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एक तरफ कोरोना का कहर, दूसरी तरफ प्यास, गर्मी आते ही पानी को परेशान ग्रामीण - Rural troubled for water

छिंदवाड़ा के ग्राम साख में ग्रामीणों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. गर्मी आते ही इनका संघर्ष शुरू हो गया है. लोग 2 सो 3 किलोमीटर दूर से रोज पानी लाते हैं. वहीं कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में भी गुट बनाकर पानी लाने के सवाल पर ग्रामीण कहते हैं कि अगर कोरोना के डर से पानी नहीं लाएंगे, तो प्यासे मर जाएंगे.

Villagers had to trouble for water in Chhindwara
गर्मी आते ही पानी को परेशान छिंदवाड़ा के गांव
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Published : Apr 9, 2020, 10:22 PM IST

छिंदवाड़ा। जिले के ग्राम साख में ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गर्मी का मौसम शुरू हो गया है. गर्मी के दिनों में ग्राम साख ही नहीं कई जगह पानी की समस्या सामने आती है. प्यास बुझाने के लिए ग्रामीण कई किलोमीटर पैदल चलकर, तो कोई बैलगाड़ी में, तो कोई साइकिल पर तो कोई मोटरसाइकिल पर पानी की कुप्पियां रखकर तीन-चार किलोमीटर दूर तक कुएं से पानी भरकर ले जाते हैं.

गर्मी आते ही पानी को परेशान छिंदवाड़ा के गांव

जब हमने ग्रामीणों से पूछा कि देशभर में लॉकडाउन लगा हुआ है और बिना मास्क के सामूहिक रूप से पानी भरा जा रहा है. तो उनका कहना था कि कोरोना का कहर तो है ही लेकिन अगर हम बाहर नहीं निकलेंगे तो हम बिन पानी ही मर जाएंगे.

Villagers had to trouble for water in Chhindwara
बैलगाड़ी पर पानी की कुप्पियां ले जाता युवक

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बोरिंग थी, पर वह बेकार हो गई. उसमें पानी ही नहीं आता, मजबूरन कुएं पर आकर पानी भरना पड़ता है और कई किलोमीटर पैदल जाकर पानी मिल पाता है.

छिंदवाड़ा। जिले के ग्राम साख में ग्रामीण पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गर्मी का मौसम शुरू हो गया है. गर्मी के दिनों में ग्राम साख ही नहीं कई जगह पानी की समस्या सामने आती है. प्यास बुझाने के लिए ग्रामीण कई किलोमीटर पैदल चलकर, तो कोई बैलगाड़ी में, तो कोई साइकिल पर तो कोई मोटरसाइकिल पर पानी की कुप्पियां रखकर तीन-चार किलोमीटर दूर तक कुएं से पानी भरकर ले जाते हैं.

गर्मी आते ही पानी को परेशान छिंदवाड़ा के गांव

जब हमने ग्रामीणों से पूछा कि देशभर में लॉकडाउन लगा हुआ है और बिना मास्क के सामूहिक रूप से पानी भरा जा रहा है. तो उनका कहना था कि कोरोना का कहर तो है ही लेकिन अगर हम बाहर नहीं निकलेंगे तो हम बिन पानी ही मर जाएंगे.

Villagers had to trouble for water in Chhindwara
बैलगाड़ी पर पानी की कुप्पियां ले जाता युवक

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बोरिंग थी, पर वह बेकार हो गई. उसमें पानी ही नहीं आता, मजबूरन कुएं पर आकर पानी भरना पड़ता है और कई किलोमीटर पैदल जाकर पानी मिल पाता है.

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