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ग्वालियर-चंबल में Scindia Vs Tomar की जंग पीएम मोदी तक पहुंची! जानें क्यों खिंची है तलवारें और अब आगे क्या होगा

मध्य प्रदेश 2023 का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है और अगले लोकसभा चुनाव 2024 के लिए नेताओं ने कमर कस ली है. इसी बीच ग्वालियर चंबल अंचल के दो बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच वर्चस्व की जंग खुलकर सामने आ रही है. अंचल में विकास कार्यों से लेकर दोनों में ही श्रेय लेने की होड़ रहती है. दोनों केंद्रीय नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई का खामियाजा कहीं ना कहीं पार्टी को भुगतना होगा. (Scindia trying to call PM Modi to Gwalior) (Battle of supremacy between Scindia and Tomar) (Narendra Singh Jyotiraditya Scindia face to face)

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Published : Sep 21, 2022, 6:56 PM IST

Updated : Sep 21, 2022, 7:35 PM IST

Scindia Tomar competing for credit
सिंधिया और तोमर में श्रेय लेने की होड़

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी नेताओं के बीच लगातार गुटबाजी से सत्ता दल पार्टी परेशान और हैरान है. इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में मोदी सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों के बीच आपसी वर्चस्व की जंग खुलकर सामने आ रही है. यह दोनों दिग्गज नेता एक दूसरे को अंचल का सर्वमान्य नेता साबित करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. अंचल के दिग्गज नेता कहे जाने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच वर्चस्व की लड़ाई और तेज होती जा रही है. अभी हाल में ही हुए पीएम मोदी के कार्यक्रम का श्रेय केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को जा रहा है. अब बताया जा रहा है कि, अगले महीने ग्वालियर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमि पूजन करने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया फिर से पीएम नरेंद्र मोदी को बुलाने वाले हैं और इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं.

सिंधिया और तोमर में श्रेय लेने की होड़

दो केंद्रीय मंत्रियों के बीच वर्चस्व की जंग: ग्वालियर चंबल अंचल में इस समय केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच बीजेपी दो गुटों में बंटी है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चंबल अंचल में हो रहे बड़े विकास कार्यों का श्रेय खुद लेने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी इसमें पीछे नहीं है. यही कारण है कि, जब ग्वालियर चंबल अंचल में विकास कार्यों का लोकार्पण और शुभारंभ हो रहा है, तो सोशल मीडिया पर यह दोनों दिग्गज नेता अपना-अपना श्रेय लेने में लगे हुए हैं. इससे स्पष्ट होता है कि, दोनों दिग्गज नेताओं के बीच कहीं ना कहीं वर्चस्व की जंग छिड़ी है.

MP ETV भारत SPECIAL: ग्वालियर-चंबल में क्यों कमजोर हुई BJP, सिंधिया-तोमर के वजूद पर कैसा खतरा, कांग्रेस को ऐसे मिला बूस्टर डोज

सिंधिया और तोमर में श्रेय लेने की होड़: हाल में ही चंबल के श्योपुर जिले में कूनो अभ्यारण में चीते छोड़ने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए हुए थे. यह पूरा कार्यक्रम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र में था और कार्यक्रम का श्रेय केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खाते में चला गया. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पीछे नहीं रहे और इस अभ्यारण के बसाने का श्रेय अपने परिवार पर लेते रहे. सोशल मीडिया पर उन्होंने कहा कि, शुरू से ही सिंधिया परिवार वन्य जीव संरक्षण के लिए जागरूक रहा है और 1905 में महाराजा माधवराव सिंधिया जी कूनो पालपुर के लिए 10 शेर लेकर आए थे और जानवरों की अंतर महाद्वीपीय पुर्न स्थापन की यह पहली घटना थी. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज इस वन्यजीव अंतर महाद्वीपीय पुनर्स्थापना की पहली घटना मान रहे हैं. लेकिन सिंधिया ने सोशल मीडिया पर यह दूसरी घटना मानी है. मतलब स्पष्ट हो रहा है कि, कूनो पालपुर का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं.

