भोपाल। मध्य प्रदेश स्टेट ओपन स्कूल की रुक जाना नहीं योजना का रजिस्ट्रेशन 15 मई तक हो रहा है. इसके बाद जून के पहले सप्ताह से एग्जाम शुरू होंगे, जबकि जुलाई में इसका रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा. इस योजना के तहत एमपी बोर्ड में फेल हुए छात्र एक बार फिर से अपना भाग्य आजमा सकते हैं. 29 अप्रैल को मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे घोषित हुए थे. लेकिन इसमें कई छात्र इस बार दसवीं और बारहवीं के एग्जाम में फेल हो गए हैं. जिसके बाद इनके सामने भविष्य की चिंता है.
फेल हुए छात्रों को एक और मौका: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई स्टेट ओपन स्कूल, रुक जाना नहीं योजना, छात्रों के लिए काफी लाभदायक है. इस योजना के तहत फेल हुए छात्र उन सब्जेक्टओं का दोबारा इस योजना के माध्यम से एग्जाम दे सकते हैं. ओपन स्कूल के संचालक पीआर तिवारी के अनुसार 15 मई तक ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर छात्र आवेदन कर सकते हैं. जिसके बाद जून के पहले सप्ताह से परीक्षाओं का सिलसिला शुरू होगा और जुलाई में इसका रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा. ताकि बच्चे अगस्त से अपने-अपने कॉलेजों और कक्षाओं में एडमिशन ले सकें.
छात्र कैसे करें अप्लाई: इसके लिए सबसे पहले ओपन स्कूल की ऑफिशियल वेबसाइट mpsos.nic.in पर जाएं. इसके बाद वेबसाइट पर दिए गए रुक जाना नहीं योजना के रजिस्ट्रेशन के लिंक पर क्लिक करें. अब एप्लीकेशन फॉर्म में मांगी गई जानकारी को भरें. मांगे गए डॉक्यूमेंट को अपलोड करें और सभी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद एप्लीकेशन का प्रिंट ले लें.
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कितने सब्जेक्ट में छात्र दे सकते हैं परीक्षा: रुक जाना नहीं योजना के तहत छात्र सभी सब्जेक्ट में परीक्षा दे सकते हैं. लेकिन माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं में सप्लीमेंट्री वाले छात्र इस योजना के माध्यम से परीक्षा नहीं दे सकते. उन्हें सप्लीमेंट्री ही देनी होगी.
परीक्षा का शुल्क : राज्य ओपन से दसवीं का एक पेपर देने वालों को ₹650 जमा करने होंगे, जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला या विकलांग को ₹415 देने होंगे. वहीं पांच विषयों के लिए सामान्य छात्र को ₹2010 देने होंगे तो बाकी को 1310. इसी तरह 12वीं के सामान्य छात्रों को एक पेपर के लिए ₹730 देने होंगे, जबकि बीपीएल, अनुसूचित जाति-जनजाति और महिला या विकलांग को ₹500 सामान्य जाति के छात्रों को 5 सब्जेक्ट के 2210 देने होंगे, जबकि अन्य को 1410.
आत्महत्याओं की घटना पर लगा अंकुश: ओपन स्कूल के संचालक पीआर तिवारी के अनुसार रुक जाना नहीं योजना के बेहतर परिणाम पिछले बार भी सामने आए हैं. इसके माध्यम से पहले के दशकों में जो आत्महत्याओं की घटनाएं फेल होने पर छात्रों द्वारा होती थी, उस पर अंकुश लगा है. ऐसे में छात्रों से अनुरोध है कि वह अपने भविष्य को देखते हुए निराश ना हो और रुक जाना नहीं योजना के माध्यम से एक बार फिर परीक्षा दे सकते हैं.