ETV Bharat / city

मां और फर्ज, कोरोना संकट में दोनों को अच्छे से निभा रही यह महिला कर्मचारी

भोपाल में बढ़ते कोरोना के बीच कुछ कोरोना वॉरियर्स अपना फर्ज और अपनी जिम्मेदारी दोनों निभा रहे हैं. जिसका एक उदाहरण है भोपाल के विद्युत विभाग में काम करने वाली प्रगति तायड़े. जो अपनी सात माह की बेटी को लेकर ड्यूटी पर जा रहीं हैं, ताकि बेटी की देखभाल भी हो सके और काम भी.

bhopal news
भोपाल मदर्स डे स्पेशल स्टोरी
author img

By

Published : May 10, 2020, 3:04 PM IST

Updated : May 10, 2020, 8:27 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच लोग अपना फर्ज भी निभा रहे हैं और जिम्मेदारी भी. कुछ ऐसी ही कहानी है भोपाल में विद्युत विभाग में काम करने वाली महिला कर्मचारी प्रगति तायड़े की. प्रगति कोरोना जैसी आपातकाल स्थिति में भी अपनी सात माह की बेटी को लेकर कार्यालय आती हैं. ताकि अपनी ड्यूटी कर सकें.

भोपाल मदर्स डे स्पेशल स्टोरी

प्रगति ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि जब बेटी को साथ लेकर काम पर आती हैं तो उन पर सभी की नजरें होती है. लेकिन प्रगति का कहना है कि बच्चे को ऑफिस लाना उनकी मजबूरी है. क्योंकि उनके पति भी बाहर जॉब करते हैं और उनके अलावा घर में कोई नहीं है. इसलिए वह अपनी बेटी को साथ लेकर आती हैं ताकि बेटी की देखरेख हो सके.

विद्युत  विभाग में काम करती हैं शीतल तायड़े
विद्युत विभाग में काम करती हैं शीतल तायड़े

ये भी पढ़ेंः मदर्स डे स्पेशल : 'दुनिया में सब कुछ थम सकता है लेकिन मां का प्रेम कभी नहीं...'

फर्ज और जिम्मेदारी दोनों निभाना है

प्रगति ने कहा कि वह विद्युत विभाग में काम करती हैं. इसलिए यहां जिम्मेदारी बढ़ जाती है. क्योंकि इस वक्त सभी लोग अपने घरों में हैं. जिससे बिजली की सप्लाई बराबर होती रहे इस बात का ध्यान पूरा बिजली विभाग रख रहा है. इसलिए वे अपनी ड्यूटी भी पूरी ईमानदारी से निभाती हैं. लेकिन बच्चे का ख्याल भी रखना है. इसलिए इस मुश्किल वक्त में वे फर्ज और जिम्मेदारी दोनों को निभा रही हैं.

ड्यूटी पर काम करती शीतल तायड़े
ड्यूटी पर काम करती शीतल तायड़े

ये भी पढ़ेंः मदर्स डे: एक महिला ऐसी भी, पूरा जीवन और कमाई बेजुबानों पर समर्पित

प्रगति का कहना है कि मां के लिए कोई काम बड़ा नहीं होता. एक मां बच्चों के लिए कुछ भी कर सकती है. जैसे शीतल उनकी बच्ची की अच्छी परवरिश के लिए कोरोना की आपातकालीन स्थिति में काम कर रही हैं. प्रगति ने कहा कि देश में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां एक मां बच्चों के लिए कुछ भी करती हैं. इसलिए हमें भी अपने जज्बे के साथ चलते रहना होगा. कोरोना की आपातकाल स्थिति में जो मां सेवाएं दे रही हैं उनके संघर्ष को देखते हुए शीतल ने एक कविता भी लिखी है. जिसका शीषर्क है नारी शक्ति है. जिसे उन्होंने ईटीवी भारत के साथ शेयर किया और मदर्स डे पर सभी मां को नारी शक्ति का सम्मान दिया.

अपनी सात माह की बेटी के साथ शीतल तायड़े
अपनी सात माह की बेटी के साथ शीतल तायड़े

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच लोग अपना फर्ज भी निभा रहे हैं और जिम्मेदारी भी. कुछ ऐसी ही कहानी है भोपाल में विद्युत विभाग में काम करने वाली महिला कर्मचारी प्रगति तायड़े की. प्रगति कोरोना जैसी आपातकाल स्थिति में भी अपनी सात माह की बेटी को लेकर कार्यालय आती हैं. ताकि अपनी ड्यूटी कर सकें.

भोपाल मदर्स डे स्पेशल स्टोरी

प्रगति ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि जब बेटी को साथ लेकर काम पर आती हैं तो उन पर सभी की नजरें होती है. लेकिन प्रगति का कहना है कि बच्चे को ऑफिस लाना उनकी मजबूरी है. क्योंकि उनके पति भी बाहर जॉब करते हैं और उनके अलावा घर में कोई नहीं है. इसलिए वह अपनी बेटी को साथ लेकर आती हैं ताकि बेटी की देखरेख हो सके.

विद्युत  विभाग में काम करती हैं शीतल तायड़े
विद्युत विभाग में काम करती हैं शीतल तायड़े

ये भी पढ़ेंः मदर्स डे स्पेशल : 'दुनिया में सब कुछ थम सकता है लेकिन मां का प्रेम कभी नहीं...'

फर्ज और जिम्मेदारी दोनों निभाना है

प्रगति ने कहा कि वह विद्युत विभाग में काम करती हैं. इसलिए यहां जिम्मेदारी बढ़ जाती है. क्योंकि इस वक्त सभी लोग अपने घरों में हैं. जिससे बिजली की सप्लाई बराबर होती रहे इस बात का ध्यान पूरा बिजली विभाग रख रहा है. इसलिए वे अपनी ड्यूटी भी पूरी ईमानदारी से निभाती हैं. लेकिन बच्चे का ख्याल भी रखना है. इसलिए इस मुश्किल वक्त में वे फर्ज और जिम्मेदारी दोनों को निभा रही हैं.

ड्यूटी पर काम करती शीतल तायड़े
ड्यूटी पर काम करती शीतल तायड़े

ये भी पढ़ेंः मदर्स डे: एक महिला ऐसी भी, पूरा जीवन और कमाई बेजुबानों पर समर्पित

प्रगति का कहना है कि मां के लिए कोई काम बड़ा नहीं होता. एक मां बच्चों के लिए कुछ भी कर सकती है. जैसे शीतल उनकी बच्ची की अच्छी परवरिश के लिए कोरोना की आपातकालीन स्थिति में काम कर रही हैं. प्रगति ने कहा कि देश में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां एक मां बच्चों के लिए कुछ भी करती हैं. इसलिए हमें भी अपने जज्बे के साथ चलते रहना होगा. कोरोना की आपातकाल स्थिति में जो मां सेवाएं दे रही हैं उनके संघर्ष को देखते हुए शीतल ने एक कविता भी लिखी है. जिसका शीषर्क है नारी शक्ति है. जिसे उन्होंने ईटीवी भारत के साथ शेयर किया और मदर्स डे पर सभी मां को नारी शक्ति का सम्मान दिया.

अपनी सात माह की बेटी के साथ शीतल तायड़े
अपनी सात माह की बेटी के साथ शीतल तायड़े
Last Updated : May 10, 2020, 8:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.