भोपाल। राजधानी भोपाल में एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आरोपियों को आज एटीएस विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है. अदालत में चार आरोपियों ने स्वीकार किया कि, उनके पास कुछ आपत्तिजनक की जेहादी साहित्य था जिसे उन्होंने निशातपुरा क्षेत्र में बाटा है और वहां भी यह लोगों के संपर्क में थे. इसके अलावा पकड़े गए आरोपियों में से तीन बांग्लादेशी हैं और एक व्यक्ति बिहार का रहने वाला है.(Terrorist in Bhopal)
14 दिन एटीएस रिमांड पर आतंकवादी
आतंकवादी गतिविधियों में पकड़े गए संदिग्ध चारों आरोपियों को जिला न्यायालय भोपाल में विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन एटीएस रिमांड पर दिया गया. एटीएस की तरफ से वकील नीरेंद्र शर्मा ने बताया कि, मुख्य रूप से दो आधार पर एटीएस ने न्यायालय से रिमांड की मांग की थी. पहला आधार यह था कि, सारंगपुर से उन्होंने आपने फर्जी दस्तावेज तैयार करवाएं, जितेन का आधार कार्ड वोटर आईडी कार्ड इत्यादि बनाया गया, अब एटीएस लोगों की भी तलाश करेगी जिन्होंने इन लोगों को नकली दस्तावेज बनाने में जिन लोगों ने भी इनकी मदद की थी. इसके अलावा और कौन-कौन लोग उनके संगठन में जुड़े हुए हैं इसकी भी जांच अभी एटीएस द्वारा की जानी है.
इन पर भी होगी जांच
निशातपुरा क्षेत्र में भी जिन भी लोगों से आरोपियों ने संपर्क किया है और उन्हें जिहादी साहित्य उपलब्ध कराया है. उन सभी की भी विस्तृत जांच होनी है उसके लिए इन सभी की निशानदेही के आधार पर एटीएस कार्रवाई करेगी, क्योंकि इसकी जानकारी आरोपियों ने ही अपनी प्राइमरी पूछताछ में स्वीकार की है. आरोपियों को रिमांड पर लिया गया है जिससे सभी के घर पर इनको ले जा कर जानकारी जुटाई जाए कि कौन-कौन लोग इनके नेटवर्क में जुड़ गए थे. नीरेंद्र शर्मा ने बताया कि, अभी मुख्य रूप से न्यायालय में प्रस्तुत की गई डायरी में आरोपियों के रिमांड से संबंधित आवेदन था, जिसपर कोर्ट ने आगामी 28 तारीख तक के लिए इनको एटीएस को रिमांड पर दे दिया है. केस से संबंधित अन्य साक्षी एटीएस आगामी पेशी में उपलब्ध करेगी.
पकड़े गए संदिग्ध आतंकी बांग्लादेशी निकले
एटीएस द्वारा पकड़े गए संदिग्ध आतंकी से शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि पकड़े गए सभी संदिग्ध आतंकी बांग्लादेश के रहने वाले हैं. इनकी पहचान फजहर अली उर्फ मेहमूद पिता अशरफ इस्लाम (32), मोहम्मद अकील उर्फ अहमद पिता नूर अहमद शेख (24), जहूरउद्दीन उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली पिता शाहिद पठान (28) और फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल हसन उर्फ हुसैन पिता अब्दुल रहमान के रूप में हुई है.
पूछताछ में पता चला है कि सभी संदिग्ध आतंकी संगठन जेएमबी के सदस्य थे. भोपाल में रहकर संगठन के लिए स्लीपर सेल तैयार करने का काम कर रहे थे. ताकि भविष्य में किसी बड़ी देश विरोधी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके. पुलिस के मुताबिक जेएमबी माॅड्यूल किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था.
बेहद खतरनाक है जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश यानी जेएमबी एक खतरनाक आतंकी संगठन है. यह संगठन बांग्लादेश में कई सीरियल ब्लास्ट का जिम्मेदार रहा है. साल 2005 में इस संगठन ने बांग्लादेश के 50 शहरों और कस्बों के 300 स्थानों पर करीब 500 छोटे बम विस्फोट किए थे. संगठन द्वारा बांग्लादेश में बड़े स्तर पर नरसंहार किया गया.
विभिन्न देशों में फैले हैं स्लीपर सेल
साल 2014 में भारत के पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट किया था, जिसमें 2 लोग मारे गए थे. साल 2018 में बोधगया में भी बम ब्लास्ट किया गया था. ऐसे घटनाओं में संगठन का नाम आने के बाद भार सरकार द्वारा साल 2019 में इसे 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था. एटीएस के मुताबिक प्रतिबंध के बाद आतंकी संगठन द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्लीपर सेल तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके.