नई दिल्ली। कई राज्यों में हथियारों के लिए कारतूस मुहैया कराने वाले एक तस्कर को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान जितेंद्र उर्फ जीतू के रूप में की गई है. उसके पास से दो सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल और 105 जिंदा कारतूस बरामद किया गया है.
उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. इससे पहले वह चोरी, लूट, शराब तस्करी जैसी वारदातों में भी शामिल रहा है.
1250 कारतूस बरामद
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार, 7 जुलाई को स्पेशल सेल की टीम ने दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार और मध्यप्रदेश में कारतूसस पहुंचाने वाले दो तस्करों को गिरफ्तार किया था. इनकी पहचान शिकोहाबाद निवासी प्रवीण वर्मा और प्रतीक वर्मा के रूप में की गई थी.
इसके अलावा गोली लेने वाले मदनपुर खादर निवासी सोनू सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से 1250 कारतूस बरामद हुआ था. आरोपी ने पूछताछ में बताया था कि वह जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू के लिए काम करते हैं, जो राजस्थान के धौलपुर का रहने वाला है.
अदालत ने जारी किया था गैर जमानती वारंट
बीते 23 सितंबर को क्राइम ब्रांच ने मध्य प्रदेश निवासी जितेंद्र कुमार और आगरा निवासी राजबहादुर को 26 सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल के साथ स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि वह भी जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू से हथियार लेकर आते हैं.
इसके बाद से लगातार जितेंद्र सिंह की तलाशी में पुलिस की टीम छापेमारी कर रही थी. उसके खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था.
राजस्थान से गिरफ्तार हुआ जितेंद्र
हाल ही में स्पेशल सेल को पता चला कि राजस्थान के धौलपुर में जितेंद्र मौजूद है. इस जानकारी पर इंस्पेक्टर अजय कुमार और रविंद्र त्यागी की टीम ने धौलपुर में छापा मारकर उसे पकड़ लिया. उसके पास से दो सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल एवं कारतूस बरामद हुए.
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वर्ष 2004 में ट्रैक्टर ट्रॉली चुराने के मामले में उसे पुलिस ने पहली बार गिरफ्तार किया था. इस वारदात के बाद उसे परिजनों ने मध्यप्रदेश के मुरैना स्थित मामा के घर भेज दिया था. वहां उसने एक शख्स से राइफल छीन ली और इसका इस्तेमाल कर लूटपाट और चोरी की वारदातों को अंजाम दिया.
शराब तस्करी से लेकर जबरन उगाही में रहा शामिल
आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसकी मुलाकात मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के शराब तस्करों से हुई और वह शराब तस्करी करने लगा. लूटपाट और जबरन उगाही भी वह करता रहा. साल 2007 में उस पर 10 हजार रुपये का इनाम मध्य प्रदेश पुलिस की तरफ से घोषित किया गया था.
वर्ष 2007 में उसने अपने साथी के साथ एक डायमंड कारोबारी को गोली मार दी थी. उसे आगरा एसटीएफ ने 2008 में गिरफ्तार किया था. वर्ष 2009 में वह जेल से बाहर निकला और उसके बाद फिर से अपराध में लिप्त हो गया.
डेढ़ वर्ष से कर रहा था हथियारों की सप्लाई
वर्ष 2017 में महेश और चंद्रकांत के साथ लूट के मामले में वह गिरफ्तार किया गया. इस मामले में 19 महीनों तक जेल में रहा. वर्ष 2018 में वह जमानत पर बाहर आया था. जेल में रहने के दौरान वह दिल्ली एनसीआर के बदमाशों से संपर्क में आया और बाहर निकलने के बाद उन्हें हथियार सप्लाई करने लगा.
वह हथियारों पर जहां 50 से 100 फीसदी का मुनाफा कमाया था तो वहीं गोलियों पर 200 से 300 फीसदी का मुनाफा कमाता था. उसने अपने गांव में 30 बीघा जमीन भी खरीद ली थी.