भोपाल। एमपी ATS ने जेएमबी के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जिनका बांग्लादेश से कनेक्शन निकला. आतंकी खतरे को देखते हुए आधा दर्जन राज्यों की एटीएस टीमों ने मध्यप्रदेश में अपना डेरा डाल लिया है. इसके अलावा खुफिया एजेंसियों की टीम भी भोपाल पहुंच चुकी हैं. पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं. पता चला है कि जमात-उल-मुजाहिद्दीन बाग्लादेश संगठन मध्यप्रदेश के अलावा कई और राज्यों में सक्रिय सदस्यों की संख्या बढ़ाने में जुटा हुआ था. जिसके बाद पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, असम, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश की एटीएस आतंकियों से जानकारी निकलवाने में जुटी हुई है. वहीं विदेश मंत्रालय की टीम भी जांच कर रही है.
आतंकियों के निशाने पर हैं ऐसे लोग
आतंकियों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. वे ऐसे युवाओं को टारगेट करते हैं, जो सोशल मीडिया पर धर्म विशेष को लेकर खुलकर अपने विचार रखते हैं. सोशल मीडिया के जरिए उनसे संपर्क करने बाद ऐसे युवकों से मिलते हैं और धीरे-धीरे जेएमबी संगठन से जुड़ने के लिए बरगलाते हैं. यह बात भी सामने आई है कि जेएमबी के सदस्य दो तरह के बनाए जाते हैं, पहले कायरी अहसार यानी अंशकालीन और दूसरा ऐहसान यानी फुलटाइम. आतंकवादी बांग्लादेश में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर काम कर रहे थे.
विदेश मंत्रालय एमपी एटीएस के संपर्क में
जेएमबी के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद अलग-अलग राज्यों की एटीएस टीमें जानकारियां निकलवाने में जुटी हैं. आतंकियों का देवबंद कनेक्शन भी निकला है, लिहाजा उत्तर प्रदेश की टीमें जानकारी पता लगाने की कोशिश में हैं कि इनके संपर्क में और कौन-कौन है. इसके अलावा वर्धमान में हुए ब्लाॅस्ट, पश्चिम बंगाल कनेक्शन को लेकर भी जानकारी पता की जा रही है. उधर नेशनल एजेंसी आतंकियों के दूसरे राज्यों में लिंक का पता लगाने की कोशिश में जुटी हैं. उधर विदेशी आतंकियों की जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा करने के लिए विदेश मंत्रालय की टीम भी लगातार एमपी एटीएस के संपर्क में हैं. आतंकियों के मददगारों और संपर्कों की तलाश तेज कर दी गई है.
(States ATS teams active in MP) (Jamaat ul Mujahideen Bangladesh terrorist organization)