ग्वालियर। पूर्व नौकरशाह व छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन हो गया. अजीत जोगी नौकरशाही में संवेदनशील परंपरा के अफसर थे, जो सियासत में सामाजिक यांत्रिकीय को मजबूत करने वाले नेता बनकर उभरे थे. उनकी ये तकनीक इतनी कारगर हुई कि अर्जुन सिंह के सशक्त सियासी कुनबे में अपना वजूद बनाने में कामयाब रहे, जबकि उनके कुनबे में पहले से ही दिग्विजय सिंह और सुभाष यादव जैसे दिग्गज नेता मौजूद थे.
इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि छत्तीसगढ़ में पैदा हुए अजित जोगी का ग्वालियर अंचल से महज इतना रिश्ता था कि वे आईएएस के अपने प्रोबेशन काल में प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के तौर पर कुछ महीनों तक पदस्थ रहे. सन 1972-73 में अजीत जोगी भविष्य में जनता की जिम्मेदारीयों को समझने के लिए पहली पोस्टिंग के लिए ग्वालियर को चुना था.
वे बतौर आईएएस ग्वालियर में अपर कलेक्टर बने. अजीत जोगी की अपर कलेक्टर के तौर पर ये पहली पोस्टिंग थी. छात्र नेता रहे केशव पांडे बताते हैं कि उस समय अजीत जोगी एक तेजतर्रार आईएएस ऑफिसर थे. उनकी कार्यशैली और जनता की परेशानियों की समझ लोगों को काफी पसंद थी.