उज्जैन। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को आयुर्वेद विशेषज्ञों से इस क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा कि, 'ग्रामीण इलाकों में अब तक इस पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति का कोई विकल्प नहीं है.' अखिल भारतीय आयुर्वेद सम्मेलन के 59वें सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा, आयुर्वेद जीवन का विज्ञान है. उन्होंने यहां एक सरकारी आयुर्वेद कॉलेज को लोगों को समर्पित किया.(President Ramnath Kovind in Ujjain)
भारत गांवों का देश है: कोविंद ने कहा कि 'भारत गांवों का देश है, यहां कि पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद है और अभी तक कोई वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली अपनी जगह नहीं ले पाई है.' उन्होंने आयुर्वेद के विशेषज्ञों से क्षेत्र में अनुसंधान, प्रलेखन और मान्यता को बढ़ावा देने और इस भारतीय चिकित्सा प्रणाली को लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया.
आयुर्वेद के प्रति लोगों का झुकाव: राष्ट्रपति कोविंद ने कहा "यह आयुर्वेद के ज्ञान को प्रगति और अधिक गहराई से समझने का समय है, वैज्ञानिकों को चुनौती का सामना करना चाहिए क्योंकि दुनिया को तकनीक पहुंचाना समय की मांग है. यह हम सभी के लिए एक बड़ी चुनौती है, मुझे उम्मीद है कि आप सभी इसे अपनाएंगे.' महामहिम ने कहा, 'यह गर्व की बात है कि आयुर्वेद में अनुसंधान मॉरीशस सहित दुनिया के लगभग 20 देशों में किया जा रहा है।" आयुर्वेद के प्रति लोगों का झुकाव COVID-19 महामारी के परीक्षण समय के दौरान बढ़ा, जब इसने कई लोगों को बचाया.'
आयुर्वेद है सबसे अलग: राष्ट्रपति ने कहा, 'अनुसंधान से जुड़े लोगों से यह उम्मीद की जाती है कि आयुर्वेद को बीमारियों और महामारियों के इलाज के लिए अधिक प्रभावी और लोकप्रिय बनाया जाए. दुनिया में दवाओं की कई प्रणालियां हैं, लेकिन आयुर्वेद उनसे अलग है.'
राष्ट्रपति ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री की सराहना की: राष्ट्रपति ने कहा कि 'पैथी शब्द दुनिया में दवाओं की विभिन्न प्रणालियों (एलोपैथी, होम्योपैथी) से जुड़ा है. पैथी का अर्थ है रोगों के उपचार की प्रणाली, लेकिन आयुर्वेद स्वास्थ्य की देखभाल करने के साथ ही बीमारी की उपचार और तनाव पर रोकथाम प्रदान करता है.' उन्होंने कहा, 'बीमारी के मूल कारण का पता लगाने और इसे खत्म करने का प्रयास किया जाता है, हम सभी को आयुर्वेद का इतना समृद्ध पारंपरिक ज्ञान प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त है.' कोविंद ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं और आयुर्वेद को पुनर्जीवित करने के लिए मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सराहना की.
आयुर्वेद केंद्र बने एमपी: महामहिम ने कहा कि, 'मध्यप्रदेश को देश में आयुर्वेद गंतव्य बनने का प्रयास करना चाहिए, मुख्यमंत्री चौहान इस चिकित्सा प्रणाली में गहरी रुचि दिखा रहे हैं. अगर एमपी देश में आयुर्वेद केंद्र बन जाता है, तो इसका श्रेय जनता और सरकार को जाएगा. 2014 में आयुष मंत्रालय (जो आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के लिए खड़ा है) के निर्माण ने पारंपरिक भारतीय चिकित्सा को बढ़ावा दिया है.'