छिन्दवाड़ा। मध्य प्रदेश को कोरोना (Corona) संक्रमण की लहर से बचाने के लिए सरकार पूरा दम लगा रही है, शहर से लेकर गांव तक में वैक्सीनेशन महाअभियान चलाया जा रहा है, इतना ही नहीं महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश में आने वाले खतरे को रोकने के लिए एमपी सरकार ने बसों पर भी बैन लगा दिया है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ ट्रेन और टैक्सियों पर रोक नहीं लगाई गई है, जिससे रोजाना सैकड़ों यात्री महाराष्ट्र से छिंदवाड़ा के रास्ते मध्य प्रदेश आ रहे हैं.
बसों पर प्रतिबन्ध लेकिन ट्रेन और टैक्सियों का आवागमन जारी
नागपुर से छिंदवाड़ा पैसेंजर ट्रेन और हर दिन सैकड़ों टैक्सियां यात्रियों को लेकर आवागमन कर रही हैं, जिनके लिए ना तो कोई नियम है, ना तो कानून, और ना ही किसी तरीके का कोई दस्तावेज जिससे कोरोना का खतरा बढ़ सकता है.
10 गुना तक किराया वसूल रहे टैक्सी संचालक
छिंदवाड़ा से नागपुर तक का सफर करने के लिए बस का किराया 130 रुपए है, लेकिन निजी टैक्सी संचालक 800 से 900 रुपए का किराया वसूल रहे हैं, यात्रियों का कहना है कि अगर सरकार ने बसों पर प्रतिबंध लगाया है, तो टैक्सी के ऊपर फिर मेहरबानी क्यों की जा रही है.
बॉर्डर पर हो रही खानापूर्ति, अधिकारी कर रहे जांच का दावा
छिंदवाड़ा से नागपुर की बॉर्डर पर जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है, दिनभर एक कर्मचारी ही यहां तैनात रहता है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यहां पर नियमित रूप से RT-PCR की जांच हो रही है, जबकि यहां किसी भी तरीके से कोई मरीज की जांच नहीं की जा रही है, यहां तक कि थर्मल स्क्रीनिंग भी नहीं हो रहा है.
अनलॉक प्रकिया शुरु होते ही नागपुर के इतवारी से छिंदवाड़ा पहुंची ट्रेन
बस एसोसिएशन ने भी उठाए सवाल
छिंदवाड़ा निजी बस संचालकों ने भी प्रशासन के पक्षपात पूर्ण रवैया पर सवाल उठाया है, उन्होंने कहा कि बसों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, लेकिन टैक्सियों को चलाया जा रहा है, वह भी मनमाना किराया वसूल रहे हैं, जबकि बसें खड़ी हैं, लगातार उनका टैक्स जा रहा है, ऐसे में प्रशासन को टैक्स पर भी रोक लगाना चाहिए या फिर बस संचालकों को भी बस चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए.
अब यह कहना गलत नहीं होगा कि एमपी अजब है, क्योंकि एक तरफ बसों पर रोक इसलिए दी जाती है, कियोंकि महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश में कोरोना का खतरा हो सकता है, वहीं दूसरी तरफ टैक्सियों और ट्रेनों का चलना एक बड़ा सवाल है.