ग्वालियर अंचल में दोबारा आ सकते हैं पीएम मोदी: कूनो अभ्यारण में चीते बसाने के साथ-साथ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से अंचल में कहीं न कहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के कद और वर्चस्व को ताकत मिली है. लेकिन अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पीछे दिखाई नहीं दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि, अगले महीने ज्योतिरादित्य सिंधिया फिर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने जा रहे हैं. ग्वालियर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमि पूजन कराने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पीएम नरेंद्र मोदी को बुलाने की तैयारी कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि, अगले महीने इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमि पूजन है. मैं और सीएम शिवराज सिंह जी कोशिश कर रहे हैं कि, हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इसका भूमि पूजन हो. मतलब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी एक बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने की तैयारी कर रहे हैं. ताकि उनका भी वर्चस्व और कद लगातार कायम रहे. (Scindia trying to call PM Modi to Gwalior) (Battle of supremacy between Scindia and Tomar) (Narendra Singh Jyotiraditya Scindia face to face)

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी नेताओं के बीच लगातार गुटबाजी से सत्ता दल पार्टी परेशान और हैरान है. इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में मोदी सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों के बीच आपसी वर्चस्व की जंग खुलकर सामने आ रही है. यह दोनों दिग्गज नेता एक दूसरे को अंचल का सर्वमान्य नेता साबित करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. अंचल के दिग्गज नेता कहे जाने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच वर्चस्व की लड़ाई और तेज होती जा रही है. अभी हाल में ही हुए पीएम मोदी के कार्यक्रम का श्रेय केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को जा रहा है. अब बताया जा रहा है कि, अगले महीने ग्वालियर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमि पूजन करने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया फिर से पीएम नरेंद्र मोदी को बुलाने वाले हैं और इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं.

सिंधिया और तोमर में श्रेय लेने की होड़

दो केंद्रीय मंत्रियों के बीच वर्चस्व की जंग: ग्वालियर चंबल अंचल में इस समय केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच बीजेपी दो गुटों में बंटी है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चंबल अंचल में हो रहे बड़े विकास कार्यों का श्रेय खुद लेने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी इसमें पीछे नहीं है. यही कारण है कि, जब ग्वालियर चंबल अंचल में विकास कार्यों का लोकार्पण और शुभारंभ हो रहा है, तो सोशल मीडिया पर यह दोनों दिग्गज नेता अपना-अपना श्रेय लेने में लगे हुए हैं. इससे स्पष्ट होता है कि, दोनों दिग्गज नेताओं के बीच कहीं ना कहीं वर्चस्व की जंग छिड़ी है.

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सिंधिया और तोमर में श्रेय लेने की होड़: हाल में ही चंबल के श्योपुर जिले में कूनो अभ्यारण में चीते छोड़ने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए हुए थे. यह पूरा कार्यक्रम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र में था और कार्यक्रम का श्रेय केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खाते में चला गया. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पीछे नहीं रहे और इस अभ्यारण के बसाने का श्रेय अपने परिवार पर लेते रहे. सोशल मीडिया पर उन्होंने कहा कि, शुरू से ही सिंधिया परिवार वन्य जीव संरक्षण के लिए जागरूक रहा है और 1905 में महाराजा माधवराव सिंधिया जी कूनो पालपुर के लिए 10 शेर लेकर आए थे और जानवरों की अंतर महाद्वीपीय पुर्न स्थापन की यह पहली घटना थी. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज इस वन्यजीव अंतर महाद्वीपीय पुनर्स्थापना की पहली घटना मान रहे हैं. लेकिन सिंधिया ने सोशल मीडिया पर यह दूसरी घटना मानी है. मतलब स्पष्ट हो रहा है कि, कूनो पालपुर का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं.

ग्वालियर अंचल में दोबारा आ सकते हैं पीएम मोदी: कूनो अभ्यारण में चीते बसाने के साथ-साथ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से अंचल में कहीं न कहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के कद और वर्चस्व को ताकत मिली है. लेकिन अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पीछे दिखाई नहीं दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि, अगले महीने ज्योतिरादित्य सिंधिया फिर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने जा रहे हैं. ग्वालियर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमि पूजन कराने के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पीएम नरेंद्र मोदी को बुलाने की तैयारी कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि, अगले महीने इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमि पूजन है. मैं और सीएम शिवराज सिंह जी कोशिश कर रहे हैं कि, हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इसका भूमि पूजन हो. मतलब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी एक बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने की तैयारी कर रहे हैं. ताकि उनका भी वर्चस्व और कद लगातार कायम रहे. (Scindia trying to call PM Modi to Gwalior) (Battle of supremacy between Scindia and Tomar) (Narendra Singh Jyotiraditya Scindia face to face)

Last Updated : Sep 21, 2022, 7:35 PM IST

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