भोपाल। मध्यप्रदेश में शासकीय कर्मियों की पदोन्नति में आरक्षण (promotion-in-reservation) को लेकर मंत्री समूह की बैठक एक बार फिर बेनतीजा रही. अब अगली बैठक 17 फरवरी को होगी. बैठक में अजाक्स और सपाक्स दोनों कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद रहे. इस दौरान मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अजाक्स और सपाक्स संगठन के पदाधिकारी आपस में चर्चा कर निर्णय लें. वहीं सपाक्स ने बैठक में एक तरफा कार्रवाई करने को लेकर आपत्ति जताई है. इसके अलावा सुझाव दिया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर टाइम बाउंड प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की जाए.
फिर से कोर्ट जाएगा सपाक्स
सपाक्स के अध्यक्ष केएस तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार क्रीमिलेयर की शर्त लागू की जानी चाहिए. अगर कमेटी क्रीमिलेयर की शर्त लागू नहीं करती है तो वह फिर से कोर्ट जाएंगे. उन्होंने क्वालिफाइंग परीक्षा होने की भी बात की. यदि किसी कर्मचारी ने आरक्षण का लाभ लिया है तो वह अनारक्षित की सीट में नहीं आएगा. वहीं अजाक्स के अध्यक्ष जेएन कंसोटिया ने कहा कि संविधान के मुताबिक नियम तैयार किए जाने चाहिए. सपाक्स पदाधिकारियों ने कहा कि वह न्यायालय के निर्णय का इंतजार करेंगे.
सभी पक्षों की सहमति से ही होगा फैसला: मिश्रा
मंत्री समूह के अध्यक्ष नरोत्तम मिश्रा ने कहा की पदोन्नति में आरक्षण का फैसला सभी की सहमति से लिया जाएगा. बैठक में कई मंत्रियों सहित अधिकारी मौजूद रहे. मध्यप्रदेश में लंबे समय से प्रमोशन में आरक्षण को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में अटका था. लेकिन कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे इसके लिए डेटा तैयार करें और अपने हिसाब से आरक्षण दें. प्रदेश में चार लाख से अधिक कर्मचारी पदोन्नति की कतार में हैं, वह छह साल से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं. (MP government employees promotion) (promotion in reservation)