अपराध लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है.

Gwalior SP Office के बाहर दारू Party, पुलिस सहायता केन्द्र में नशेड़ियों का कब्जा, ETV BHARAT की पड़ताल

एमपी में बढ़ते अपराधों से क्राइम कंट्रोल (Crime Out Of Control ) के तरीकों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ये पुलिस का काम है. यानि सवाल घूमफिर कर खाकी पर ही उठने हैं. ग्वालियर जिले की तस्वीर भी जुदा नहीं है. हम आपको बताते हैं कि कहां पुलिस से लापरवाही हो रही है. अपराधियों में पुलिस का खौफ क्यों कम होता जा रहा है.

देशभक्ति जनसेवा का नारा देने वाली मध्य प्रदेश पुलिस ने आम लोगों की सुरक्षा के लिए शहर में पुलिस चौकी तो खोली, लेकिन वहां पुलिसवाले नहीं हैं. कई जगहों पर पुलिस चौकी नशे का अड्डा बन गई है. ईटीवी भारत ने इसी की पड़ताल की.

crime out of control
इस पुलिस सहायता केन्द्र में होती है दारू पार्टी
शहर में आपराधिक घटनाओं पर कंट्रोल (Crime In Gwalior )करने के लिए पुलिस सहायता केंद्र और पुलिस चौकियां खोली गईं. लेकिन पुलिस चौकी दूसरों की मदद करने के बजाय खुद मदद का इंतजार कर रही है. कई चौकियां या सहायता केन्द्र ऐसे हैं जहां दिन में ही कोई पुलिसवाला नहीं रहता, फिर रात की तो बात ही क्या करें. कुछ चौकियों में दिन में ताले लगे हुए हैं. ऐसे में शहर के लोग कैसे खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे.
crime out of control
पुलिस सहायता केन्द्र में ताला, तभी अपराध का बोलबाला

अगर आपसे कोई कहे कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय से सिर्फ 200 मीटर दूर शराबियों का अड्डा लगता है, तो आप यकीन करेंगे ? अगर आप ग्वालियर (Crime In Gwalior ) में हैं तो आपको इसके साक्षात दर्शन हो सकते हैं.

SP ऑफिस से 200 मीटर दूरी नशेड़ियों का अड्डा

सिटी सेंटर शहर का सबसे बड़े इलाकों में से एक है. यहां खाकी के मुखिया पुलिस अधीक्षक का दफ्तर है. एसपी साहब के ऑफिस से ठीक 200 मीटर की दूरी पर पुलिस सहायता केंद्र है . शुक्र है यहां ताला नहीं लगा. लेकिन सहायता केन्द्र के अंदर जाते ही आप हैरान हो जाएंगे. पुलिस सहायता केंद्र (Crime Out Of Control ) में शराब की बोतलें पड़ी हैं. टेबल और कुर्सियों पर धूल जमी हुई है. ऐसा लग रहा है कि मानो इस पुलिस सहायता केंद्र में बरसों से कोई भी पुलिसकर्मी तैनात नहीं है. यह सिर्फ शहर के बदमाशों के हवाले छोड़ दी गई है.

crime out of control
बदहाल पुलिस सहायता केन्द्र, सिर्फ नाम की चौकी
शहर में अपराधों पर लगाम कसने के लिए पुलिस चौकी बनाई गई है. इसमें चौकी का प्रभारी (Crime Out Of Control ) रहता है .यहां से शहर में छात्राओं और महिलाओं के साथ हो रही आपराधिक घटनाओं पर नजर रखी जाती है. (Crime In Gwalior ) शहर में 10 अनुभाग, 42 थाने और 11 स्वीकृत पुलिस चौकियां हैं. इसके अलावा शहर भर में पुलिस सहायता केंद्र भी खोले गए हैं. लेकिन पुलिस सहायता केंद्रों पर पुलिसकर्मी उपलब्ध ना होने के कारण शहर में आए दिन छात्राओं और महिलाओं के साथ लूट और छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं.
SP अमित सांघी ने बताया, क्यों ग्वालियर में क्राइम आउट ऑफ कंट्रोल
एसपी ने बताया, क्राइम आउट ऑफ कंट्रोल क्यों

लोगों का कहना है कि शहर में क्राइम आउट ऑफ कंट्रोल है. क्योंकि चौकियों में पुलिस की बजाय नशेड़ी रहते हैं. इस पर ग्वालियर के एसपी अमित सांघी ने सफाई दी है. सांधी ने बताया कि सभी पुलिस चौकियों में चौकी प्रभारी तैनात (Crime In Gwalior )रहता है. कुछ सहायता केन्द्र हैं जिन्हें अस्थायी रूप से बनाया गया था. लेकिन सरकार की ओर से इसकी प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली. सिर्फ घोषणा करने पर ही इन्हें फौरी तौर पर बनाया गया था. कुछ समय बाद उस इलाके में अपराध की गंभीरता कम होने पर उन्हें बंद कर दिया गया है. अगर इन जगहों पर शराबियों ने अड्डा जमा लिया है, तो हम समीक्षा करेंगे. जहां जरूरत होगी वहां और पुलिसवाले तैनात किए जाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.