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मुश्किल है शराबबंदी? क्या सच समझ गईं उमा, जानें क्या है दीदी का जनजागरूकता अभियान और कैसे चलेगा - prohibition of liquor in Madhya Pradesh

एमपी में शराबबंदी पर नहीं बनी बात तो अब शराब को लेकर उमा सीएम के साथ मिलकर नए अभियान का आगाज करेंगे. लोगों को खुद से शराब के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उत्साहित करेंगी. 1 अप्रैल से एमपी में शराब सस्ती करने पर सरकार आगे बढ़ चुकी है और नई आबकारी नीति लागू कर रही है.(public awareness campaign regarding prohibition of liquor in MP)

public awareness campaign regarding prohibition of liquor in Madhya Pradesh
जानें क्या है शिवराज और दीदी का जनजागरूकता अभियान
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Published : Mar 12, 2022, 10:59 PM IST

भोपाल। एमपी में शराबबंदी पर नहीं बनी बात तो अब शराब को लेकर उमा, सीएम शिवराज के साथ मिलकर नए अभियान का आगाज करने जा रहीं हैं. इस अभियान में पूर्व मुख्यमंत्री जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को खुद से शराब के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उत्साहित करेंगी. 1अप्रैल से एमपी में शराब सस्ती करने पर सरकार आगे बढ़ चुकी है और नई आबकारी नीति लागू कर रही है.(public awareness campaign regarding prohibition of liquor in MP)

MP में शराबबंदी पर जुगलबंदी!

क्या है नई आबकारी नीति
एमपी के सरकार के फैसला लिया है कि, 1 अप्रैल के बाद से राज्य में व्हिस्की, बीयर, वाइन सभी के दाम घटेंगे. इसके अलावा देसी शराब भी सस्ती होगी. देसी शराब का 110 रुपये में मिलने वाला क्वार्टर 85 रुपये में मिलेगा. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसका फैसला लिया गया, इसी फैसले के बाद शिवराज सरकार ने नई शराब नीति जारी की है. यह एक अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी, जिसके तहत शराब का मार्जिन कम करने का फैसला लिया गया है. इसमें हेरिटेज शराब बनाने पर भी मुहर लगाई गई.

एमपी में शराब के शौकीनों के लिए अच्छी खबर, शिवराज सरकार ने नई शराब नीति की लागू

शिवराज का उमा से अनुरोध
मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर सियासत तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के शराबबंदी आंदोलन को सीएम शिवराज का साथ मिल रहा है. लेकिन शराबबंदी कब होगी इसकी कोई जानकारी फिलहाल किसी को नहीं है. ऐसा होगा भी या नहीं इसे लेकर भी तमाम किंतु -परंतु हैं. शराबबंदी पर जोर दे रही भाजपा नेता उमा भारती ने इसे मामले को लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मुलाकात की थी, इस दौरान सीएम ने उमा से नशामुक्ति के लिए सरकार के जनजागरूकता अभियान में सहयोग करने का अनुरोध किया था.

अभियान की औपचारिक शुरूआत
शुक्रवार को पत्रकारवार्ता में उमा भारती ने कहा कि, मैंने भोपाल से शराबबंदी अभियान की औपचारिक शुरूआत कर दी है. अब मैं गांव या शहर में शराब दुकानों के सामने खड़ी होने लगूंगी, ऐसा करने से जनमत स्पष्ट होगा और जागरुकता भी आएगी. उन्होंने यह भी कहा कि, नशाबंदी के लिए समाज और शराबबंदी के लिए सरकार को अगुवाई करनी पड़ेगी, क्योंकि शराब दुकानें तो सरकार की नीति से खुलती हैं. मालूम हो कि, इससे पहले भोपाल में एक शराब दुकान के आगे उमा भारती खड़ी हो गई थीं, जिसे देख पूरा गांव भी उनके साथ खड़ा हो गया.

शराब के सख्त खिलाफ हैं उमा भारती
गंगा सागर यात्रा का जिक्र करते हुए उमा भारती ने कहा कि, मेरा स्वयं का भाव पूरा हो गया है और गंगा सागर यात्रा के लिए 2019 से प्रयत्न कर रही थी. शराबबंदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, वह शराब के सख्त खिलाफ हैं. इसको लेकर उमा की सीएम शिवराज से भी बातें हुई हैं. मेरा पूरा फोकस अब शराबबंदी पर ही है. (Uma Bharti on prohibition)

सीएम शिवराज और उमा भारती का प्लान

थोड़ी शराब भी पहुंचा सकती है नुकसान: शोध

कैसे आया शराबबंदी का ख्याल
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि, शराबबंदी का मुद्दा उठाने में मेरी न तो कोई राजनीतिक भावनाएं हैं और न ही मेरा अहंकार. शराबबंदी का भाव मेरे जहन में कोरोना काल के बाद पैदा हुआ. जब मैंने देखा कि लॉकडाउन में शराब से किसी की भी मौत नहीं हुई. शराब बंदी को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान से मेरी घर पर बैठकर बात हुई हैं. उन्होंने मुझे जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा.

40 सीटों पर उमा ने दिलाई जीत
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. उमा भारती ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद चार राज्यों में भाजपा की जीत पर खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी. वहीं 2023 में प्रदेश के आगामी चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि मैं अब भी मध्य प्रदेश में बीजेपी का बड़ा चेहरा हूं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मैंने 40 सीटों पर जीत दिलाई है.

