छिंदवाड़ा। जिले में दुर्घटनाओं का ग्राफ कम करने के लिए यातायात पुलिस और अन्य एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं, लेकिन जिले में 17 ऐसे क्षेत्र अब भी बचे हैं, जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिसे ब्लैक स्पॉट घोषित किया गया है, और इसमें सुधार के लिए एनएचएआई लिखा गया है
2018 में 146 स्थानों को किया गया था चिन्हित
साल 2018 में जिले के 146 स्थानों को दुर्घटना ग्रसित क्षेत्र चिन्हित किया गया था, जिनमें से 117 क्षेत्रों में सुधार कर दिया गया था, इस क्षेत्रों में 29 ऐसे क्षेत्र थे, जो ब्लैक स्पॉट थे, या यूं कहें कि इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती थी, इन क्षेत्रों में 23 ब्लैक स्पॉर्ट सड़कों को एनएचएआई को दिया गया था, जबकि 6 अन्य एजेंसियों को सुधार के लिए दिया गया था. इन क्षेत्रों पर काम होना शुरू हो गया, लेकिन अब भी 17 ऐसे क्षेत्र हैं, जिनपर काम अब तक नहीं हो सका है.
यह होते हैं ब्लैक स्पॉट
सुदेश सिंह यातायात डीएसपी ने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार 500 मीटर की दूरी में 3 साल में 5 से अधिक मृत्यु होती है, उसे ब्लैक स्पॉट के नाम से चिन्हित किया जाता है. उन्होंने बताया कि लगातार इन स्थानों पर सुधार करने के निर्देश रहते हैं कि इन स्थानों पर दुर्घटनाएं ना हों और लोगों की जान ना जाए.
सड़क दुर्घटनाओं के यह होते हैं मुख्य कारण
सड़कों की खराब स्थिति जगह-जगह गड्ढे होना
अनियंत्रित तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना
सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करना
ड्राइविंग के वक्त मोबाइल फोन पर बात करना
नशे की हालत में गाड़ी चलाना
ओवरलोडिंग
बिना हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग ना करना
अंधे मोड़ पर अनियंत्रित गाड़ी चलाना
वाहन चलाते वक्त इधर-उधर देखना जैसे अन्य कारण
गहरा नाला की समस्या कई सालों से जस की तस
ट्रक ने बाइक को रौंदा, तीन की मौत
छिंदवाड़ा नागपुर मार्ग के बीच में पड़ने वाला गहरा नाला कई सालों से समस्या बना हुआ है, NH 547 कई सालों से सड़क का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन तकनीकी समस्या के चलते वहां अभी तक ठीक नहीं हो पाया है, जिसके कारण बारिश के दिनों में आए दिन थोड़ी सी बारिश होने पर नाला में पानी आ जाता है, और नागपुर से छिंदवाड़ा तक का आने जाने वाला मार्ग बंद हो जाता है, जिसके कारण बारिश के दिनों में कई घंटों का इंतजार लोगों को करना पड़ता है.