भोपाल। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने डॉक्टर्स की कमी पूरी करने का फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है प्रदेश में अगले साल 1 और सरकारी मेडिकल कॉलेज सतना में खोलने की तैयारी की जा रही है ,जिसके बाद प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 13 हो जाएगी, वहीं इन कॉलेजों का इंटेक बढ़कर 1950 हो जाएगा ,चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगले 2 सालों में सीटों की संख्या बढ़कर करीब 3000 तक पहुंच जाएगी, इससे उम्मीद है कि अगले 5 सालों में डॉक्टर्स की कमी काफी हद तक पूरी हो जाएगी.
प्रदेश के सरकारी हॉस्पिटलों में डॉक्टरों की भारी कमी है प्रदेश में सरकारी डॉक्टर के करीब 3000 से ज्यादा पद खाली हैं स्थिति यह है कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों को तो छोड़िए जिला मुख्यालय पर भी डॉक्टरों और विशेषज्ञों की ही स्वीकृत पद खाली पड़े हैं। इन पदों को भरने के लिए सरकार ने तमाम कोशिशें की लेकिन अब तक सरकार को इसमें कामयाबी नहीं मिल पाई है ,डॉक्टरों की कमी को पूरा करने चिकित्सा शिक्षा विभाग स्थाई समाधान की तरफ तेजी से कदम बढ़ा रहा है। विभाग ने पिछले 3 सालों में जहां सरकारी कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी की है वहीं मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है.
साल 2017 -18 में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या 6 थी, जो 2018-19 में बढ़कर 10 हो गई। वर्ष 2019-20 में प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 13 हो जाएगी। सतना मेडिकल कॉलेज भी साल 2021 तक शुरू हो जाएगा। इसकी वजह से सरकारी मेडिकल कॉलेजों का इंटेक भी बढ़ा जाएगा। 2017-18 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों से 800 एमबीबीएस डॉक्टर पढ़ कर निकलते थे, जिनकी संख्या 2018-19 में 13 सौ हो गई है। वहीं अगले साल 2019-20 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों से 1950 एमबीबीएस डॉक्टर पढ़कर निकलेंगे.
इसी तरह मध्य प्रदेश में पीजी की सीटों में भी बढ़ोतरी हुई है 2018-19 में पीजी की सीट 350 से बढ़कर 575 हो गई है। 2020-21 में यह संख्या बढ़कर 13 सौ हो जाएगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला के मुताबिक अगले 5 सालों में सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पढ़कर निकलने वाले डॉक्टरों की वजह से प्रदेश में डॉक्टरों की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी