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छिंदवाड़ा में आफत बनी ओलावृष्टि, टमाटर की फसलों को भारी नुकसान, सही दाम न मिलने से किसान परेशान

छिंदवाड़ा जिले में बारिश और ओलावृष्टि किसानों के लिए मुसीबत लेकर आई है. सबसे ज्यादा नुकसान टमाटर की फसल को हुआ है. मंडी में उचित दाम न मिलने से टमाटर मवेशियों को खिलाना पड़ रहा है. (Chhindwara Tomato crops ruined by hailstorm)

Tomato crop ruined in Chhindwara
छिंदवाड़ा में आफत बनी बारिश
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Published : Jan 5, 2022, 12:26 PM IST

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले में किसानों पर मौसम का कहर टूट पड़ा है. पिछले हफ्ते हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है. सब्जी का उत्पादन करने वाले किसानों का लाखों का नुकसान हो गया है. फसल खराब होने के चलते मंडी में सही दाम नहीं मिल रहें. जिस फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है वह है टमाटर. 40 से 50 किलो में बिकने वाला टमाटर मंडी में 10 से 15 किलो के भाव में बिक पा रहा है.

स्टॉक करने में हो रही दिक्कत, आधी फसल ही खेतों में बची

टमाटर खेतों में ही फटकर सड़ रहे हैं. ओलावृष्टि से टमाटर में बीमारी और दाग आ जाने की वजह से अब उन्हें ज्यादा दिन तक स्टॉक नहीं किया जा सकता. वहीं मंडी में खरीददार भी नहीं मिल रहे. दूसरी तरफ टमाटर का छिंदवाड़ा जिले से किसी दूसरे शहर की मंडी में परिवहन भी बिल्कुल बंद हो गया है. किसान बेबस होकर अपनी मेहनत की फसल बर्बाद होते देखने को विवश हैं।

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मवेशियों को खिलाना पड़ रहा टमाटर

बारिश के चलते खेतों में लगे टमाटर के फल फटकर सड़ने लगे हैं. कुछ किसान खेत खाली करने के लिए ओने पौने दामों में टमाटर बेचने को मजबूर हैं. मंडी में सही दाम न मिलने के चलते मजबूरी में टमाटर मवेशियों को खिलाना पड़ रहा है. किसानों को समझ में नहीं आ रहा है कि वे करें तो क्या करें.

10 से 15 हजार हेक्टेयर में खड़ी है टमाटर की फसल

कृषि विभाग की माने तो समस्त जिले में 10 से 15 हजार हेक्टेयर जमीन में टमाटर की फसल की खेती की गई है. जबकि 20,000 हेक्टेयर जमीन में गोभी सहित दूसरी सब्जियों की फसल लगी है. लेकिन ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान इस बार टमाटर की फसल को हुआ है. किसानों को टमाटर की फसल से लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है.

(Tomato crops ruined in Chhindwara) (Chhindwara Tomato crops ruined by hailstorm)

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले में किसानों पर मौसम का कहर टूट पड़ा है. पिछले हफ्ते हुई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है. सब्जी का उत्पादन करने वाले किसानों का लाखों का नुकसान हो गया है. फसल खराब होने के चलते मंडी में सही दाम नहीं मिल रहें. जिस फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है वह है टमाटर. 40 से 50 किलो में बिकने वाला टमाटर मंडी में 10 से 15 किलो के भाव में बिक पा रहा है.

स्टॉक करने में हो रही दिक्कत, आधी फसल ही खेतों में बची

टमाटर खेतों में ही फटकर सड़ रहे हैं. ओलावृष्टि से टमाटर में बीमारी और दाग आ जाने की वजह से अब उन्हें ज्यादा दिन तक स्टॉक नहीं किया जा सकता. वहीं मंडी में खरीददार भी नहीं मिल रहे. दूसरी तरफ टमाटर का छिंदवाड़ा जिले से किसी दूसरे शहर की मंडी में परिवहन भी बिल्कुल बंद हो गया है. किसान बेबस होकर अपनी मेहनत की फसल बर्बाद होते देखने को विवश हैं।

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मवेशियों को खिलाना पड़ रहा टमाटर

बारिश के चलते खेतों में लगे टमाटर के फल फटकर सड़ने लगे हैं. कुछ किसान खेत खाली करने के लिए ओने पौने दामों में टमाटर बेचने को मजबूर हैं. मंडी में सही दाम न मिलने के चलते मजबूरी में टमाटर मवेशियों को खिलाना पड़ रहा है. किसानों को समझ में नहीं आ रहा है कि वे करें तो क्या करें.

10 से 15 हजार हेक्टेयर में खड़ी है टमाटर की फसल

कृषि विभाग की माने तो समस्त जिले में 10 से 15 हजार हेक्टेयर जमीन में टमाटर की फसल की खेती की गई है. जबकि 20,000 हेक्टेयर जमीन में गोभी सहित दूसरी सब्जियों की फसल लगी है. लेकिन ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान इस बार टमाटर की फसल को हुआ है. किसानों को टमाटर की फसल से लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है.

(Tomato crops ruined in Chhindwara) (Chhindwara Tomato crops ruined by hailstorm)

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