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बारिश ने खोली भ्रष्टाचार की पोल! ताश के पत्तों की तरह ढेर हुआ पुल, सड़कों पर पड़ी दरारें - Sindh River

ग्वालियर में भारी बारिश के बाद भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है, यहां कई पुल पानी में बह गए, तो कई सड़कों पर दरारें पड़ गईं हैं, ऐसे में सवाल यहीं उठता है कि अगर निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाता, तो ऐसी नौबत नहीं आती.

rain exposed corruption
बारिश ने खोली भ्रष्टाचार की पोल
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Published : Aug 4, 2021, 7:30 PM IST

ग्वालियर। मानसून की मेहरबानी के बाद अब परेशानी भी बढ़ने लगी है, सिंध नदी ने ग्वालियर-चंबल अंचल में तबाही मचा दी है, कूनो-क्वारी, चंबल समेत सभी नदियां खतरनाक रूप ले चुकी हैं, अंचल के पांच पुल ढह गए है, वहीं सड़कों पर दरारें आ गईं हैं.

बारिश ने खोली भ्रष्टाचार की पोल

बारिश ने खोली भ्रष्टाचार की पोल

सालों बाद सिंध नदी का रौद्र रूप देखने को मिला है, बुधवार सुबह दतिया जिले में सिंध नदी पर बने सेंवढ़ा और इंदुर्खी पुल बह गए, इसके पहले मंगलवार को सिंध नदी के बहाव में रतनगढ़ माता और लांच-पिछोर का पुल भी बह गया था, दतिया जिले के गोराघाट, भिंड के अमायन में मेंहदा घाट पुलों की हालत भी ‘अब गए तब गए’ सी हो गई है. पानी कमोबेश अंचल के हर पुल के ऊपर से बह रहा है.

कई पुल बहे, सड़कों पर पड़ीं दरारें

मानसून बीते चार वर्षों से थोड़ा सा ही ज्यादा सक्रिय हुआ है, लेकिन तबाही आशंका से भी ज्यादा हो रही है, राजमार्ग की नई नवेली सड़कों का टूटना, महत्वपूर्ण पुलों का ताश के पत्तों की तरह बिखर जाना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है, साफ झलकता है कि पुल और सड़क के निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़ किया गया था.

सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर उठे सवाल

राजमार्ग की सड़कें और पुल बनाने वाली एजेंसी को करीब पांच सालों तक इसके रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन जिस तरह से सिंध नदी पर शिवपुरी, दतिया, डबरा और भिंड में बने पांच पुल बहे हैं, उससे पुल के निर्माण में गुणवत्ता से समझौता साफ तौर पर नजर आ रहा है, कुछ यही हाल आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के मोहना इलाके का है, यहां करीब 50 मीटर की सड़क पानी के रेले से तरणताल बन गई.

ग्वालियर झांसी के बीच डबरा के पास सिंध नदी के ऊपर बने नव निर्मित पुल में दर्जनों स्थानों पर दरारें आई हैं, आशंका है कि यह पुल भी किसी भी पल जलमग्न हो सकता है, हालांकि खतरे की आशंका से जिला प्रशासन ने झांसी राजमार्ग पर पर आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया है.

मध्य प्रदेश में बारिश और बिजली गिरने से अब तक 69 की मौत, 1171 ग्राम प्रभावित

पानी में बह गई सड़क

ऐसा ही हाल शिवपुरी के आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग का भी है, मोहना पर भी इसी राजमार्ग की सड़क का बड़ा हिस्सा पानी में बह जाने से ग्वालियर-शिवपुरी संपर्क कट गया है, सड़कों के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें हैं, आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर मुरैना से लेकर शिवपुरी गुना और झांसी मार्ग पर ट्रैफिक को रोका गया है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क और पुल निर्माण में किस तरह से भ्रष्टाचार किया जाता है.

ग्वालियर। मानसून की मेहरबानी के बाद अब परेशानी भी बढ़ने लगी है, सिंध नदी ने ग्वालियर-चंबल अंचल में तबाही मचा दी है, कूनो-क्वारी, चंबल समेत सभी नदियां खतरनाक रूप ले चुकी हैं, अंचल के पांच पुल ढह गए है, वहीं सड़कों पर दरारें आ गईं हैं.

बारिश ने खोली भ्रष्टाचार की पोल

बारिश ने खोली भ्रष्टाचार की पोल

सालों बाद सिंध नदी का रौद्र रूप देखने को मिला है, बुधवार सुबह दतिया जिले में सिंध नदी पर बने सेंवढ़ा और इंदुर्खी पुल बह गए, इसके पहले मंगलवार को सिंध नदी के बहाव में रतनगढ़ माता और लांच-पिछोर का पुल भी बह गया था, दतिया जिले के गोराघाट, भिंड के अमायन में मेंहदा घाट पुलों की हालत भी ‘अब गए तब गए’ सी हो गई है. पानी कमोबेश अंचल के हर पुल के ऊपर से बह रहा है.

कई पुल बहे, सड़कों पर पड़ीं दरारें

मानसून बीते चार वर्षों से थोड़ा सा ही ज्यादा सक्रिय हुआ है, लेकिन तबाही आशंका से भी ज्यादा हो रही है, राजमार्ग की नई नवेली सड़कों का टूटना, महत्वपूर्ण पुलों का ताश के पत्तों की तरह बिखर जाना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है, साफ झलकता है कि पुल और सड़क के निर्माण में गुणवत्ता से खिलवाड़ किया गया था.

सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर उठे सवाल

राजमार्ग की सड़कें और पुल बनाने वाली एजेंसी को करीब पांच सालों तक इसके रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन जिस तरह से सिंध नदी पर शिवपुरी, दतिया, डबरा और भिंड में बने पांच पुल बहे हैं, उससे पुल के निर्माण में गुणवत्ता से समझौता साफ तौर पर नजर आ रहा है, कुछ यही हाल आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के मोहना इलाके का है, यहां करीब 50 मीटर की सड़क पानी के रेले से तरणताल बन गई.

ग्वालियर झांसी के बीच डबरा के पास सिंध नदी के ऊपर बने नव निर्मित पुल में दर्जनों स्थानों पर दरारें आई हैं, आशंका है कि यह पुल भी किसी भी पल जलमग्न हो सकता है, हालांकि खतरे की आशंका से जिला प्रशासन ने झांसी राजमार्ग पर पर आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया है.

मध्य प्रदेश में बारिश और बिजली गिरने से अब तक 69 की मौत, 1171 ग्राम प्रभावित

पानी में बह गई सड़क

ऐसा ही हाल शिवपुरी के आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग का भी है, मोहना पर भी इसी राजमार्ग की सड़क का बड़ा हिस्सा पानी में बह जाने से ग्वालियर-शिवपुरी संपर्क कट गया है, सड़कों के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें हैं, आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर मुरैना से लेकर शिवपुरी गुना और झांसी मार्ग पर ट्रैफिक को रोका गया है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क और पुल निर्माण में किस तरह से भ्रष्टाचार किया जाता है.

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