UP Election 2022 Result : यूपी के लिए 'उपयोगी' साबित हुए योगी आदित्यनाथ, भाजपा गठबंधन को 273 सीटें

अब भारत हो रहा भाजपामय
उमा भारती ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से यूपी में जीत दिलाई है. उससे पीएम मोदी को यूपी वाला कहना गलत नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अब भारत भाजपामय हो रहा है. एक समय था जब आजादी के बाद कांग्रेस लगातार 5 से 6 चुनाव जीती थी. अब वह समय नहीं रहा. 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद भारत को एक नई आजादी मिली है. ये बात मैं नहीं कह रही हूं. न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट कह रही है. अब देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा समय आ गया है.

भोपाल। एमपी में शराबबंदी पर नहीं बनी बात तो अब शराब को लेकर उमा, सीएम शिवराज के साथ मिलकर नए अभियान का आगाज करने जा रहीं हैं. इस अभियान में पूर्व मुख्यमंत्री जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को खुद से शराब के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उत्साहित करेंगी. 1अप्रैल से एमपी में शराब सस्ती करने पर सरकार आगे बढ़ चुकी है और नई आबकारी नीति लागू कर रही है.(public awareness campaign regarding prohibition of liquor in MP)

MP में शराबबंदी पर जुगलबंदी!

क्या है नई आबकारी नीति
एमपी के सरकार के फैसला लिया है कि, 1 अप्रैल के बाद से राज्य में व्हिस्की, बीयर, वाइन सभी के दाम घटेंगे. इसके अलावा देसी शराब भी सस्ती होगी. देसी शराब का 110 रुपये में मिलने वाला क्वार्टर 85 रुपये में मिलेगा. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसका फैसला लिया गया, इसी फैसले के बाद शिवराज सरकार ने नई शराब नीति जारी की है. यह एक अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी, जिसके तहत शराब का मार्जिन कम करने का फैसला लिया गया है. इसमें हेरिटेज शराब बनाने पर भी मुहर लगाई गई.

एमपी में शराब के शौकीनों के लिए अच्छी खबर, शिवराज सरकार ने नई शराब नीति की लागू

शिवराज का उमा से अनुरोध
मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर सियासत तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के शराबबंदी आंदोलन को सीएम शिवराज का साथ मिल रहा है. लेकिन शराबबंदी कब होगी इसकी कोई जानकारी फिलहाल किसी को नहीं है. ऐसा होगा भी या नहीं इसे लेकर भी तमाम किंतु -परंतु हैं. शराबबंदी पर जोर दे रही भाजपा नेता उमा भारती ने इसे मामले को लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मुलाकात की थी, इस दौरान सीएम ने उमा से नशामुक्ति के लिए सरकार के जनजागरूकता अभियान में सहयोग करने का अनुरोध किया था.

अभियान की औपचारिक शुरूआत
शुक्रवार को पत्रकारवार्ता में उमा भारती ने कहा कि, मैंने भोपाल से शराबबंदी अभियान की औपचारिक शुरूआत कर दी है. अब मैं गांव या शहर में शराब दुकानों के सामने खड़ी होने लगूंगी, ऐसा करने से जनमत स्पष्ट होगा और जागरुकता भी आएगी. उन्होंने यह भी कहा कि, नशाबंदी के लिए समाज और शराबबंदी के लिए सरकार को अगुवाई करनी पड़ेगी, क्योंकि शराब दुकानें तो सरकार की नीति से खुलती हैं. मालूम हो कि, इससे पहले भोपाल में एक शराब दुकान के आगे उमा भारती खड़ी हो गई थीं, जिसे देख पूरा गांव भी उनके साथ खड़ा हो गया.

शराब के सख्त खिलाफ हैं उमा भारती
गंगा सागर यात्रा का जिक्र करते हुए उमा भारती ने कहा कि, मेरा स्वयं का भाव पूरा हो गया है और गंगा सागर यात्रा के लिए 2019 से प्रयत्न कर रही थी. शराबबंदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, वह शराब के सख्त खिलाफ हैं. इसको लेकर उमा की सीएम शिवराज से भी बातें हुई हैं. मेरा पूरा फोकस अब शराबबंदी पर ही है. (Uma Bharti on prohibition)

सीएम शिवराज और उमा भारती का प्लान

थोड़ी शराब भी पहुंचा सकती है नुकसान: शोध

कैसे आया शराबबंदी का ख्याल
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि, शराबबंदी का मुद्दा उठाने में मेरी न तो कोई राजनीतिक भावनाएं हैं और न ही मेरा अहंकार. शराबबंदी का भाव मेरे जहन में कोरोना काल के बाद पैदा हुआ. जब मैंने देखा कि लॉकडाउन में शराब से किसी की भी मौत नहीं हुई. शराब बंदी को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान से मेरी घर पर बैठकर बात हुई हैं. उन्होंने मुझे जागरूकता अभियान चलाने के लिए कहा.

40 सीटों पर उमा ने दिलाई जीत
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. उमा भारती ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद चार राज्यों में भाजपा की जीत पर खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी. वहीं 2023 में प्रदेश के आगामी चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि मैं अब भी मध्य प्रदेश में बीजेपी का बड़ा चेहरा हूं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मैंने 40 सीटों पर जीत दिलाई है.

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अब भारत हो रहा भाजपामय
उमा भारती ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से यूपी में जीत दिलाई है. उससे पीएम मोदी को यूपी वाला कहना गलत नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अब भारत भाजपामय हो रहा है. एक समय था जब आजादी के बाद कांग्रेस लगातार 5 से 6 चुनाव जीती थी. अब वह समय नहीं रहा. 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद भारत को एक नई आजादी मिली है. ये बात मैं नहीं कह रही हूं. न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट कह रही है. अब देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा समय आ गया है.

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