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कृषि कानून के खिलाफ एक भी किसान तो भी हम उसके साथ हैं: कवि सुदीप भोला - किसानों के समर्थन में कवि सुदीप भोला

किसानों की स्थिति पर देश के मशहूर व्यंग्यकार और कवि सुदीप भोला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और किसानों के समर्थन में कुछ पंक्तिया भी सुनाई.

Poet Sudeep Bhola said on Agricultural laws government should solve problem soon
कवि सुदीप भोला
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Published : Feb 3, 2021, 7:15 PM IST

छिंदवाड़ा। एक तरफ जहां कृषि कानूनों को लेकर किसान सड़कों पर विरोध जता रहे हैं, तो वहीं सरकार इसे किसानों के लिए हितकारी बता रही है. किसानों की स्थिति पर देश के मशहूर व्यंग्यकार और कवि सुदीप भोला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. बातचीत में उन्होंने किसानों पर लिखी अपनी कविताएं भी सुनाई.

कवि सुदीप भोला

आखरी के किसान के समर्थन में कवि सुदीप भोला

दुनिया भर में अपनी कविताओं के जरिए पहचान बनाने वाले कवि सुदीप भोला ने ईटीवी भारत से कहा कि अगर 135 करोड़ के देश में एक किसान भी इस कानून के विरोध में हैं तो मैं उसके साथ खड़ा हूं. लेकिन कोई उस किसान के साथ राजनीति करता है तो वे उस राजनेता के विरोध में हैं.

सरकार को जल्द निकालना चाहिए हल

अपनी कविताओं के जरिए किसानों की हालत बताने वाले कवि सुदीप भोला ने सरकार पर व्यंग कसते हुए कहा कि आज के दौर में हल चलाने वाले का कोई हल नहीं निकल रहा है और धान पकाने वाले का समाधान नहीं हो रहा है. जल्द ही सरकार को किसानों की बातें सुननी चाहिए.

बहुत बुरी हालत है देखो धरती के भगवान की

कवि सुदीप भोला ने अपनी कविता 'बहुत बुरी हालत है देखो धरती के भगवान की' के जरिए देश के किसानों की हकीकत बताई है. इस कविता के जरिए उन्होंने खेतों में काम करने से लेकर मंडियों में बिकने वाला अनाज और फिर मॉल में दोगुनी कीमत में लोगों के किचन तक पहुंचने की कहानी बताई है.

छिंदवाड़ा। एक तरफ जहां कृषि कानूनों को लेकर किसान सड़कों पर विरोध जता रहे हैं, तो वहीं सरकार इसे किसानों के लिए हितकारी बता रही है. किसानों की स्थिति पर देश के मशहूर व्यंग्यकार और कवि सुदीप भोला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. बातचीत में उन्होंने किसानों पर लिखी अपनी कविताएं भी सुनाई.

कवि सुदीप भोला

आखरी के किसान के समर्थन में कवि सुदीप भोला

दुनिया भर में अपनी कविताओं के जरिए पहचान बनाने वाले कवि सुदीप भोला ने ईटीवी भारत से कहा कि अगर 135 करोड़ के देश में एक किसान भी इस कानून के विरोध में हैं तो मैं उसके साथ खड़ा हूं. लेकिन कोई उस किसान के साथ राजनीति करता है तो वे उस राजनेता के विरोध में हैं.

सरकार को जल्द निकालना चाहिए हल

अपनी कविताओं के जरिए किसानों की हालत बताने वाले कवि सुदीप भोला ने सरकार पर व्यंग कसते हुए कहा कि आज के दौर में हल चलाने वाले का कोई हल नहीं निकल रहा है और धान पकाने वाले का समाधान नहीं हो रहा है. जल्द ही सरकार को किसानों की बातें सुननी चाहिए.

बहुत बुरी हालत है देखो धरती के भगवान की

कवि सुदीप भोला ने अपनी कविता 'बहुत बुरी हालत है देखो धरती के भगवान की' के जरिए देश के किसानों की हकीकत बताई है. इस कविता के जरिए उन्होंने खेतों में काम करने से लेकर मंडियों में बिकने वाला अनाज और फिर मॉल में दोगुनी कीमत में लोगों के किचन तक पहुंचने की कहानी बताई है.

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