भोपाल। ये सियासत है जनाब यहां कब क्या हो जाए, पता भी नहीं चलता. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर अपना स्टेटस क्या बदला. सूबे की सियासत में तरह-तरह के कयास लगने शुरु हो गए. सिंधिया ने ट्विटर पर स्टेटस बदला, तो अचानक से ट्विटर पर #mamavapisaarhahai हैस टैग ट्रेंड कर रहा है.
सूबे की सियासत में मची हलचल
ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर पर स्टेटस बदलने के बाद से ही सूबे की सियासत में हलचल मची हुई है. क्योंकि महाराष्ट्र में बीजेपी ने रातों रात जो सियासी खेल दिखाया उससे हर कोई हैरान रह गया. ऐसे में सिंधिया के ट्विटर पर उनका स्टेटस बदले जाने से कांग्रेस में भी हड़कंप मचा हुआ है. जबकि ट्विटर पर #mamavapisaarhahai हैस टैग ट्रेंड करने से भी सूबे की सियासत गर्मा गई है. क्योंकि महाराष्ट्र में बदली सियासत के बाद बीजेपी के बांझे खिली हुई हैं. प्रदेश के कई नेताओं ने तो खुल कर यह तक कह दिया कि, जिस तरह से महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनी है उसी तरह मध्य प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार जल्द बनेगी.
सिंधिया-शिवराज की हो चुकी है मुलाकात
विधानसभा चुनाव के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज सिंह चौहान से उनके घर जाकर मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद भी कई तरह के कयास लगते रहे हैं. हालांकि उस वक्त सिंधिया ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया था. लेकिन सियासी गलियारों में इस मुलाकत के मायने कुछ और निकाले गए. जबकि सिंधिया और शिवराज की मुलाकात लगातार होती रही है. विधानसभा चुनाव में जो सिंधिया सबसे मुखर होकर शिवराज के खिलाफ बोलते थे. वो कांग्रेस सरकार बनने के बाद से लगातार चुप्पी साधे हुए हैं.
सिंधिया की बीजेपी में आने की चल रही है अटकले
सूबे की सियासत में जब से इस बात की चर्चा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस में लगातार उपेक्षा हो रही है. तभी से उनके बीजेपी में आने की चर्चा भी चल रही है. उसके बाद से ही कयासों का दौर जारी है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की बीजेपी में एंट्री हो सकती है. सिंधिया कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर चुके हैं, तो बीजेपी के कुछ नेता तो खुलकर इस बात को कह चुके हैं कि, सिंधिया अगर बीजेपी में आते हैं तो उनका स्वागत हैं. अब अचानक से ट्विटर पर स्टेटस बदलने के बाद से ही इस चर्चा को एक बार फिर बल मिल रहा है.
क्या कांग्रेस से नाराज हैं सिंधिया
पिछले कई महीनों से सूबे की सियासत में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से नाराज हैं. ऐसा इसलिए भी सिंधिया कभी अपनी ही सरकार को घेरते नजर आते हैं, तो कभी खुलकर सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े कर देते हैं. सिंधिया कई बार सीएम कमलनाथ को लोगों की समस्याओं पर पत्र भी लिख चुके हैं. तो उन्हें झाबुआ उपचुनाव में प्रचार के लिए न बुलाया जाना भी सिंधिया की नाराजगी की तरफ साफ इशारा करता है.
कही ये दबाव की राजनीति तो नहीं ?
विधानसभा चुनाव के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा था. लेकिन पद कमलनाथ को दिया गया. जबकि लोकसभा चुनाव हारना सिंधिया के लिए किसी झटके से कम नहीं था. मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सिंधिया के समर्थकों ने जब से उनका नाम आगे बढ़ाया, तब से कांग्रेस आलाकमान ने इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया.
ऐसे में ट्वीटर पर बदले सिंधिया के स्टेटस को दवाब की राजनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए कि सिंधिया की सूबे की सियासत में अच्छी पकड़ है. कमलनाथ सरकार में उनके सर्मथक मंत्रियों की संख्या भी अच्छी खासी है. सिंधिया समर्थक कहे जाने वाले मंत्री प्रद्मुन सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया तो खुलकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद देने की वकालत कर चुके हैं. ऐसे में सिंधिया ट्विटर पर बदला स्टेटस राज्य की राजनीति में क्या नया गुल खिलाता है. यह देखने वाली बात होगी.